जोधपुर, 21 सितम्बर . आरएएस प्रियंका विश्नोई की मौत के मामले की जांच अब प्रदेश स्तरीय टीम कर रही है. जयपुर से पहुंची टीम ने जोधपुर के चिकित्सकों के साथ मिलकर नए सिरे से मामले में जांच शुरू की है. इस टीम में तीन डॉक्टर एसएमएस जयपुर व दो डॉक्टर जोधपुर एम्स के शामिल है. टीम ने आज दोपहर अपनी जांच शुरू की. टीम 22 सितंबर तक अपनी जांच रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगी.
दरअसल आरएसएस प्रियंका विश्नोई के इलाज में लापरवाही के मामले में उनके ससुर सहीराम विश्नोई की शिकायत पर जिला कलेक्टर गौरव अग्रवाल ने डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के विशेषज्ञ डॉक्टर्स की कमेटी से जांच करवाई थी. इस कमेटी ने शुक्रवार को अपनी जांच कलेक्टर की सौंपी थी. उन्होंने शुक्रवार को ही रिपोर्ट राज्य सरकार को भेज दी थी. इसके बाद शुक्रवार को ही चिकित्सा शिक्षा आयुक्त ने आदेश जारी कर पांच सदस्यीय समिति गठित की थी. यह कमेटी वसुंधरा अस्पताल में सर्जरी होने के बाद बिश्नोई के इलाज व मौत के कारणों की जांच कर रही है.
एम्स के बाद वसुंधरा अस्पताल पहुंची टीम
जोधपुर पहुंचने के बाद टीम जोधपुर एम्स पहुंची. यहां संबंधित चिकित्सकों व अन्य लोगों से जानकारी लेने के बाद टीम वसुंधरा अस्पताल पहुंची जहां पर निरीक्षण करने के साथ ही आवश्यक जांच की. पहले जांच करने वाली कमेटी से भी फीडबैक लिया गया है. मेडिकल कॉलेज के अलावा निजी अस्पताल के प्रबंधक से भी जानकारी ली गई. साथ ही प्रशासनिक अधिकारियों से फीडबैक लिया. प्रियंका बिश्नोई की पोस्टमार्टम रिपोर्ट पर भी अध्ययन किया गया है. एम्स जोधपुर के दो सदस्य जोधपुर से टीम में शामिल है.
यह शामिल है टीम में
एसएमएस मेडिकल कॉलेज के न्यूरोसर्जरी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. अशोक गुप्ता, फोरेंसिक मेडिकल एंड टॉक्सिकोलॉजी विभाग के सीनियर प्रोफेसर डॉ. आरके पूनिया, एसएमएस मेडिकल कॉलेज के रेडियोडायग्नोसिस विभाग की सीनियर प्रोफेसर डॉ. अनु भंडारी, एम्स जोधपुर की स्त्री एवं प्रसूति रोग विभागाध्यक्ष डॉ. प्रतिभा सिंह और एम्स जोधपुर के एनीस्थिसिया विभागाध्यक्ष डॉ. प्रदीप भाटिया शामिल हैं.
टीम ने बताई थी जांच की जरूरत
जिला कलेक्टर द्वारा गठित की गई टीम की रिपोर्ट शुक्रवार को सोशल मीडिया पर आ गई थी. इस रिपोर्ट में टीम ने मरीज के परिजनों व हॉस्पिटल के स्टाफ के बयानों में असमानता बताई. इसके साथ ही कमेटी ने विश्नोई की सीटी स्केन करवाने की सलाह देने के बाद भी सीटी स्केन नहीं करवाने के पॉइंट पर जांच के लिए कहा गया था. जिला कलेक्टर द्वारा गठित टीम ने इस मामले में आगे और जांच करने की सलाह दी थी.
यह है पूरा मामला
गौरतलब है कि जोधपुर की सहायक कलेक्टर आरएसएस प्रियंका विश्नोई का पांच सितंबर को जोधपुर के वसुंधरा हॉस्पिटल में ऑपरेशन किया गया था. प्रियंका विश्नोई के बच्चेदानी में गांठ होने से उन्हें पेटदर्द की शिकायत थी. इस ऑपरेशन के दूसरे दिन ही विश्नोई की हॉस्पिटल में तबीयत बिगड़ गई थी. इसके चलते सात सितंबर को उन्हें अहमदाबाद के सिम्स हॉस्पिटल में शिफ्ट किया गया था. लगातार उपचार के बाद 18 सितंबर की रात को प्रियंका विश्नोई की मौत हो गई थी. उनकी मौत के पीछे परिजनों ने वसुंधरा हॉस्पिटल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया था.
/ सतीश
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