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राज्यपाल ने माजुली सांस्कृतिक विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह में उपाधियां प्रदान कीं

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– राज्यपाल ने छात्रों से जलवायु परिवर्तन, सामाजिक उथल-पुथल और आर्थिक असमानता के मुद्दों को हल करने के लिए नैतिक नेतृत्व करने का आह्वान किया

गुवाहाटी, 8 नवंबर . राज्यपाल लक्ष्मण प्रसाद आचार्य ने माजुली सांस्कृतिक विश्वविद्यालय के स्नातकों से नैतिक नेतृत्व करने और ईमानदारी और जिम्मेदारी के साथ समाज की सेवा करने का आह्वान किया.

आज माजुली में माजुली सांस्कृतिक विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के अवसर पर छात्रों को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने स्नातक छात्रों से अपनी प्रतिबद्धता में दृढ़ रहने और नैतिक रूप से समाज की सेवा करने तथा लाभ से अधिक सिद्धांत को प्राथमिकता देने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि माजुली सांस्कृतिक विश्वविद्यालय एकमात्र ऐसा विश्वविद्यालय है जो अकादमिक शिक्षा के अलावा भारतीय सांस्कृतिक और ज्ञान मूल्यों के प्रचार-प्रसार पर जोर देता है. विश्वविद्यालय विभिन्न सामाजिक और सांस्कृतिक पृष्ठभूमि के छात्रों के बीच विचारों के आदान-प्रदान और आपसी सम्मान और सद्भाव के विकास को बढ़ावा देने के लिए भी खड़ा है. उन्होंने कहा कि इस विश्वविद्यालय का वातावरण अद्वितीय है, जो एक ऐसा स्थान प्रदान करता है जहां अकादमिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान को न केवल प्रोत्साहित किया जाता है, बल्कि मनाया भी जाता है.

राज्यपाल ने विश्वविद्यालय से स्नातक करने वाले 182 छात्रों को बधाई देते हुए कहा कि छात्र विश्वविद्यालय का गौरव हैं, जो दुनिया भर में सांस्कृतिक मूल्यों को बढ़ावा देने और फैलाने की जिम्मेदारी ले सकते हैं. यह कहते हुए कि दुनिया अभूतपूर्व परिवर्तनों से गुजर रही है, राज्यपाल ने छात्रों से जलवायु संकट, सामाजिक उथल-पुथल और आर्थिक असमानता जैसे मुद्दों को संबोधित करने में अग्रणी भूमिका निभाने को कहा. राज्यपाल ने कहा कि ये चुनौतियां कठिन लग सकती हैं, लेकिन छात्रों को इन्हें विकास और नवाचार के अवसर के रूप में देखना चाहिए.

राज्यपाल आचार्य ने छात्रों से अनुरोध करते हुए कहा कि जैसे-जैसे वे अपनी पेशेवर यात्रा शुरू कर रहे हैं, उन्हें सहयोग और टीम वर्क के महत्व को याद रखना चाहिए. इसलिए उन्होंने छात्रों को अपने साथियों के साथ जुड़े रहने और व्यापक पूर्व छात्र नेटवर्क से जुड़ने के लिए प्रोत्साहित किया. राज्यपाल ने कहा कि संबंध बनाना केवल संबंध बनाने के बारे में नहीं है; यह आपसी सम्मान और साझा लक्ष्यों के आधार पर बंधन को बढ़ावा देने के बारे में है. राज्यपाल ने विद्यार्थियों को सलाह देते हुए कहा कि पेशेवर जीवन में आगे बढ़ने के दौरान विद्यार्थियों को जीवन के सभी अनुभव, शिक्षा, ज्ञान, कौशल और मूल्यों को साथ लेकर चलना चाहिए, जो उन्होंने विश्वविद्यालय में रहने के दौरान प्राप्त किए हैं और अपने ज्ञान के साथ वैश्विक समाज की जटिलताओं को समझने का प्रयास करना चाहिए.

राज्यपाल ने विद्यार्थियों में नैतिक और सांस्कृतिक मूल्यों को विकसित करने में सक्षम बनाने के लिए माजुली सांस्कृतिक विश्वविद्यालय की भी सराहना की. उन्होंने कहा कि 16 अक्टूबर, 2017 को स्थापित यह विश्वविद्यालय ‘संस्कृति’ पर केन्द्रित केन्द्र बन गया है. विश्वविद्यालय न केवल अपने विद्यार्थियों को उच्च शिक्षा में मदद करने में सफल रहा है, बल्कि उन्हें सांस्कृतिक विरासत सिखाने और आम जनता के बीच सांस्कृतिक समझ को बढ़ावा देने में भी सफल रहा है.

राज्यपाल ने साथ ही निवर्तमान स्नातकों से अपने विद्यालय, राज्य और राष्ट्र की सेवा करने को कहा. इस अवसर पर आचार्य ने प्रख्यात अभिनेता विष्णु खरगड़िया और प्रसिद्ध सत्रिया कलाकार करुणा बोरा को उनके उत्कृष्ट योगदान के लिए मानद डॉक्टरेट की उपाधि भी प्रदान की.

/ श्रीप्रकाश

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