वाराणसी,14 जुलाई (Udaipur Kiran) । सावन मास के पहले सोमवार पर हजारों यादव बंधुओं ने परम्परानुसार श्री काशी विश्वनाथ का श्रद्धा और उल्लास के साथ जलाभिषेक किया। जलाभिषेक को लेकर यादव बंधुओं में गजब का उत्साह देखा गया। इसके पहले यादव बंधु चन्द्रवंशी गोप सेवा समिति के बैनर तले परंपरागत तरीके से चांदी व पीतल के कलश लेकर हजारों की संख्या में केदार घाट पर जुटे। घाट पर कलश में गंगा जल भरकर यादव बंधु हर-हर महादेव के उदघोष के साथ गौरी केदारेश्वर मंदिर में पहुंचे। यहां उन्हाेंने श्री गौरी केदारेश्वर महादेव का जलाभिषेक कर कलश यात्रा शुरू की।
कलश यात्रा में शामिल युवा समाज का ध्वज लेकर विशाल डमरू बजाते आगे-आगे चल रहे थे। हर-हर महादेव का उद्घोष करते हुए यादव बंधुओं ने चांदी व पीतल के कलश कंधे पर रख परम्परागत गत मार्ग से तिलभांडेश्वर महादेव, दशाश्वमेध स्थित शीतला मंदिर आह्लादेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया। इसके बाद श्री काशी विश्वनाथ दरबार का जलाभिषेक करने के लिए धाम के रास्ते से ही यादव बंधु ललिताघाट पहुंचे। यहां से जल लेकर श्री काशी विश्वनाथ धाम पहुंचे। दरबार में बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक कर अपने घर परिवार के साथ यादव समाज के लिए मंगल कामना की।
इसके बाद छठें पड़ाव दारानगर स्थित महामृत्युंजय मंदिर में रवाना हुए। यादव बंधुओं ने त्रिलोचन महादेव, ओमकारेश्वर महादेव, लाट भैरव का जलाभिषेक कर वार्षिक कलश यात्रा का समापन किया। कलश यात्रा में शामिल यादव बंधुओं के विशेष परिधान लोगों में आकर्षण का केन्द्र रहा। बच्चों और युवाओं के साथ बुर्जुग भी सफेद गंजी, गमछा पहन आंखों में सुरमा लगा वार्षिक कलश यात्रा में पूरे ठसक से भागीदारी की।
चंद्रवंशी गोप सेवा समिति के प्रदेश अध्यक्ष लालजी यादव के अनुसार साल 1932 में इस यात्रा की शुरूआत हुई थी। काशी और आसपास के जिलों में वर्ष 1932 में भीषण अकाल पड़ा था। तब शीतला गली में रहने वाले पांच दोस्त भोला सरदार, कृष्णा सरदार व बच्चा सरदार और ब्रह्मनाल के चुन्नी सरदार व रामजी सरदार ने संकल्प लिया कि वह बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करेंगे। पांचों दोस्तों के जलाभिषेक के बाद यदि बारिश हुई तो अगले साल से पूरा यदुवंशी समाज सावन में बाबा विश्वनाथ का जलाभिषेक करेगा। पांचों दोस्तों ने गौरी केदारेश्वर से लाटभैरव मंदिर के बीच विश्वनाथ मंदिर सहित सात शिवालयों, भैरव मंदिर और एक शक्ति पीठ में जलाभिषेक किया। फिर बारिश हुई और तब से वह परंपरा आज तक लगातार जारी है। उन्होंने बताया कि जलाभिषेक यात्रा में केदार घाट स्थित गौरी केदारेश्वर मंदिर, तिलभांडेश्वर महादेव, दशाश्वमेध स्थित शीतला मंदिर, आह्लादेश्वर महादेव, श्री काशी विश्वनाथ, महामृत्युंजय, त्रिलोचन महादेव, ओमकारेश्वर महादेव और लाटभैरव का जलाभिषेक करने की परंपरा है।
गोवर्धन पूजा समिति एवं यादव धर्मशाला काशी ने दशाश्वमेध घाट से निकाली कलश यात्रा
श्रावण मास के पहले सोमवार को गोवर्धन पूजा समिति एवं यादव धर्मशाला काशी व भारती यादव महासंघ के कार्यकर्ताओं ने महापौर अशोक तिवारी,इंजीनियर अशोक तिवारी, पारस यादव पप्पू के अगुवाई में दश्वाश्मेध घाट से जलाभिषेक यात्रा निकाल श्री काशी विश्वनाथ का जलाभिषेक किया। इसमें शामिल समाज के युवा हर हर महादेव व जय यादव जय माधव के उद्घोष के साथ बाबा के दरबार में पहुंचे।
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(Udaipur Kiran) / श्रीधर त्रिपाठी
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