भोपाल, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) । राजधानी भोपाल में प्राकृतिक गैस की आपूर्ति करने वाली एमडीपीई पाइपलाइनों के क्षतिग्रस्त होने की दो घटनाएँ सामने आईं, एक बावड़िया कलां स्थित पुष्पांजलि अस्पताल के पास और दूसरी अयोध्या बाईपास पर टनाटन ढाबे के पास श्री राम परिसर के पास यह घटना घटी। जानकारी मिलते ही शुक्रवार को घटनास्थल पर पहुंची थिंक गैस की टीमों ने पाया कि ये क्षति क्रमशः संपत्ति के मालिक द्वारा मकान निर्माण के लिए जेसीबी से की जा रही खुदाई और सोसाइटी द्वारा पानी की लाइन की मरम्मत के दौरान हुई थी।
थिंक गैस की टीम ने तुरंत कार्रवाई की और क्षतिग्रस्त पाइपलाइनों को ठीक करके आपूर्ति बहाल कर दी। अगर इस उत्खनन की सूचना थिंक गैस को दी जाती, तो ये घटनाएँ टल सकती थीं।
इस तरह के नुकसान से न केवल ग्राहकों को गैस की आपूर्ति बाधित होती है, बल्कि जान-माल का भी खतरा होता है। गैसीकृत पाइपलाइन के पास उत्खनन से सख्ती से बचना चाहिए।
गैस पाइपलाइन को नुकसान पहुँचाना स्पष्ट रूप से पेट्रोलियम एवं खनिज पाइपलाइन (भूमि उपयोगकर्ता अधिकार अर्जन) अधिनियम, (पीएमपी अधिनियम), 1962 की धारा 15 (1) और (2) तथा भारतीय दंड संहिता की संबंधित धाराओं के अंतर्गत अपराध की श्रेणी में आता है। इस तरह का उल्लंघन करने पर 25 करोड़ रुपये तक का जुर्माना और तीन साल तक की कैद का प्रावधान है।
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(Udaipur Kiran) / राजू विश्वकर्मा
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