शिमला, 31 जुलाई (Udaipur Kiran) । हिमाचल प्रदेश में मानसून का प्रकोप लगातार जारी है और छह अगस्त तक कई जिलों में भारी बारिश का येलो अलर्ट जारी किया गया है। आज कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में भी भारी वर्षा का येलो अलर्ट है। गुरुवार सुबह तक कांगड़ा जिला मुख्यालय धर्मशाला में सबसे ज्यादा 54 मिमी बारिश दर्ज की गई। मुरारी देवी में 52 मिमी, कोठी में 49 मिमी, गोहर में 40 मिमी, सराहन में 34 मिमी और सुंदरनगर में 30 मिमी वर्षा रिकॉर्ड की गई है।
राज्य आपातकालीन परिचालन केंद्र के मुताबिक भारी बारिश और भूस्खलन से प्रदेश भर में एक नेशनल हाईवे और 301 सड़कों पर आवाजाही पूरी तरह से बाधित है। 436 बिजली के ट्रांसफार्मर और 254 पेयजल योजनाएं भी ठप हो गई हैं। अकेले मंडी जिले में सबसे ज्यादा 193 सड़कें, एक नेशनल हाईवे (एनएच-21, मंडी-कोटली बनाला ओट के पास), 81 ट्रांसफार्मर और 58 पेयजल योजनाएं बंद पड़ी हैं। कुल्लू जिले में 47 सड़कें और 134 ट्रांसफार्मर खराब हुए हैं। चंबा में 142 ट्रांसफार्मर और 62 पेयजल योजनाओं पर असर पड़ा है, जबकि कांगड़ा जिले में 134 पेयजल योजनाएं बंद हैं।
मनाली में ब्यास नदी का जलस्तर बढ़ा, खतरा बरकरार
मनाली और आसपास के क्षेत्रों में लगातार हो रही तेज बारिश से ब्यास नदी का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। नेहरू कुंड के पास नदी का पानी पुल की नींव की ओर मुड़ गया है, जिससे बड़ा खतरा बन गया है। हालात का जायजा लेने के लिए मनाली विधायक भुवनेश्वर गौड़, एसडीएम मनाली, डीएसपी मनाली और पीडब्ल्यूडी विभाग के अधिकारी मौके पर मौजूद हैं। पानी को दूसरी दिशा में मोड़ने के लिए मशीनें लगाई गई हैं। बाहंग के पास भी नदी का जलस्तर बढ़ने से कुछ घरों पर खतरा मंडरा रहा है। हालांकि फिलहाल किसी तरह के नुकसान की खबर नहीं है। प्रशासन ने लोगों से सतर्क रहने और नदी-नालों से दूर रहने की अपील की है।
रामपुर के कूट पंचायत में बादल फटने से तबाही
शिमला जिले के रामपुर उपमंडल की कूट पंचायत के धनपल कंडा में बादल फटने से भारी तबाही मची है। तेज बारिश और मलबे के कारण ग्रामीणों की फसलें बर्बाद हो गईं और कई सेब के पौधे नष्ट हो गए। कूट गांव को जोड़ने वाला एक बड़ा पुल और तीन छोटे पुल तेज बहाव में बह गए हैं। भूक्षरण से पंचायत मुख्यालय का वाहन मार्ग भी कट गया है, जिससे यह क्षेत्र पूरी तरह अलग-थलग पड़ गया है। हालांकि, कूट में वाहन योग्य मुख्य पुल सुरक्षित है। खिऊंचा गांव में भू-स्खलन से बिजली के दो खंभे बह गए, जिससे गांव में बिजली आपूर्ति पूरी तरह ठप हो गई है।
कूट पंचायत प्रधान रत्न डोगरा ने बताया कि 29 जुलाई की बुधवार आधी रात को यह घटना घटी। राहत की बात यह है कि इस घटना में कोई जानी नुकसान नहीं हुआ है। एसडीएम रामपुर हर्ष अमरेंद्र सिंह ने कहा कि नुकसान का आकलन करने के लिए राजस्व विभाग की टीम मौके पर पहुंची है।
किन्नौर में किन्नर कैलाश यात्रा पर रोक
किन्नौर जिले में दूसरे दिन भी किन्नर कैलाश यात्रा को नाले में जलस्तर बढ़ने के कारण रोक दिया गया है, जिससे श्रद्धालुओं को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
अब तक का 170 मौतें, 36 लापता
मौजूदा मानसून सीजन में 20 जून से अब तक हिमाचल प्रदेश में बारिश, भूस्खलन और बाढ़ से अब तक 170 लोगों की मौत हो चुकी है, 278 लोग घायल हुए हैं और 36 लोग लापता हैं। सबसे ज्यादा 35 मौतें मंडी में हुई हैं, जहां 27 लोग लापता भी हैं। कांगड़ा में 25, कुल्लू और चंबा में 17-17, शिमला में 14, हमीरपुर, किन्नौर, सोलन और ऊना में 11-11, बिलासपुर में 8, लाहौल-स्पीति में 6 और सिरमौर में 4 लोगों की मौत हुई है।
103 लोगों की मौत सीधे भूस्खलन, फ्लैश फ्लड और बादल फटने से हुई है। इनमें 34 मौतें भूस्खलन, 43 फ्लैश फ्लड और 26 बादल फटने से हुई हैं। इसके अलावा सड़क हादसों में 76 लोगों की मौत दर्ज की गई है।
भारी बारिश और भूस्खलन से 1394 घरों को नुकसान पहुंचा है, जिनमें से 426 घर पूरी तरह ढह गए हैं। मंडी जिले में सबसे ज्यादा 986 घर प्रभावित हुए, जिनमें 378 पूरी तरह तबाह हुए हैं। इसके अलावा 293 दुकानें और 1226 पशुशालाएं भी ध्वस्त हुई हैं। 21,500 पोल्ट्री पक्षी और 1404 मवेशी भी मारे गए हैं।
अब तक मानसून से प्रदेश को 1599 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हो चुका है। इसमें लोक निर्माण विभाग को 804 करोड़ रुपये और जल शक्ति विभाग को 550 करोड़ रुपये की क्षति पहुंची है।
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(Udaipur Kiran) / उज्जवल शर्मा
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