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गूगल का अनोखा फैसला, बिना काम किए कर्मचारियों को मिल रही सालभर की सैलरी!

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आज के दौर में जहां बड़ी-बड़ी टेक कंपनियां अपने कर्मचारियों की छंटनी कर रही हैं, वहीं गूगल ने एक ऐसा कदम उठाया है, जिसे सुनकर हर कोई हैरान है। कल्पना करें कि आपको पूरे साल तक बिना कुछ किए सैलरी मिले—हैरानी की बात है न? गूगल की एआई शाखा डीपमाइंड के कुछ इंजीनियरों के साथ ऐसा ही हो रहा है। यह खबर न सिर्फ चौंकाने वाली है, बल्कि यह भी बताती है कि टेक दिग्गज अपने टैलेंट को कैसे अपने पास रखना चाहते हैं। आइए, इस अनोखी कहानी को करीब से समझते हैं।

बिना काम के सैलरी का राज

बिजनेस इनसाइडर की एक रिपोर्ट के मुताबिक, गूगल की डीपमाइंड टीम के कुछ पुराने कर्मचारी अभी भी कंपनी से मोटी सैलरी ले रहे हैं, लेकिन वे ऑफिस में एक मिनट भी काम नहीं कर रहे। यह सुनकर आपको लग सकता है कि ऐसा कैसे मुमकिन है? दरअसल, इसके पीछे है "नॉनकंपिट एग्रीमेंट" यानी एक ऐसा करार, जो कर्मचारियों को कंपनी छोड़ने के बाद तुरंत किसी दूसरी बड़ी टेक कंपनी में जाने से रोकता है। गूगल ने अपने इन खास इंजीनियरों को प्रतिद्वंद्वी कंपनियों में जाने से बचाने के लिए यह रास्ता चुना है।

क्या है "एक्सटेंडेड गार्डन लीव"?

गूगल ने इसे "एक्सटेंडेड गार्डन लीव" का नाम दिया है। आसान भाषा में कहें तो इन कर्मचारियों को एक लंबी छुट्टी पर भेज दिया गया है, लेकिन उनकी सैलरी बंद नहीं हुई। वे तकनीकी रूप से कंपनी का हिस्सा नहीं हैं, फिर भी उन्हें पूरे साल तक वेतन मिलता रहेगा। इसका मकसद साफ है—गूगल नहीं चाहता कि उसका टैलेंट दूसरी कंपनियों, जैसे मेटा या अमेजन, के लिए काम करे। यह रणनीति न सिर्फ गूगल की स्मार्ट सोच को दिखाती है, बल्कि यह भी बताती है कि टेक इंडस्ट्री में प्रतिभा की कितनी कीमत है।

कर्मचारियों के लिए सपना, दूसरों के लिए सवाल

सोचिए, अगर आपको बिना काम के सालभर का वेतन मिले, तो कैसा लगेगा? डीपमाइंड के इन इंजीनियरों के लिए यह किसी सपने से कम नहीं। लेकिन दूसरी तरफ, यह सवाल भी उठता है कि क्या यह पैसा बर्बाद नहीं हो रहा? कुछ लोग इसे गूगल की दूरदर्शिता मानते हैं, तो कुछ इसे फिजूलखर्ची कह रहे हैं। टेक विशेषज्ञों का कहना है कि गूगल जैसी कंपनियां अपने एआई टैलेंट को किसी भी कीमत पर खोना नहीं चाहतीं, क्योंकि यह उनके भविष्य की नींव है।

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