नई दिल्ली, 30 जुलाई (Udaipur Kiran) । लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) के मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने बुधवार को बताया कि विभाग ने सभी आगामी टेंडरों पर अतिरिक्त परफॉर्मेंस गारंटी (एपीजी) की अनिवार्यता लागू करने का निर्णय लिया है, जो असामान्य रूप से कम बोली लगाने वालों पर लागू होगा।
सरकार ने बुधवार को एक बयान में बताया कि नई व्यवस्था में ऐसे सभी टेंडर जिनमें सबसे कम बोली तय अनुमानित लागत से एक निश्चित प्रतिशत से अधिक नीचे होगी, उन्हें अकार्यनीय बोली माना जाएगा। ऐसे ठेकेदारों को अतिरिक्त परफॉर्मेंस गारंटी देनी होगी, जो उस अंतर के बराबर होगी जितना प्रतिशत उन्होंने निर्धारित सीमा से नीचे बोली लगाई है। यह गारंटी पहले से लागू सिक्योरिटी डिपॉजिट और परफॉर्मेंस गारंटी के अतिरिक्त होगी। ऐसे बोलीदाताओं को तब तक कार्य आवंटित नहीं किया जाएगा जब तक वे निर्धारित समयसीमा के भीतर एपीजी जमा नहीं कर देते। समयसीमा का पालन न करने पर कार्य आदेश रद्द कर दिया जाएगा और विभागीय नियमों के तहत ठेकेदार को रोक दिया जा सकता है।
मंत्री ने कहा कि यह निर्णय सिर्फ आर्थिक सुरक्षा के लिए नहीं है, बल्कि यह जवाबदेही और जनधन के प्रति सम्मान का प्रतीक है। जब कोई ठेकेदार अव्यवहारिक रूप से कम राशि पर टेंडर लेता है और फिर काम अधूरा छोड़ देता है या घटिया गुणवत्ता का काम करता है तो नुकसान आम जनता को उठाना पड़ता है। हमारा लक्ष्य यह है कि जनता का एक-एक रुपया ठोस, समय पर और गुणवत्तापूर्ण सार्वजनिक कार्यों में बदले। हम एक ऐसा पारदर्शी और उत्तरदायी पीडब्ल्यूडी बना रहे हैं जो नागरिकों को प्राथमिकता देता है।
उन्होंने बताया कि इस व्यवस्था का मुख्य उद्देश्य सट्टा आधारित बोली प्रक्रिया पर रोक लगाना, केवल सक्षम और गंभीर ठेकेदारों को कार्य में भाग लेने के लिए प्रेरित करना और सार्वजनिक कार्यों की गुणवत्ता व समयसीमा सुनिश्चित करना है। मंत्री प्रवेश साहिब सिंह ने बताया कि पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों को एपीजी को सभी भविष्य के टेंडरों में शामिल करने के लिए निर्देशित किया गया है। साथ ही इस नई प्रणाली के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए अभियंताओं और टेंडर मूल्यांकन समितियों को प्रशिक्षित करने के लिए प्रशिक्षण सत्र आयोजित किए जाएंगे।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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