– कुबेरेश्वरधाम में उमड़ा आस्था का सैलाब, गुरुवार को 30 क्विंटल शुद्ध घी की नुक्ति का भोग लगाया जाएगा
सीहोर, 09 जुलाई (Udaipur Kiran) । प्रसिद्ध कथावाचक पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि संपूर्ण ज्योर्तिलिंगों के मध्य देश भर के श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र कुबेरेश्वरधाम है, यहां पर कंकर-कंकर में शंकर है। यहां पर आने वाले श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं भगवान शंकर करते हैं। पिछले साल गुरु पूर्णिमा पर एक मात्र पंडाल लगाया था, लेकिन वर्तमान में 10 से अधिक पंडाल और डोम के बाद भी बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की कमी नहीं है, यह बड़े-बड़े पंडाल छोटे पड़ गए है। यह सब बाबा का आशीर्वाद और आपका शिव पर किया विश्वास का परिणाम है।
पंडित प्रदीप मिश्रा ने यह विचार बुधवार को सीहोर जिला मुख्यालय स्थित कुबेरेश्वरधाम पर जारी गुरु पूर्णिमा महोत्सव के पांचवें दिवस शिव महापुराण कथा सुनाते हुए व्यक्त किए। गुरु पूर्णिमा महोत्सव में बुधवार को भी आस्था का सैलाब उमड़ पड़ा। यहां लाखों श्रद्धालुओं ने शिव महापुराण कथा का श्रवण किया। धाम के व्यवस्थापक पंडित समीर शुक्ला और पंडित विनय मिश्रा ने बताया कि गुरुवार को गुरु पूर्णिमा महोत्सव के अंतर्गत सुबह से ही लाखों की संख्या में आए श्रद्धालुओं को गुरु दीक्षा दी जाएगी और दोपहर एक बजे से ढाई बजे तक प्रवचन का आयोजन किया जाएगा। वहीं पूर्णिमा के पावन अवसर पर 30 क्विंटल से अधिक नुक्ति का वितरण भोजन प्रसादी के साथ किया जाएगा।
पंडित मिश्रा ने बुधवार को शिवमहापुराण कथा की शुरुआत हर हर महादेव, घर घर महादेव, जन जन महादेव के उद्घोष से की। लाखों भक्तों के सैलाब को देख उन्होंने कहा कि शिवकृपा आती है तब हमें जीवन का कोई न कोई सुख प्राप्त होता है। शिव की कृपा उदारता आप और हम पर हुई है। सभी भगवान एक समान हैं, उनमें कोई भेद नहीं है यह एक सामान्य धार्मिक भावना है जो विभिन्न देवी-देवताओं को एक ही परमेश्वर के विभिन्न रूपों के रूप में देखती है। इसका मतलब है कि सभी भगवान, चाहे वे किसी भी नाम या रूप में पूजे जाते हों, एक ही सर्वोच्च शक्ति के विभिन्न पहलू हैं। काशी में कंकर-कंकर में शंकर यह एक प्रसिद्ध कहावत है, जिसका अर्थ है कि काशी के हर पत्थर में भगवान शिव का वास है। यह काशी की धार्मिक और आध्यात्मिक महिमा को दर्शाता है। दिवोदास, काशी के एक राजा थे जिन्होंने देवताओं को काशी से निकाल दिया था और स्वयं काशी का शासन संभाला था। राजा दिवोदास के बारे में विस्तार से जारी दी।
सत्संग की कमाई कभी व्यर्थ नहीं जाएगी
पंडित प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सत्संग की कमाई कभी व्यर्थ नहीं जाएगी। सत्संग की पूंजी कभी समाप्त नहीं होगी। अपने जीवन को आनंद से जियो न कि किसी की बुराई करके। कोई कितनी भी गालियां दे मुंह पर कपड़ा रख चुपचाप निकल जाए गालियां देने वाले को कर्म फल मिलेगा। पंडित मिश्रा के ऐ मेरे भोले नाथ, दिल तुझको दिया के भजन पर पूरा पांडाल झूम उठा। सभी भगवान एक समान हैं, उनमें कोई भेद नहीं है यह विचार है कि विभिन्न देवी-देवताओं को एक ही परमेश्वर के विभिन्न रूपों के रूप में देखा जाता है और यह सभी मनुष्यों को समान मानता है।
सच्चे मन से भगवान शिव पर विश्वास करता
उन्होंने कहा कि शिव पुराण में बताया गया है कि जो सच्चे मन से भगवान शिव पर विश्वास करता है, उसके जीवन के सभी दुख शिव की कृपा से क्षण भर में दूर हो जाते हैं। हम जो कर्म करते हैं, उसका फल हमें मिलता है। भगवान शिव की पूजा, अर्चना और भक्ति करने से जीवन में सुख और समृद्धि आती है। यदि जीवन में कोई कष्ट या दुख आता भी है, तो भगवान शिव उन दुखों को हर लेते हैं, यदि हम समय-समय पर भगवान का धन्यवाद करते रहें और उनकी भक्ति में लीन रहें। शिव पुराण का पाठ करने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है, और नकारात्मकता दूर होती है।
(Udaipur Kiran) तोमर
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