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गया में बाढ़ का जायजा लेने पहुंचे बोधगया सीओ की गाड़ी कीचड़ में फंसी, कच्चे रास्ते ने रोका रास्ता

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जिले में हो रही लगातार बारिश और फल्गु नदी के बढ़ते जलस्तर ने बाढ़ जैसी स्थिति पैदा कर दी है। हालात का जायजा लेने के लिए गुरुवार को बोधगया अंचल अधिकारी (सीओ) महेश कुमार बसराड़ी गांव पहुंचे। लेकिन निरीक्षण से लौटते वक्त उनकी गाड़ी कच्चे रास्ते में कीचड़ में फंस गई, जिससे अफरा-तफरी की स्थिति बन गई।

घटना बोधगया प्रखंड के बसराड़ी गांव की है, जो इन दिनों बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित है। लगातार हो रही बारिश से गांव के संपर्क मार्गों की हालत बेहद खराब हो गई है। सीओ महेश कुमार अपनी टीम के साथ इलाके का जायजा लेने पहुंचे थे, ताकि प्रभावितों को राहत पहुंचाई जा सके और प्रशासनिक सहायता मुहैया कराई जा सके।

हालांकि लौटते समय जब वे कच्चे रास्ते से गुजर रहे थे, तभी वाहन कीचड़ में धंस गया। इसके चलते सीओ को वाहन से उतरकर पैदल ही निकलना पड़ा। प्रशासन की दूसरी टीम मौके पर पहुंची और जेसीबी मशीन की मदद से वाहन को बाहर निकाला गया।

इस घटना ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा के समय बुनियादी ढांचे की कितनी कमी है। ऐसे इलाकों में राहत और बचाव कार्य कैसे तेजी से किया जाएगा, जब वहां अधिकारियों की गाड़ियां भी नहीं पहुंच पा रही हैं?

स्थानीय लोगों का कहना है कि बसराड़ी सहित कई गांवों में संपर्क मार्ग पूरी तरह टूट चुके हैं और बाढ़ के पानी से गांव कटे हुए हैं। प्रशासन द्वारा नाव या वैकल्पिक मार्ग की व्यवस्था नहीं की गई है, जिससे ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।

बाढ़ की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और राहत कार्यों में तेजी लाने की बात कही है। प्रभावित इलाकों में प्रशासन द्वारा राहत शिविर भी बनाए जा रहे हैं।

सीओ महेश कुमार ने कहा कि स्थिति की गंभीरता को देखते हुए सरकार को तत्काल आधारभूत संरचना में सुधार की जरूरत है। प्रशासन पूरी कोशिश कर रहा है कि ग्रामीणों को समय पर राहत मिले और किसी तरह की जान-माल की हानि न हो।

गया जिले में ऐसी घटनाएं इस ओर इशारा करती हैं कि मानसून के मौसम में प्रशासन को पहले से ही तैयार रहना होगा, ताकि आपातकालीन स्थिति में राहत कार्य बाधित न हों।

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