जबलपुर, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । किसान कल्याण तथा कृषि विकास विभाग के अधिकारियों ने रविवार को पाटन विकासखण्ड के ग्राम बरौदा के प्रगतिशील कृषक कृष्ण कुमार पटेल के खेत पहुँचकर स्टेप सीडड्रिल मशीन से बोई गई बासमती धान की फसल का अवलोकन किया। इन अधिकारियों में उप संचालक कृषि डॉ एस के निगम, अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ इंदिरा त्रिपाठी एवं सहायक कृषि संचालक रवि आम्रवंशी शामिल थे। प्रगतिशील किसान कृष्ण कुमार पटेल द्वारा सुगंधित तथा लंबे और पतले दाने वाली धान पूसा बासमती 1979 की स्टेप सीड ड्रिल के माध्यम से अपने छह एकड़ खेत में सीधी बोनी की है।
उप संचालक डॉ एस के निगम के अनुसार कृषक कृष्ण कुमार पटेल ने इसी साल स्टेप सीड ड्रिल मशीन राजस्थान से 1 लाख 25 हजार रुपये में मंगाई गई है। यह एक उन्नत किस्म की मशीन है। इसमें सीड का बॉक्स अलग एवं उर्वरक का बॉक्स अलग होता है। इस मशीन की यह विशेषता है कि यह एक एकड़ में 2 किलो से लेकर 10 किलो तक बीज की बोनी कर सकती है। इसमें पीछे एक रोलर लगा होता है जिससे बीज बोनी के बाद मिट्टी में ढलते जाता है।
उन्होंने बताया कि खेत का अवलोकन करने पर पाया गया कि फसल बहुत अच्छी है। पौधे से पौधे एवं लाइन से लाइन की दूरी 18 इंच पर है, फसल में टिलरिंग होना शुरू हो गई है। डॉ निगम ने बताया कि कृषक पटेल ने पिछली बार भी धान की यह किस्म डीएसआर विधि से लगाई थी, जिसका उत्पादन 22 क्विंटल प्रति एकड़ प्राप्त हुआ था। इस बार बारिश को देखते हुए उत्पादन अधिक आने की संभावना है।
फसल के अवलोकन के दौरान मौजूद किसानों को उप संचालक डॉ एस के निगम ने बताया कि धान की वानस्पतिक अवस्था में नैनो यूरिया एवं नैनो डीएपी का 500 मिलीलीटर प्रति एकड़ स्प्रे किया जाता है तो उत्पादन अधिक प्राप्त होगा। अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ इंदिरा त्रिपाठी ने बताया कि डीएसआर विधि में जहां 6 किलो एकड बीज लगता है, वहीं ट्रांसप्लांटिग में 20 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है। बीज के साथ पूरी फसल अवधि में पानी की भी कम आवश्यकता होती है। सहायक संचालक रवि आम्रवंशी ने जानकारी दी कि धान के खेत में नीली हरी काई का उपयोग किया जाता है, तो अलग से यूरिया डालने की आवश्यकता कम होती है पर धान के उत्पादन में किसी प्रकार की कोई कमी नहीं आती।
(Udaipur Kiran) तोमर
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