कानपुर के कल्याणपुर में एक दिल दहला देने वाला सड़क हादसा हुआ, जिसने न केवल एक परिवार को तोड़ दिया, बल्कि समाज की संवेदनशीलता पर भी गहरे सवाल खड़े कर दिए। बीएससी नर्सिंग की छात्रा Alshifa और उनके 15 वर्षीय भाई Mohammad Tauheed एक तेज रफ्तार लोडर की चपेट में आ गए। करीब 45 मिनट तक सड़क पर तड़पते रहे, लेकिन आसपास मौजूद लोग उनकी मदद करने के बजाय मोबाइल में वीडियो बनाने में व्यस्त रहे। यह घटना न केवल दुखद है, बल्कि मानवता के लिए एक शर्मनाक दाग भी है।
सपनों का अधूरा सफरAlshifa, जो बीएससी नर्सिंग के साथ-साथ बीए प्रथम वर्ष की पढ़ाई कर रही थी, अपने परिवार का नाम रोशन करना चाहती थी। दो दिन पहले ही वह राजस्थान से परीक्षा देकर लौटी थी। उसका भाई Mohammad Tauheed भी स्कूटी पर उसके साथ अरौल में परीक्षा देने जा रहा था। लेकिन, नियति को कुछ और ही मंजूर था। सुबह-सुबह एक तेज रफ्तार लोडर ने उनकी स्कूटी को टक्कर मार दी, और दोनों सड़क पर गिर पड़े। यह हादसा इतना भयानक था कि दोनों गंभीर रूप से घायल हो गए।
मदद की बजाय बनीं वीडियोहादसे के बाद जो हुआ, वह और भी दर्दनाक है। आसपास मौजूद लोग, जिनमें दो नर्सिंग होम के कर्मचारी भी शामिल थे, घायल भाई-बहन की मदद करने के बजाय अपने मोबाइल फोन में वीडियो बनाने में जुट गए। करीब पौन घंटे तक Alshifa और Mohammad Tauheed सड़क पर तड़पते रहे, लेकिन किसी ने न तो पुलिस को सूचना दी और न ही एंबुलेंस को बुलाया। इस दौरान सैकड़ों लोग वहां से गुजरे, लेकिन कोई भी मदद के लिए आगे नहीं आया। आखिरकार, जब पुलिस और एंबुलेंस मौके पर पहुंची, तब तक बहुत देर हो चुकी थी। दोनों को LLR Hospital ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।
परिवार पर टूटा दुखों का पहाड़हादसे के बाद Alshifa और Mohammad Tauheed के शव जब उनके मसवानपुर स्थित घर पहुंचे, तो पूरे मोहल्ले में मातम छा गया। मां Khushnuma का रो-रोकर बुरा हाल था। वह बार-बार यही कह रही थीं, "मेरा घर उजड़ गया, मेरे बच्चे चले गए।" परिवार की आर्थिक और मानसिक स्थिति पूरी तरह चरमरा गई है। पड़ोसी और रिश्तेदार उन्हें ढांढस बंधाने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन इस दुख की घड़ी में कोई सांत्वना उनके जख्मों को कम नहीं कर सकती।
पुलिस की कार्रवाई और न्याय की उम्मीदKalyanpur Police Station के प्रभारी Sudhir Kumar ने बताया कि लोडर चालक हादसे के बाद फरार हो गया। पुलिस अब आसपास लगे CCTV Cameras की फुटेज खंगाल रही है, ताकि चालक की पहचान कर उसे गिरफ्तार किया जा सके। परिवार को इस दुखद घटना की जानकारी दे दी गई है, और पुलिस ने आश्वासन दिया है कि जल्द ही दोषी को सजा मिलेगी। परिवार अब न्याय की आस में बैठा है, लेकिन इस हादसे ने समाज के सामने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
समाज के लिए एक सबकयह हादसा केवल एक सड़क दुर्घटना नहीं है, बल्कि यह समाज की उस ठंडी संवेदनशीलता को दर्शाता है, जो आज के समय में लोगों में घर कर गई है। मदद की जरूरत पड़ने पर हाथ बढ़ाने के बजाय मोबाइल से वीडियो बनाना और सोशल मीडिया पर वायरल करने की होड़ ने इंसानियत को शर्मसार कर दिया है। इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर किया है कि क्या हमारा समाज इतना असंवेदनशील हो गया है कि एक जिंदगी बचाने की बजाय उसे वीडियो में कैद करना ज्यादा जरूरी हो गया है?
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