हल्द्वानी/रामनगर, 06 जुलाई (Udaipur Kiran) । कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में झाड़ियों में तब्दील हो रहे ग्रासलैंड जल्द ही और लगाई जाएगी। कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में फैले घास के मैदान चीतल, सांभर आदि के लिए मुख्य भोजन क्षेत्र हैं। यही हिरण और बाघों का प्रमुख शिकार होते हैं। इस पूरी श्रृृंखला का संतुलन इन घास के मैदानों पर ही टिका है।
ज्ञात हो कि अभी ग्रासलैंड में लैंटाना की झाड़ियां तेजी से फैल रही हैं जो अन्य घास की प्रजाति को नष्ट कर रही हैं। सबसे बड़ी समस्या ये है कि न तो इसे कोई शाकाहारी जीव खाता है और न ही इससे पर्यावरण को लाभ होता है। ऐसे में ये झाड़ी धीरे-धीरे पूरे ग्रासलैंड पर कब्जा कर रही है, जिससे बाघों के लिए शिकार की उपलब्धता कम होती जा रही है।
कॉर्बेट प्रशासन ने इस गंभीर स्थिति को समझते हुए लैंटाना उन्मूलन की योजना बनाई है। ग्रासलैंड किसी भी वन क्षेत्र के लिए रीढ़ की हड्डी माने जाते हैं और इनका संरक्षण पूरे वन्यजीव तंत्र की रक्षा करना है। कॉर्बेट प्रशासन का यह कदम बाघ संरक्षण की दिशा में एक अहम पहल है।
सीटीआर निदेशक डॉ. साकेत बडोला के अनुसार ग्रासलैंड टाइगर रिजर्व के लिए बहुत जरूरी है। ग्रासलैंड को सुधारा जाएगा। जिससे बाघों और अन्य वन्यजीवों का पारिस्थितिक तंत्र मजबूत होगा।
(Udaipur Kiran) / DEEPESH TIWARI
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