छत्तीसगढ़ में इस समय मानसून पूरी तरह से सक्रिय हो गया है, जिसके चलते राज्य के कई जिलों में लगातार बारिश का सिलसिला जारी है। इससे आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। उत्तरी छत्तीसगढ़ और सरगुजा संभाग में मानसून का सबसे अधिक असर देखा जा रहा है, जहां भारी बारिश के कारण नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है और कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है।
🌧️ लगातार बारिश से बिगड़े हालातराज्य के सूरजपुर, कोरिया, बलरामपुर, सरगुजा और जशपुर जिलों में बीते कुछ दिनों से तेज से लेकर मूसलधार बारिश हो रही है। इस कारण कई गांवों का संपर्क मुख्य सड़कों से टूट गया है। ग्रामीण इलाकों में कच्चे मकान क्षतिग्रस्त हो रहे हैं, और खेतों में खड़ी फसलें जलभराव की चपेट में आ गई हैं।
🌊 नदियों में उफान, खतरे के निशान के पास जलस्तरसरगुजा संभाग में बहने वाली रिहंद, मैनपाट, और कनहर नदियों में जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है। मौसम विभाग ने नदी किनारे बसे गांवों के लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी है।
स्थानीय प्रशासन ने निचले इलाकों में रहने वालों को सुरक्षित स्थानों पर जाने की चेतावनी दी है और आपदा प्रबंधन दलों को अलर्ट मोड पर रखा गया है।
🛣️ सड़कें जलमग्न, यातायात बाधितभारी बारिश के चलते कई जिलों की प्रमुख सड़कें पानी में डूब गई हैं, जिससे वाहनों की आवाजाही ठप हो गई है। कई ग्रामीण इलाकों का जिला मुख्यालय से संपर्क पूर्णतः कट गया है।
बिलासपुर और अंबिकापुर मार्ग पर कीचड़ और पानी भर जाने के कारण बस सेवाएं भी प्रभावित हो रही हैं।
🛑 मौसम विभाग की चेतावनीभारतीय मौसम विभाग (IMD) ने अगले 48 घंटों तक छत्तीसगढ़ में भारी से अति भारी बारिश की संभावना जताई है। विशेष रूप से उत्तरी जिलों और सरगुजा संभाग में रेड अलर्ट जारी किया गया है।
मौसम विभाग ने यह भी कहा है कि
✅ प्रशासन की तैयारी और राहत कार्य“नदियों के जलस्तर पर निगरानी रखें और अनावश्यक यात्रा से बचें। प्रशासनिक दिशा-निर्देशों का पालन करें।”
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आपदा प्रबंधन टीमों को तैनात कर दिया गया है।
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राहत शिविरों की व्यवस्था की जा रही है।
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पुलिस और स्थानीय प्रशासन को किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए तत्पर रहने के निर्देश दिए गए हैं।
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स्कूल-कॉलेजों में अवकाश की संभावना पर भी विचार किया जा रहा है।
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