जम्मू, 26 अप्रैल . जम्मू और कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट ने आज जम्मू और कश्मीर की पूर्ववर्ती रियासत के अंतिम डोगरा शासक महाराजा हरि सिंह जी की पुण्यतिथि पर उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की. इस अवसर पर जम्मू के ऐतिहासिक श्री रघुनाथ जी मंदिर में हवन का आयोजन किया गया जिसमें श्रद्धालु, पुजारी और ट्रस्ट के सदस्य शामिल हुए और उन्होंने पूज्य महाराजा के लिए प्रार्थना की.
हवन के बाद, उपस्थित श्रद्धालुओं के बीच प्रसाद वितरित किया गया, जिससे एकता और श्रद्धा की भावना को बढ़ावा मिला. इस अवसर पर बोलते हुए, जम्मू और कश्मीर धर्मार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. पी.एस. पठानिया ने क्षेत्र के सामाजिक-राजनीतिक और धार्मिक क्षेत्रों में महाराजा हरि सिंह जी के अपार योगदान पर प्रकाश डाला. उन्होंने महाराजा को एक दूरदर्शी शासक के रूप में याद किया, जिन्होंने प्रगतिशील शासन और न्यायसंगत सुधारों की नींव रखी. डॉ. पठानिया ने कहा महाराजा हरि सिंह जी न केवल एक महान प्रशासक थे, बल्कि एक समाज सुधारक भी थे. अनिवार्य शिक्षा शुरू करने, अस्पृश्यता को खत्म करने और न्याय प्रणाली को आधुनिक बनाने के उनके प्रयास अपने समय से आगे थे.
ट्रस्ट के सचिव अशोक कुमार शर्मा (आईपीएस सेवानिवृत्त) ने महाराजा हरि सिंह जी की धर्मनिरपेक्ष मूल्यों और सुशासन के प्रति प्रतिबद्धता पर जोर दिया. उन्होंने कहा कि मंदिरों और धार्मिक विरासत की रक्षा के लिए डोगरा शासकों द्वारा स्थापित धर्मार्थ ट्रस्ट, महाराजा द्वारा परिकल्पित सेवा और भक्ति के आदर्शों को कायम रखता है. कई प्रमुख नागरिक, धार्मिक विद्वान और श्रद्धालु भी समारोह में शामिल हुए और दिवंगत शासक को भावभीनी श्रद्धांजलि दी, जम्मू और कश्मीर की सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान में उनके स्थायी योगदान को स्वीकार किया. कार्यक्रम का समापन महाराजा हरि सिंह जी की कालातीत विरासत को प्रतिध्वनित करते हुए क्षेत्र में शांति और सद्भाव के लिए सामूहिक प्रार्थना के साथ हुआ.
/ राहुल शर्मा
You may also like
विद्यार्थियों का कमाल, इन स्कूलों के बच्चों ने मिलकर 10 रुपए में बना डाला एयर प्यूरीफायर ⤙
दुश्मन की मिट्टी से चमकता है ताजमहल, 350 साल की खुबसूरती का ये है बड़ा राज ⤙
ग्रेटर नोएडा में बैंक कर्मचारी की हत्या: पुलिस जांच जारी
घटिया लोगों की पहचान: ये 5 आदतें बताते हैं इंसान का असली चेहरा ⤙
दिल दहल उठेगा पढ़कर औरंगजेब का आखिरी खत, 'शरीर पर बची चमड़ी, पापो से दब चुका है.', पढ़े संभाजी के कातिल के वो आखिरी पल ⤙