Next Story
Newszop

बीएचयू में डेढ़ वर्ष की बच्ची के ट्यूमर का सफल आपरेशन,हृदय को खोलकर निकाला

Send Push

image

— प्रो. वैभव पांडे और प्रो. सिद्धार्थ लाखोटिया के नेतृत्व में 20 डॉक्टरों की टीम ने रचा कीर्तिमान

वाराणसी, 17 अप्रैल . काशी हिन्दू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सर सुंदरलाल चिकित्सालय में चिकित्सा विज्ञान ने एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है. यहां बाल शल्य चिकित्सा विभाग के डॉक्टरों ने एक डेढ़ वर्ष की बच्ची के शरीर से हृदय तक फैले लगभग एक किलो वज़न के ट्यूमर को सफलतापूर्वक निकालने में सफलता पाई है. इस जटिल ऑपरेशन को दो चरणों में, लगभग 10 घंटे तक चली सर्जरी प्रक्रिया के दौरान अंजाम दिया गया.

हृदय को खोलकर किया गया ऑपरेशन

इस जटिल सर्जरी के लिए डॉक्टरों की टीम को बच्ची का हृदय खोलना पड़ा. ट्यूमर गुर्दे, यकृत और मुख्य रक्त वाहिका (इन्फीरियर वेना कावा) के माध्यम से हृदय के दाहिने अलिंद तक पहुंच चुका था. सर्जरी की योजना प्रो. वैभव पांडे (बाल शल्य चिकित्सा) और प्रो. सिद्धार्थ लाखोटिया (सीटीवीएस) की अगुवाई में तैयार की गई. उनके साथ 20 डॉक्टरों की टीम ने मिलकर इस चुनौतीपूर्ण कार्य को अंजाम दिया.

पहला चरण: गुर्दे से ट्यूमर हटाया गया

सर्जरी के पहले चरण में प्रो. वैभव पांडे, डॉ. रुचिरा, डॉ. सेठ, डॉ. भानुमूर्ति, डॉ. मनीष और डॉ. राघव ने ट्यूमर को गुर्दे, लिवर और इन्फीरियर वेना कावा से अलग किया. इस प्रक्रिया के लिए माइग्निफिकेशन तकनीक और सूक्ष्म शल्य कौशल की आवश्यकता पड़ी. दूसरे चरण में प्रो. सिद्धार्थ लाखोटिया और उनकी टीम ने कार्डिएक बायपास के तहत हृदय को खोलकर दाहिने अलिंद से ट्यूमर निकाला. यह प्रक्रिया बीटिंग हार्ट (धड़कते हुए दिल) पर की गई, जिसे ट्रांस-ईसोफेगल ईको द्वारा गाइड किया गया. यह जिम्मेदारी डॉ. संजीव और उनकी टीम ने निभाई.

बेहद जटिल और महंगी प्रक्रिया, मात्र 60,000 रूपए में हुई पूरी

सर्जरी की तैयारी में रेडियोलॉजी विभाग के डॉ. ईशान, हृदय की जटिलता का विश्लेषण करने में डॉ. प्रतिभा राय की टीम, और एनेस्थीसिया तथा सर्जरी के समन्वय में डॉ. आर. बी. सिंह और डॉ. संजीव की टीम ने अहम भूमिका निभाई.

डॉक्टरों के अनुसार, इतनी जटिल सर्जरी किसी निजी अस्पताल में कराई जाती तो कम से कम 25 लाख रूपए खर्च होता, लेकिन बीएचयू के प्रो. के. के. गुप्ता (मेडिकल सुपरिटेंडेंट) के सहयोग से सभी आवश्यक उपकरणों की व्यवस्था कर मात्र 60,000 रूपए में यह सर्जरी पूरी की गई. बताया गया कि बच्ची को पहले महामना कैंसर अस्पताल में कीमोथेरेपी दी गई थी ताकि ट्यूमर की वृद्धि को रोका जा सके और ऑपरेशन संभव हो सके.

—————

/ श्रीधर त्रिपाठी

Loving Newspoint? Download the app now