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हेमंत सरकार ने गरीबों को छत नहीं, दिया अधूरा सपना : प्रतुल

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रांची, 19 अगस्त (Udaipur Kiran) । भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने हेमंत सरकार की अबुआ आवास योजना को लेकर कहा है कि यह योजना गरीबों के लिए छत का सपना नहीं बल्कि निराशा का प्रतीक बन गई है। सरकार ने 2026 तक आठ लाख पक्के मकान देने का वादा किया था और इसके लिए 16 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का बजट तय किया था। लेकिन हकीकत यह है कि पूरे राज्य में अब तक लक्ष्य की तुलना में मुश्किल से 15 प्रतिशत आवास ही बन पाए हैं। उन्‍होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो लक्ष्य निर्धारित किया था उसके अनुसार में 2023-24 में 2 लाख मकान, 2024-25 में 3.5 लाख मकान, 2025-26 में 2.5 लाख मकान बनाने का लक्ष्य था।

प्रतुल ने यह बातें मंगलवार को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कह‍ी। उन्‍होंने कहा कि‍ यह योजना अपने लक्ष्य से बहुत पीछे चल रही है और भ्रष्टाचार का भी शिकार हो गई है। रांची (खलारी प्रखंड): 1033 मकानों का लक्ष्य, पूरे हुए सिर्फ 337, गढ़वा (भंडरिया प्रखंड) 850 मकानों का लक्ष्य, तैयार हुए महज 210, दुमका (रामगढ़ प्रखंड): 720 का लक्ष्य, पूरे हुए केवल 150, पाकुड़ जिला 950 मकानों का वादा, 200 मकान भी पूरे नहीं हुए। उन्‍होंने कहा कि चतरा और लातेहार में तो स्थिति और भी बदतर है।

कागज पर तिलिस्म, जमीन पर ढहता सपना

प्रतुल ने कहा कि हेमंत सरकार ने फाइलों में 6.5 लाख मकानों की स्वीकृति दिखा दी है, लेकिन जमीन पर स्थिति यह है कि गरीबों के घर आधे-अधूरे खड़े हैं। फंड की समय पर उपलब्धता नहीं होने, भुगतान में देरी और कामकाज की सुस्ती के कारण लोग बरसात में बिना छत के जीने को विवश हैं। यह सरकार केवल विज्ञापन और घोषणाओं तक सीमित है। गरीबों के नाम पर बजट तो दिखाया जाता है, पर जमीन पर कुछ नहीं उतरता।

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(Udaipur Kiran) / विकाश कुमार पांडे

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