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मुख्यमंत्री मोहन यादव: भारत का लोकतंत्र और श्रीकृष्ण की सांस्कृतिक विरासत पर जोर

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मुख्यमंत्री मोहन यादव ने हाल ही में पटना में आयोजित सांस्कृतिक सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत के लोकतांत्रिक मूल्यों और भगवान श्रीकृष्ण की सांस्कृतिक विरासत पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतांत्रिक देश है और भगवान श्रीकृष्ण लोकतांत्रिक व्यवस्था के पक्षधर थे।

श्रीकृष्ण की स्मृतियों का संरक्षण

मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार श्रीकृष्ण की स्मृतियों को चिरस्थाई बनाने के लिए उनके लीला स्थलों का विकास कर रही है। यह पहल न केवल धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि पर्यटन और शिक्षा के क्षेत्र में भी नई दिशा प्रदान करेगी।

मध्यप्रदेश में नए संस्थान

मोहन यादव ने यह भी घोषणा की कि मध्यप्रदेश में गीता भवन और सांदीपनि विद्यालय स्थापित किए जाएंगे। गीता भवन के माध्यम से भगवद गीता की शिक्षाओं का प्रचार-प्रसार किया जाएगा, जबकि सांदीपनि विद्यालय बच्चों में सांस्कृतिक, धार्मिक और नैतिक शिक्षा प्रदान करेगा।

यदुकुल गौरव और सांस्कृतिक संदेश

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रीकृष्ण यदुकुल के गौरव हैं और उनकी शिक्षाएं आज भी लोकतंत्र, न्याय और शांति के मूल्यों को प्रोत्साहित करती हैं। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत की सांस्कृतिक विरासत और भगवान श्रीकृष्ण की शिक्षाएं विश्व को शांति और सद्भाव का संदेश देती हैं।

बिहार का योगदान

मोहन यादव ने बिहार की संस्कृति और इतिहास की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि बिहार ने विश्व को शांति का संदेश दिया है और यह परंपरा आज भी जीवित है। बिहार और मध्यप्रदेश की सांस्कृतिक पहलों के माध्यम से युवाओं में धार्मिक और नैतिक शिक्षा का प्रसार होगा।

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