सोन नदी का जलस्तर गुरुवार सुबह अचानक तेज़ी से बढ़ गया, जिससे नदी में उफान की स्थिति बन गई है। यह स्थिति सोन नदी के ऊपरी जलग्रहण क्षेत्र में लगातार हो रही भारी वर्षा के कारण उत्पन्न हुई है। स्थिति की गंभीरता को देखते हुए इंद्रपुरी बराज के सभी 65 गेट खोल दिए गए हैं और कुल 4,43,458 क्यूसेक पानी नदी में छोड़ा गया है।
इंद्रपुरी बराज से छोड़े गए पानी की यह भारी मात्रा नदी किनारे बसे इलाकों के लिए खतरे का संकेत है। जिला प्रशासन और आपदा प्रबंधन विभाग इस पूरे घटनाक्रम पर नजर बनाए हुए हैं और लोगों से अपील की गई है कि वे नदी के किनारे न जाएं और सतर्कता बरतें।
सूत्रों के मुताबिक, इस मानसून में पहली बार इतनी बड़ी मात्रा में सोन नदी में पानी छोड़ा गया है। जल संसाधन विभाग की टीम स्थिति पर नजर रखे हुए है। अधिकारियों का कहना है कि फिलहाल पानी का बहाव नियंत्रित है, लेकिन अगर ऊपरी क्षेत्र में वर्षा जारी रही, तो जलस्तर और बढ़ सकता है।
निचले इलाकों में अलर्ट जारी
गया, औरंगाबाद, रोहतास व भोजपुर जैसे जिलों के निचले हिस्सों में बाढ़ की आशंका को देखते हुए प्रशासन अलर्ट पर है। इन क्षेत्रों के तटवर्ती गांवों में मुनादी कराकर लोगों को सतर्क किया जा रहा है। साथ ही एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की टीमों को तैयार रहने के निर्देश दिए गए हैं।
फसलों पर असर की आशंका
इस जलस्तर वृद्धि का असर किसानों पर भी पड़ सकता है। नदियों के आसपास खेतों में लगी धान व अन्य फसलों को नुकसान पहुंचने की आशंका जताई जा रही है। हालांकि कृषि विभाग ने अभी तक किसी बड़े नुकसान की पुष्टि नहीं की है, लेकिन यदि पानी का बहाव इसी तरह बना रहा, तो फसलों को गंभीर नुकसान हो सकता है।
प्रशासन की तैयारी और अपील
आपदा प्रबंधन विभाग के अधिकारियों ने कहा है कि किसी भी आपात स्थिति से निपटने के लिए सभी आवश्यक इंतजाम किए जा चुके हैं। स्थानीय प्रशासन ने आम लोगों से अपील की है कि वे अफवाहों पर ध्यान न दें और प्रशासन द्वारा जारी दिशा-निर्देशों का पालन करें।
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