बिहार के पूर्णिया जिले में एक ही परिवार के पांच लोगों को जिंदा जलाकर मार डालने की दिल दहला देने वाली घटना ने राज्य की सियासत को गर्मा दिया है। जहां घटना के बाद आम लोगों में दहशत और गुस्सा है, वहीं विपक्ष ने नीतीश कुमार सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कानून-व्यवस्था पर बड़ा सवाल उठाया है।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने घटना को लेकर नीतीश सरकार पर तीखा हमला बोला है। उन्होंने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा:
🔴 क्या है मामला?"पूर्णिया में एक ही परिवार के पाँच लोगों को जिंदा जला दिया गया। डीके टैक्स के कारण बिहार में अराजकता चरम पर है। डीजीपी और मुख्य सचिव बेबस हैं। कानून-व्यवस्था नाम की कोई चीज नहीं बची है। यह कैसा सुशासन है?"
रविवार रात मुफस्सिल थाना क्षेत्र के टेटगामा गांव में रहने वाले बाबूलाल उरांव, उनकी पत्नी और तीन अन्य परिजनों को डायन बताकर जिंदा जला दिया गया। घटना के पीछे गांव में वर्षों से चला आ रहा अंधविश्वास बताया जा रहा है।
⚖️ विपक्ष का हमला तेजतेजस्वी यादव के अलावा राजद, कांग्रेस और वाम दलों ने भी सरकार की आलोचना की है। विपक्ष का आरोप है कि सरकार "सुशासन" का दावा करती है लेकिन जमीन पर जंगलराज जैसा माहौल है।
राजद प्रवक्ता भाई विरेंद्र ने कहा:
🛡️ सरकार का बचाव"पूर्णिया जैसी घटनाएं सरकार की विफलता की प्रतीक हैं। मुख्यमंत्री को अब पद छोड़ देना चाहिए या फिर पुलिस और प्रशासन को पूरी स्वतंत्रता दें।"
वहीं, जदयू और एनडीए सरकार की ओर से बयान आया है कि घटना दुर्भाग्यपूर्ण है लेकिन प्रशासन पूरी मुस्तैदी से जांच कर रहा है। दोषियों को जल्द गिरफ्तार किया जाएगा और सख्त सजा दिलाई जाएगी।
राज्य सरकार के एक वरिष्ठ मंत्री ने कहा:
📉 चुनावी साल में कानून-व्यवस्था बन सकता है बड़ा मुद्दा"यह मामला हमारी प्राथमिकता में है। पुलिस टीम घटनास्थल पर डटी है और कुछ संदिग्धों को हिरासत में लिया गया है। कोई भी दोषी नहीं बचेगा।"
बिहार में 2025 के विधानसभा चुनाव नजदीक हैं और ऐसे में कानून-व्यवस्था एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बनता दिख रहा है। पूर्णिया की घटना ने विपक्ष को सरकार के खिलाफ बोलने का नया आधार दे दिया है
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