शिमला, 21 अप्रैल . बैकलॉग कोटे की भर्तियों की मांग को लेकर दृष्टिबाधित संघ ने सोमवार को एक बार फिर सचिवालय के बाहर प्रदर्शन कर चक्का जाम कर दिया. इससे कुछ समय तक शहर में वाहनों की आवाजाही प्रभावित हुई. संघ के सदस्य पिछले 25 दिनों से सचिवालय के बाहर खुले आसमान के नीचे धरना दे रहे हैं. इससे पहले वे लगभग डेढ़ वर्ष तक शिमला के कालीबाड़ी क्षेत्र में धरने पर बैठे रहे.
संघ के अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि सरकार की उदासीनता और मांगों की अनदेखी से मजबूर होकर उन्हें चक्का जाम जैसा कदम उठाना पड़ा है. उनका कहना है कि जब तक सरकार का कोई मंत्री या मुख्य सचिव वार्ता के लिए सामने नहीं आता तब तक उनका प्रदर्शन जारी रहेगा. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह लड़ाई अब आर-पार की है और जब तक बैकलॉग कोटे के अंतर्गत खाली पड़े पदों को भरा नहीं जाता, आंदोलन समाप्त नहीं होगा.
दृष्टिबाधित संघ की मांग है कि राज्य सरकार तुरंत प्रभाव से वर्ष 1995 के बाद से रिक्त पड़े दृष्टिबाधित कोटे के सभी पदों को एकमुश्त भरे. संघ का दावा है कि सुप्रीम कोर्ट ने भी इस संबंध में नियुक्तियों के आदेश दिए हैं लेकिन इसके बावजूद सरकार टालमटोल कर रही है.
संघ के सदस्यों का कहना है कि बार-बार वार्ता के बावजूद सरकार कोई ठोस निर्णय नहीं ले रही है. इस कारण उन्हें सड़कों पर उतरने को मजबूर होना पड़ा है.
धरने में शामिल दृष्टिबाधित प्रदर्शनकारियों ने कहा कि उन्हें न तो किसी प्रकार की राहत दी जा रही है और न ही आश्वासन को अमलीजामा पहनाया जा रहा है. ऐसे में अब उन्हें प्रशासन तक अपनी आवाज पहुंचाने के लिए सड़क पर उतरना पड़ा है.
बता दें कि दृष्टिबाधित संघ का यह आंदोलन पिछले एक वर्ष से भी अधिक समय से जारी है.
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/ उज्जवल शर्मा
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