नई दिल्ली, 27 जुलाई (Udaipur Kiran) । दिल्ली सरकार अपनी लॉजिस्टिक्स और वेयरहाउसिंग पॉलिसी 2025 लाने की तैयारी में है। दिल्ली के उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि ड्राफ्ट में पहले ही ऐसे कदम शामिल हैं, जो न केवल दिल्ली का ट्रैफिक जाम कम करेंगे बल्कि प्रदूषण घटाएंगे और व्यापार की कार्यक्षमता बढ़ाएंगे। सरकार डेडिकेटेड लॉजिस्टिक्स हब, ग्रीन फ्रेट कॉरिडोर और टेक्नोलॉजी आधारित समाधान लागू करने की दिशा में काम कर रही है—ये पहल ट्रैफिक कम करने, प्रदूषण घटाने और व्यापार करने में आसानी लाने का वादा करती हैं। यह जानकारी रविवार को एक जारी करके दी है।
मंत्री सिरसा ने बताया कि दिल्ली में हर दिन 10 लाख टन माल का लगभग 1.93 लाख वाहनों के जरिए आवागमन होता है, जिनमें से 21 फीसद वाहन ट्रैफिक से होकर गुजरते हैं । सबसे ज्यादा वाहन बिल्डिंग मटेरियल (4,132 वाहन/दिन), टेक्सटाइल (3,995), फल-सब्जियां (2,569) और खाद्य उत्पाद (2,468) लाते हैं, जबकि फार्मास्युटिकल (559) और ऑटोमोबाइल (588) भी ट्रैफिक से गुजरते हैं। सही वेयरहाउसिंग जोन न होने से ये वाहन शहर के अंदरुनी हिस्सों में आते हैं, जिससे प्रमुख मार्गों पर जाम और प्रदूषण बढ़ता है।
उद्योग मंत्री सिरसा ने बताया कि ड्राफ्ट पॉलिसी में वेयरहाउस को शहर की सीमा पर शिफ्ट करना, आधुनिक अर्बन कंसॉलिडेशन और लॉजिस्टिक्स डिस्ट्रीब्यूशन सेंटर (यूसीएलडीसीएस) पर माल कंसॉलिडेट करना, और लास्ट माइल डिलीवरी के लिए इलेक्ट्रिक व सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल शामिल है। ये कदम आजादपुर, गाजीपुर, नारायणा और करोल बाग जैसे हॉटस्पॉट्स पर जाम और प्रदूषण कम करने में मदद करेंगे।
उन्होंने बताया कि नई पॉलिसी 16 प्रमुख एक्शन पॉइंट्स पर आधारित है, जो दिल्ली के लॉजिस्टिक्स ढांचे को पूरी तरह बदल देंगे। मुख्य पहलों में 24×7 संचालन के लिए मॉडल शॉप्स एक्ट में बदलाव, डिजिटल डिलीवरी मैनेजमेंट जिससे ट्रक मूवमेंट नियंत्रित हो और पीक ट्रैफिक घटे,पीपीपी मॉडल के तहत कमर्शियल पार्किंग एरिया और लोडिंग बे का निर्माण, ट्रेड और एस्टैब्लिशमेंट लाइसेंस का मर्जर शामिल हैं, ये सभी कदम ट्रक पार्किंग की कमी से लेकर पुराने फ्रेट हैंडलिंग सिस्टम तक की समस्याओं को खत्म करेंगे। इससे दिल्ली की सप्लाई चेन अधिक प्रभावी और पर्यावरण के अनुकूल बनेगी।
मंत्री ने बताया कि ड्राफ्ट पॉलिसी में उद्योगों के लिए कई तरह की सब्सिडी का प्रस्ताव है, जिससे स्थायी और सस्टेनेबल उपायों को अपनाने में मदद मिलेगी। इनमें शहर के भीड़भाड़ वाले इलाकों से वेयरहाउस शिफ्ट करने पर लीज पर जमीन में छूट, नई तकनीक अपनाने के लिए सब्सिडी और कोल्ड चेन व स्टोरेज सुविधाओं के अपग्रेड के लिए वित्तीय सहायता शामिल है।
खास तौर पर ग्रीन एनर्जी और इको-फ्रेंडली उपायों के लिए विशेष प्रोत्साहन दिए जाएंगे—जैसे वेयरहाउस की छतों पर सोलर पैनल लगाना, इलेक्ट्रिक और सीएनजी वाहनों का इस्तेमाल बढ़ाना और ऊर्जा कुशल बिल्डिंग डिजाइन अपनाना। ये कदम दिल्ली के जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप हैं और लॉजिस्टिक्स सेक्टर से होने वाले प्रदूषण को काफी कम करेंगे।
मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा कि पिछली सरकार की नीतियों की कमी ने दिल्ली के पर्यावरण और अर्थव्यवस्था को बुरी तरह प्रभावित किया। उन्होंने कहा कि सालों तक राष्ट्रीय राजधानी जाम, अव्यवस्थित फ्रेट मूवमेंट और बढ़ते प्रदूषण से जूझती रही क्योंकि पिछली सरकार ने कोई कदम नहीं उठाया। व्यापारी पुराने सिस्टम से परेशान रहे।
उन्होंने कहा कि यह एक गेम-चेंजर पॉलिसी है। इससे हमारा लॉजिस्टिक्स इकोसिस्टम ज्यादा साफ, तेज और प्रतिस्पर्धी बनेगा।
मंत्री ने यह भी भरोसा दिलाया कि अंतिम पॉलिसी तैयार करने में सभी हितधारकों और नागरिकों की राय शामिल की जाएगी।
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(Udaipur Kiran) / धीरेन्द्र यादव
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