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धरती आबा अभियान जनजातीय समुदाय को मुख्य धारा से जोडने का प्रयासः मंत्री प्रतिमा बागरी

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– जिला स्तरीय धरती आबा उन्नत ग्राम जन भागीदारी अभियान संपन्न

सतना, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । नगरीय विकास एवं आवास राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जनजातीय आदिवासी न्याय महाअभियान के अंतर्गत धरती आबा उन्नत ग्राम जन भागीदारी अभियान जनजातीय समुदाय के व्यक्तियों को मुख्य धारा से जोडने का प्रयास है। केन्द्र और राज्य सरकार जन-मन कार्यक्रम के माध्यम से एक-एक आदिवासी परिवार तक पहुंचकर उनका जीवन बदलने का प्रयास कर रही है।

राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी मंगलवार को धरती आबा उन्नत ग्राम जन भागीदारी अभियान के जनपद पंचायत सभागार मझगवां में आयोजित जिला स्तरीय कार्यक्रम को संबोधित कर रही थी। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए सांसद गणेश सिंह ने कहा कि विकसित भारत तभी बनेगा जब आखिरी पंक्ति में खडा हुए व्यक्ति इस कार्य में बराबर का हिस्सेदार बनेगा। उन्होंने कहा कि यह अभियान समाज के अंतिम पंक्ति के व्यक्ति के जीवन में बदलाव लाने का माध्यम है।

इस मौके पर विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार, जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल, उपाध्यक्ष सुष्मिता सिंह, जनपद अध्यक्ष रेणुका जायसवाल, जिलाध्यक्ष भगवती प्रसाद पाण्डेय, सीईओ जिला पंचायत सुश्री संजना जैन, जिला पंचायत सदस्य संजय सिंह, सरपंच मझगवां सम्पतिया बाई आरख, रामऔतार दद्दा, प्रबल श्रीवास्तव, निरंजन जायसवाल, जिला संयोजक डॉ. अरूण शुक्ला, एसडीएम एपी द्विवेदी, डीपीओ राजीव सिंह सहित जनपद स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

कार्यक्रम का शुभारंभ राज्यमंत्री प्रतिमा बागरी ने महात्मा गांधी और भगवान बिरसा मुण्डा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्जवलन कर किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा इस वर्ष को जनजातीय गौरव वर्ष के रूप में मनाया जा रहा है। धरती आबा अभियान आदिवासी समुदाय के लोगों को विकास की मूल धारा से जोडने की पहल है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने पचमढी में कैबिनेट की बैठक कर राजा भभूत सिंह के नाम पूरी बैठक को समर्पित किया। जल, जंगल, जमीन की रक्षा के लिए आंदोलन करने वाले भगवान बिरसा मुण्डा को पृथ्वी के पिता के रूप में भी जाना जाता है। आदिवासी समुदाय से अनेक बडे-बडे महापुरूष हुए है। जिन्होंने समाज के सामने आदर्श प्रस्तुत किया है।

उन्होंने बताया कि अभियान के तहत वंचित और विकास से दूर हर बस्ती और हर घर तक मूलभूत सुविधाओं को पहुंचाया जायेगा। उन्होंने कहा कि आदिवासी समुदाय के भाई-बहनों के जीवन में व्यापक रूप से परिवर्तन हुआ है और यह आत्मनिर्भरता की ओर तेजी से बढ रहे हैं।

कार्यक्रम में सांसद गणेश सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का संकल्प है कि जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति के जीवन में बदलाव नहीं होगा। तब तक देश का विकास समुचित रूप से नहीं हो सकता। धरती आबा अभियान के माध्यम से प्रधानमंत्री ने इन सबके जीवन में बदलाव लाने का लक्ष्य रखा है। उन्होंने बताया कि सतना जिले के 286 गांव के 25 हजार 450 आदिवासी समुदाय के परिवारों की 97 हजार 259 जनसंख्या के जीवन में बदलाव लाने का लक्ष्य अभियान के तहत रखा गया है।

उन्होंने कहा कि भारत की संप्रभूता और सांस्कृतिक पहचान आदिवासी समुदाय से शुरू हुई है। स्वतंत्रता का आंदोलन हो या धरती की देखभाल सभी कार्यों में आदिवासी समुदाय का सबसे बडा योगदान रहा है। संकल्प के साथ शुरू हुए अभियान में शत-प्रतिशत परिवारों को योजनाओं के लाभ से जोडा जायेगा। धरती आबा अभियान आदिवासी समाज के जीवन को बदलने का अभियान है।

विधायक सुरेन्द्र सिंह गहरवार ने कहा कि बाबा साहब डॉ. भीमराव अम्बेडकर ने जागो, शिक्षित हो और संगठित होकर संघर्ष करो का नारा दिया था। इसी आदर्श को लेकर समुदाय के लोग अपने बच्चों को शिक्षित करे और स्कूल जरूर भेजे। उन्होंने कहा कि देश पर जब भी संकट आया तब आदिवासी समाज सबसे पहले चुनौतियों का सामना करने सीना तानकर खडा हुआ। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री की मंशा को पूरा करने का प्रयास सभी लोग मिलकर करें ताकि आदिवासी समाज सशक्त हो और आगे बढे।

जिला पंचायत अध्यक्ष रामखेलावन कोल ने कहा कि सरकार आदिवासी वर्ग के उत्थान के लिए अनेक कल्याणकारी योजनायें चला रही है। सभी लोग जागरूक होकर शिक्षित बने और योजनाओं का लाभ उठाये। उन्होंने बताया कि भगवान बिरसा मुण्डा ने आदिवासी समुदाय को संगठित होकर अंग्रेजों के विरूद्ध जंग छेडी जल, जंगल, जमीन को आराध्य मानने वाले बिरसा मुण्डा को भगवान स्वरूप का दर्जा भी दिया गया है।

कार्यक्रम के प्रारंभ में जिला पंचायत सीईओ संजना जैन ने धरती आबा अभियान के प्रगति प्रतिवेदन में बताया कि प्रधानमंत्री मोदी की मंशा के अनुसार 18 दिसंबर 2024 को प्रधानमंत्री उन्नत धरती आबा अभियान शुरू किया गया है। मध्यप्रदेश के 51 जिलों के 267 विकासखण्डों के जनजातीय परिवारों को योजनाओं के लाभ से शत-प्रतिशत रूप से लाभांवित किया जायेगा। सतना जिले में मझगवां विकासखण्ड के 144 ग्राम, रामपुर बघेलान के 122 ग्राम, उचेहरा के 12 ग्राम, नागौद के 5 ग्राम और सोहावल के 3 ग्रामों का चयन धरती आबा अभियान का चयन किया गया है। उन्होंने बताया कि इन 286 गांव में 50 हजार 792 पुरूष और 46 हजार 467 महिलाओं सहित कुल 97 हजार 259 आदिवासी वर्ग के लोगों को योजनाओं का शत-प्रतिशत लाभ दिया जायेगा। कार्यक्रम के अंत में धरती आबा उन्नत ग्राम अभियान के हितग्राहियों को निःशुल्क बीज वितरण और शासकीय योजनाओं के तहत हितलाभ वितरित किये गये। कार्यक्रम के बाद जनपद कार्यालय परिसर में अतिथियों ने वृक्षारोपण भी किया।

(Udaipur Kiran) तोमर

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