हर साल लाखों युवा यूपीएससी की कठिन परीक्षा में हिस्सा लेते हैं, लेकिन उनमें से कुछ ही अपने सपनों को सच कर पाते हैं। इन चुनिंदा लोगों में से कुछ की कहानियाँ इतनी प्रेरणादायक होती हैं कि वे हर किसी के लिए मिसाल बन जाती हैं। ऐसी ही एक कहानी है उत्तर प्रदेश के बागपत जिले के बड़ौत गांव की रूपल राणा की, जिन्होंने अपनी मेहनत और हिम्मत से यूपीएससी में सफलता हासिल की और अपने परिवार का नाम रोशन किया।
माँ की मृत्यु के बाद भी नहीं टूटी हिम्मतरूपल राणा की जिंदगी आसान नहीं थी। यूपीएससी की तैयारी के दौरान उनकी माँ अंजू राणा का निधन हो गया। यह उनके लिए बहुत बड़ा झटका था, लेकिन उन्होंने हार नहीं मानी। अपने पिता के समर्थन और अपनी मेहनत के दम पर उन्होंने यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा (सीएसई) पास की और 2024 बैच की आईएएस अधिकारी बनीं। उनकी इस उपलब्धि ने न सिर्फ उनके परिवार, बल्कि पूरे गांव को गर्व से भर दिया।
पढ़ाई से लेकर यूपीएससी तक का सफररूपल का परिवार दिल्ली की लाजपत नगर पुलिस कॉलोनी में रहता है। उनके पिता जसवीर राणा दिल्ली पुलिस में सहायक उप-निरीक्षक (एएसआई) हैं। रूपल ने अपनी शुरुआती पढ़ाई बागपत के जेपी पब्लिक स्कूल से की, जहां उन्होंने 10वीं कक्षा में 10 सीजीपीए हासिल किया। इसके बाद, उन्होंने राजस्थान के पिलानी में बिड़ला प्रौद्योगिकी और विज्ञान संस्थान से 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पूरी की। फिर, दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की डिग्री हासिल की।
दो बार असफलता, फिर भी नहीं रुका जुनूनयूपीएससी की राह कभी आसान नहीं होती, और रूपल के लिए भी यह सफर चुनौतियों से भरा था। उन्होंने दो बार यूपीएससी परीक्षा में असफलता का सामना किया, लेकिन हर बार उन्होंने और मेहनत की। अपनी माँ के सपनों और पिता के विश्वास को ताकत बनाकर उन्होंने 2023 में तीसरे प्रयास में यूपीएससी सीएसई में 26वीं रैंक हासिल की। यह उनकी मेहनत और लगन का नतीजा था।
माता-पिता का अटूट समर्थनरूपल अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को देती हैं। उनकी माँ अंजू राणा हमेशा चाहती थीं कि रूपल यूपीएससी पास करके देश की सेवा करें। भले ही माँ परिणाम देखने के लिए जीवित न रहीं, लेकिन उनकी प्रेरणा ने रूपल को कभी हारने नहीं दिया। उनके पिता जसवीर राणा ने भी हर कदम पर उनका साथ दिया और उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया।
माँ का सपना, बेटी ने किया पूरारूपल की माँ अंजू का सपना था कि उनकी बेटी यूपीएससी पास करके परिवार का नाम रोशन करे। उनकी प्रेरणा ने रूपल को 2023 में तीसरे प्रयास में परीक्षा देने की हिम्मत दी। रूपल ने न सिर्फ यह सपना पूरा किया, बल्कि 26वीं रैंक हासिल करके पूरे देश में अपनी पहचान बनाई। आज वह 2024 बैच की आईएएस अधिकारी हैं और युवाओं के लिए एक मिसाल बन चुकी हैं।
You may also like
ENG ने टी-20 मैच में ठोके 304 रन, साउथ अफ्रीका के खिलाफ फिल सॉल्ट ने बनाए 141 रन
तंदूरी रोटी के स्वास्थ्य पर प्रभाव: जानें इसके नुकसान
क्या खर्राटे लेना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है?
महिला ने प्रेमी को किडनी दान की, फिर मिली धोखे की सच्चाई
पाकिस्तान के बल्लेबाज का आसान कैच टपकाने पर ओमान के गेंदबाज का गुस्सा फूटा, मैदान पर ही सुनाई खरी-खोटी; VIDEO