रांची, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । समग्र शिक्षा की वार्षिक कार्य योजना और बजट (2026-27) बनाने के लिए तीन वर्ष से 18 आयु वर्ग के बच्चों की संख्या, विद्यालयों में उनका नामांकन, ड्रॉप आउट होने वाले बच्चे और अनामांकित रह गये बच्चों की संख्या से संबंधित रिपोर्ट केंद्र सरकार को उपलब्ध कराना जरूरी है। इसके लिए राज्य में हरेक वर्ष विद्यालय स्तर पर शिशु पंजी सर्वे का कार्य स्कूली शिक्षा और साक्षरता विभाग करता है। इस वर्ष अक्टूबर माह से यह कार्य शुरू होगा।
शिशु पंजी सर्वे से पूर्व किये जाने वाले हैबिटेशन मैपिंग को लेकर झारखंड शिक्षा परियोजना निदेशक ने सभी जिलों को पत्र भेजा है। भेजे गये पत्र में प्रखंड स्तरीय पदाधिकारियों के साथ सरकारी विद्यालय और गैर सरकारी सहायता प्राप्त, अल्पसंख्यक एवं सरकारी सहायता प्राप्त संस्कृत विद्यालयों तथा मदरसा शिक्षकों की जिम्मेदारी तय की गयी है।
वर्तमान वित्तीय वर्ष में शिशु पंजी अद्यतीकरण का कार्य प्रारम्भिक, माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक कक्षा वाले सभी सरकारी विद्यालयों के सभी शिक्षक और शिक्षिकाओं की ओर से किया जाएगा। जिलों के सभी सरकारी विद्यालयों को शिशु पंजी अद्यतीकरण करने के लिए विद्यालय को समीपवर्ती सभी गांव और टोलों से संबद्ध (टैग) किया जाएगा।
किसी भी गांव और टोलों की ओवरलैपिंग नहीं करने का निर्देश
शिशु पंजी अद्यतीकरण के लिए हैबिटेशन मैपिंग करने की ज़िम्मेदारी प्रखंड के बीईईओ और अवर विद्यालय निरीक्षक एवं आउट ऑफ़ स्कूल प्रभारी, बीपीओ की होगी। संबंधित प्रखंड के बीईईओ और बीपीओ अपनी देख-रेख में बीआरपी और सीआरपी की ओर से प्रखंड के विद्यालयों के प्राचार्यों और शिक्षकों के बीच समन्वय स्थापित करते हुए विद्यालयवार गांव, टोला, मुहल्ला को संबद्ध (टैग) करेंगे।
वहीं विद्यालयों के प्राचार्य और संबंधित संकुल साधन सेवी (सीआरपी) अपने विद्यालय के सभी सरकारी शिक्षक और पारा शिक्षकों को गांव, टोला के घरों के साथ संबद्ध (टैग) करेंगे जिसमें घर-घर सर्वे करने की जिम्मेदारी टोला से टैग शिक्षक और शिक्षिकाओं की होगी। जारी पत्र में निर्देश दिया गया है कि सर्वे में किसी भी स्थिति में विद्यालयों की ओर से किसी भी गांव और टोलों की ओवरलैपिंग नहीं की जाए और इस दौरान कोई भी घर सर्वे में छूटना नहीं चाहिए।
सर्वे के दौरान लापरवाही बरतने वाले पदाधिकारियों और विद्यालयों के विरुद्ध कार्रवाई करने बी बात कही गई है। टोला टैगिंग स्कूल खोलने के मापदंड के तहत निर्धारित पोषक क्षेत्र के हिसाब से नहीं होगी।
12 सितंबर को राज्यस्तरीय उन्मुखीकरण
वर्तमान वर्ष में शिशु पंजी अद्यतीकरण के कार्य के प्रशिक्षण के लिए 12 सितंबर को झारखंड शिक्षा परियोजना के निदेशक की अध्यक्षता में सम्बंधित राज्य प्रभारी की ओर से महत्वपूर्ण वर्चुअल उन्मुखीकरण सत्र आयोजित किया जायेगा। उक्त उन्मुखीकरण सत्र में सभी जिलों के बीईईओ, बीपीओ, ब्लॉबक एमआईएस एंड डेटा इंट्री ऑपरेटर सभी बीआरपी और सीआरपी जिला के आउट ऑफ़ स्कूल प्रभारी और अतिरिक्त जिला कार्यक्रम पदाधिकारी भाग लेंगे।
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(Udaipur Kiran) / Vinod Pathak
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