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कांग्रेस जैसी पार्टी से उम्मीद की कोई गुंजाइश नहीं : पबित्र मार्घेरिटा

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– जो कांग्रेस असम को आपदा का तोहफ़ा देकर गई, वह असम की जनता से माफ़ी कब मांगेगी?: किशोर उपाध्याय

गुवाहाटी, 16 जुलाई (Udaipur Kiran) । नई दिल्ली में आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन के दौरान केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता पबित्र मार्घेरिटा ने राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे के असम दौरे पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की। उन्होंने कहा, “असम और भारत के लोग अपनी मेहमाननवाज़ी के लिए जाने जाते हैं। अगर राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे मां कामाख्या, मां बगला या सत्रों और नामघरों के दर्शन करने या फिर काज़ीरंगा और मानस नेशनल पार्क की सुंदरता देखने आए होते तो हम उनका स्वागत करते हैं। लेकिन अगर वे असम को शांति, विकास या प्रगति का पाठ पढ़ाने आए हैं, तो हम सुनने को तैयार नहीं हैं।”

मार्घेरिटा ने याद दिलाया कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने त्रिपुरा और नगालैंड चुनावों में हार के बाद छोटे राज्यों का अपमान किया था। उन्होंने खड़गे पर भारत रत्न डॉ. भूपेन हजारिका का मजाक उड़ाने का आरोप लगाते हुए कहा कि उन्होंने भूपेन हजारिका को केवल एक ‘साधारण गायक’ कहा था।

मार्घेरिटा ने सवाल किया, “ऐसे लोगों से असम और पूर्वोत्तर के लिए सम्मान की उम्मीद कैसे की जा सकती है?”

उन्होंने राहुल गांधी और खड़गे को नेली के पास उस जगह का दौरा करने के लिए आमंत्रित किया, जहां भाजपा सेमीकंडक्टर प्रोजेक्ट बना रही है— वही इलाका जो कांग्रेस शासनकाल में नरसंहार का गवाह बना था।

मार्घेरिटा ने कहा, “असम आंदोलन के दौरान 855 असमिया युवाओं की हत्या के लिए कांग्रेस को माफ़ी मांगनी चाहिए।”

उन्होंने कहा, “अगर राहुल और खड़गे यह देखने आए हैं कि भाजपा के शासन में कैसे रेलवे और सड़क संपर्क दोगुना हुआ, ब्रह्मपुत्र पर पुलों की संख्या तीन गुना हो गई, हर ज़िले में मेडिकल कॉलेज है, डेढ़ लाख सरकारी नौकरियां दी गईं, ‘ओरुनोदय’ योजना से महिलाएं सशक्त हुईं, उग्रवाद से अब निर्दोष लोग नहीं मारे जाते हैं, गैंडा शिकार पर नियंत्रण हुआ है आदि — तो हम उन्हें पूरी सच्चाई और खुले दिल से स्वागत करते। लेकिन कांग्रेस जैसी पार्टी से हमें कोई उम्मीद नहीं।”

वहीं असम प्रदेश भाजपा के मुख्य प्रवक्ता किशोर कुमार उपाध्याय ने भी कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। उन्होंने गुवाहाटी के बशिष्ठ चारिआली स्थित पार्टी मुख्यालय में मीडिया से कहा, “मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी जैसे नेता असम और पूर्वोत्तर के लिए कभी भी सच्चे दिल से नहीं सोचते। वे सिर्फ राजनीतिक सैर-सपाटे के लिए सालों बाद आते हैं। और चौंकाने वाली बात है कि असम कांग्रेस अध्यक्ष ने उन्हें ‘महान नेता’ कहा। सवाल ये है— क्या भाषणों और लेखों से कोई नेता महान बनता है, जो असम और पूर्वोत्तर से कोई वास्ता ही नहीं रखते?”

उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने भारत रत्न से सम्मानित असम की सांस्कृतिक धरोहर भूपेन हजारिका का अपमान किया था। ऐसी पार्टी असम के लोगों का दोस्त कैसे हो सकती है?

किशोर उपाध्याय ने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने पिछले 70–75 वर्षों तक असमिया लोगों के खिलाफ ही काम किया। धार्मिक तुष्टिकरण के नाम पर कांग्रेस ने सदैव असम की मूल जनजातियों के हितों के खिलाफ साजिश की है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस 70 साल तक शासन में रही, लेकिन असम के मूल निवासियों को ज़मीन का अधिकार (पट्टा) तक नहीं दे पाई। अब जब भाजपा सरकार दे रही है, तो कांग्रेस उसका मज़ाक बना रही है। कांग्रेस राज में ही सत्रों की 15 हजार बीघा ज़मीन पर अवैध बांग्लादेशी मुसलमानों ने कब्जा किया।”

उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस ने एक सोची-समझी साजिश के तहत असम की जनसंख्या, भाषा, संस्कृति और राजनीति को बदलने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “धुबड़ी से लेकर लखीमपुर और गोलाघाट के ऊरियामघाट तक, अवैध बांग्लादेशी घुसपैठियों का राजनीतिक नियंत्रण बढ़ता जा रहा है। 2001 में असम में बंगाली मुस्लिम विधायक 21 थे, 2021 में यह संख्या बढ़कर 31 हो गई।”

उन्होंने याद दिलाया कि आदि एलेंगी सत्र के युवा सत्राधिकारी देवेन्द्रनाथ गोस्वामी की दिनदहाड़े नृशंस हत्या कर दी गई थी और उनका शरीर विकृत कर दिया गया था। उन्होंने पूछा, “ऐसे भयानक हादसों को उपहार में देने वाली कांग्रेस पार्टी असम की जनता से माफ़ी कब मांगेगी?”

(Udaipur Kiran) / श्रीप्रकाश

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