पत्नी के साथ चल रहा विवाद, सात अप्रैल को बाइक ने मारी थी टक्कर
जींद, 18 अप्रैल . जींद जिले के एचसीएस अधिकारी पुल्कित मल्होत्रा ने गत सात अप्रैल को अपने साथ हुए सड़क हादसे को साजिश का आरोप लगाते हुए एसपी से जांच की मांग की है. सफीदों में एसडीएम के तौर पर तैनात पुल्कित मल्होत्रा सात अप्रैल की देर शाम को खाने के बाद टहलने के लिए निकले थे कि पीछे से बाइक ने टक्कर मार दी थी और इसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए थे.
फिलहाल पानीपत के निजी अस्पताल में पुल्कित मल्होत्रा का उपचार चल रहा है. एसडीएम को सिरए मुंह समेत चार जगह पर गंभीर चोटें आई हैं. पुल्कित मल्होत्रा का अपनी पत्नी के साथ विवाद भी चल रहा है और इस मामले में 16 अप्रैल को फरीदाबाद में राज्य महिला आयोग की चेयरपर्सन के सामने पेश होना था लेकिन एक्सीडेंट के चलते वह पेश नहीं हो पाए.
सफीदों पुलिस को दी शिकायत में एसडीएम पुल्कित मल्होत्रा ने बताया कि जिस तरह से उसके साथ एक्सीडेंट हुआ है. यह सोची समझी साजिश हो सकती है. उसे चोट पहुंचाने या मारने के उद्देश्य से पीछे से आ रहे बाइक सवार युवकों ने पहले बाइक की स्पीड बढाई और हॉर्न बजाया गया. यह साजिश का हिस्सा हो सकता है. एक्सीडेंट की वीडियो से भी ऐसा ही प्रतीत होता है. उनकी एसपी, डीएसपी से मांग है कि इस केस की गहनता से जांच की जाए और पता लगाया जाए कि किनके कहने पर आरोपियों ने इस एक्सीडेंट की घटना को अंजाम दिया. मामले में पता लगाया जाए कि बाइक सवार किसी के संपर्क में थे या किन कारणों से निजी रंजिश के चलते अंजाम दिया.
पत्नी से चल रहा विवाद, महिला आयोग ने तलब किए
पिछले काफी दिनों से एसडीएम पुल्कित मल्होत्रा का अपनी पत्नी के साथ विवाद चल रहा है. उन पर पत्नी ने उत्पीडऩ, मानसिक व शारीरिक प्रताडऩा के आरोप लगाए हैं. इसे लेकर महिला आयोग द्वारा बार-बार बुलाने पर भी पुल्कित मल्होत्रा महिला आयोग के सामने पेश नहीं हो रहे थे. 16 अप्रैल को फरीदाबाद में महिला आयोग के सामने पेश होने से पहले ही उनका एक्सीडेंट हो गया. उनकी जगह पल्कित मल्होत्रा के माता-पिता महिला आयोग की चेयरपर्सन रेणू भाटिया के सामने पेश हुए और कुछ दिन की मोहलत मांगी. रेणू भाटिया ने दोबारा से तारीख दी है.
—————
/ विजेंद्र मराठा
You may also like
महंगा पड़ा फेसबुक वाला प्यार, जब दुकान के अंदर मचा हंगामा। देखकर सब हुए दंग ⑅
'चीन फिल्म उपभोग वर्ष' का शुभारंभ, समुद्र पर क्रूज़ जहाज पर है सिनेमाघर
राजनीति के लिए दंगा-फसाद कराने से बुरी कोई चीज नहीं होती : किरण चौधरी
सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज ने संसद को बताया सर्वोच्च, कहा- 'असहमति की स्थिति में प्रावधानों में कर सकती है संशोधन'
दिल्ली ने गुजरात टाइटंस को दी 204 की चुनौती