भारत में भगवान शिव के अनगिनत मंदिर हैं, जिनमें से प्रत्येक की अपनी विशेषता और रहस्य हैं जो भक्तों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। अधिकांश मंदिरों में शिव जी का एक मुख वाला शिवलिंग या मूर्ति स्थापित होता है, जिसमें वह ध्यान मग्न दिखाई देते हैं। लेकिन हिमाचल प्रदेश के मंडी जिले में स्थित एक ऐसा प्राचीन मंदिर है, जहां भगवान शिव की मूर्ति के तीन मुख हैं। इस कारण इसे ‘त्रिलोकीनाथ’ के नाम से जाना जाता है, जिसका अर्थ है—तीनों लोकों के स्वामी।
मंडी न केवल हिमाचल का एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है, बल्कि यह अपने आध्यात्मिक महत्व के लिए भी विख्यात है। मंडी को हिमाचल की काशी कहा जाता है क्योंकि यहां कुल 81 मंदिर हैं, जो वाराणसी के 80 मंदिरों से भी अधिक हैं। इनमें से एक प्रमुख मंदिर त्रिलोकीनाथ मंदिर है, जहां भगवान शिव को तीन मुखों के साथ पूजा जाता है।
त्रिमुखी भगवान शिव की महत्तात्रिलोकीनाथ मंदिर में स्थापित भगवान शिव की मूर्ति तीन अलग-अलग दिशाओं की ओर मुख किए हुए है। यह तीन मुख ब्रह्मांड के तीन लोकों—स्वर्ग, पृथ्वी और पाताल—का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए शिव जी को त्रिलोकीनाथ या तीनों लोकों के भगवान के रूप में पूजा जाता है। इस अनूठे स्वरूप से यह मंदिर भक्तों के बीच अत्यंत लोकप्रिय है और धार्मिक आस्था का केंद्र बना हुआ है।
मंदिर परिसर में भगवान शिव के साथ उनके वाहन बैल नंदी भी विराजमान हैं। इसके अलावा, यहां देवी पार्वती की भी एक दिव्य मूर्ति स्थापित है, जो शिव परिवार की पूर्णता को दर्शाती है। यह दर्शाता है कि मंदिर में शिव-पार्वती की जोड़ी के साथ धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व की पूरी झलक मिलती है।
मंदिर का इतिहास और स्थानकिंवदंती है कि 16वीं शताब्दी में रानी सुल्तान देवी ने इस मंदिर के निर्माण का जिम्मा लिया था। यह मंदिर पुरानी मंडी में मुख्य बस स्टैंड से मात्र एक किलोमीटर की दूरी पर ब्यास नदी के किनारे स्थित है। मंदिर का स्थान मंडी-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग के साथ पुराने विक्टोरिया ब्रिज के पास है। मंदिर का वातावरण स्वच्छ, शांत और सुव्यवस्थित है, जो भक्तों और पर्यटकों दोनों के लिए आकर्षण का केंद्र है।
वास्तुकला और आध्यात्मिक महत्वत्रिलोकीनाथ मंदिर हिमाचल की पारंपरिक वास्तुकला की उत्कृष्ट मिसाल है। इसके प्रांगणों और गर्भगृह में स्थापित मूर्तियां भक्तों को आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराती हैं। मंदिर की यह भव्यता और सुंदरता भक्तों के मन को मोह लेने वाली है। मंदिर परिसर में मौजूद नंदी, पार्वती और अन्य देवी-देवताओं की मूर्तियां इसे एक सम्पूर्ण धार्मिक स्थल बनाती हैं।
मंडी के इस त्रिलोकीनाथ मंदिर का दर्शन न केवल आध्यात्मिक शांति देने वाला है, बल्कि यहां आने वाले पर्यटक हिमाचल की सांस्कृतिक और धार्मिक विरासत का भी अनुभव करते हैं। यह मंदिर भोलेनाथ के भक्तों के लिए एक अनूठा तीर्थस्थल है, जहां वे भगवान शिव के त्रिमुखी स्वरूप की पूजा कर अपनी मनोकामनाएं पूर्ण करते हैं।
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