धमतरी, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । ओबीसी महासभा जिला इकाई के पदाधिकारियों ने मंगलवार को कलेक्ट्रेट कार्यालय पहुंचकर राज्यपाल, मुख्यमंत्री एवं राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग के अध्यक्ष के नाम मंगलवार को कलेक्टर अबिनाश मिश्रा को ज्ञापन सौंपा। सौंपे ज्ञापन में प्रदेश में 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण लागू करने की मांग की गई है। मांग पूरी नहीं होने पर चरणबद्ध तरीके से आंदोलन की चेतावनी दी है।
ओबीसी महासभा के जिलाध्यक्ष यशोदा सोनकर के नेतृत्व में विगत 32 वर्षों से लंबित 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण छत्तीसगढ़ में लागू करने की मांग को लेकर ज्ञापन सौंपा गया है। सौंपे ज्ञापन में बताया कि केंद्र सरकार द्वारा अनुसूचित जाति को 15 प्रतिशत तथा अनुसूचित जनजाति को 7.50 प्रतिशत एवं राज्य सरकार द्वारा अनुसूचित जाति को 12 प्रतिशत एवं अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान लगभग आबादी के बराबर किया गया है। जबकि केंद्र सरकार ने मंडल कमीशन के अनुशंसा के अनुसार संविधान लागू होने के 44 साल बाद सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के अनुसार अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत आरक्षण दिया है। साथ ही राज्य की स्थिति के आधार पर अन्य पिछड़ा वर्ग को राज्य शासन के द्वारा आरक्षण सुनिश्चित करने का अधिकार दिया गया है। लेकिन ओबीसी समुदाय को अविभाजित मध्यप्रदेश में मात्र 14 प्रतिशत आरक्षण शिक्षा एवं रोजगार में दिया गया है। जो कि आज पर्यंत छत्तीसगढ़ राज्य में लागू है।छत्तीसगढ़ शासन द्वारा दो दिसंबर 2022 को आरक्षण संशोधन विधेयक पारित कर राज्यपाल के हस्ताक्षर के लिए प्रस्तुत किया गया था। जिसमें अनुसूचित जनजाति को 32 प्रतिशत, अनुसूचित जाति को 13 प्रतिशत, अन्य पिछड़ा वर्ग को 27 प्रतिशत एवं आर्थिक रूप से कमजोर सामान्य वर्ग को चार प्रतिशत आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया गया है। हमारी मांग है कि 27 प्रतिशत ओबीसी आरक्षण के लिए अध्यादेश पारित कर फिर से विधेयक पास कर लागू किया जाएं। इस दौरान रूखमणि सोनकर, कविता रणसिंह, परमेश्वरी शर्मा, विनीता प्रजापति, चंद्रकला पटेल उपस्थित थे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा
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