इंटरनेट डेस्क। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में संबोधन हुआ। इस दौरान उन्होंने अपने समकक्षों को संबोधित किया। अपने संबोधन के दौरान उन्होंने वैश्विक दक्षिण की उपेक्षा पर चिंता जताई, जहां विकास, संसाधन वितरण और सुरक्षा जैसे मुद्दों में इस क्षेत्र को प्राथमिकता नहीं दी गई। उन्होंने कहा कि जलवायु वित्त, सतत विकास और प्रौद्योगिकी पहुंच जैसे क्षेत्रों में वैश्विक दक्षिण को केवल प्रतीकात्मक आश्वासन मिले हैं। उन्होंने 20वीं सदी में बनी वैश्विक संस्थाओं, जैसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, विश्व व्यापार संगठन और बहुपक्षीय विकास बैंक, में सुधार की आवश्यकता पर बल दिया।
हुआ पीएम का खास स्वागत
मीडिया रिपोटर्स की माने तो यहां पहुंचने पर अनोखे अंदाज में पीएम मोदी का गणेश वंदना “ओम गं गणपतये नमः” के साथ स्वागत किया गया। ब्राजील के एक स्थानीय म्यूजिकल ग्रुप ने “ओम गं गणपतये नमः” के साथ भारतीय प्रधानमंत्री का स्वागत किया। इस प्रस्तुति में पारंपरिक भारतीय लय को ब्राजील के संगीत के साथ मिलाया गया, जिसमें महिला और पुरुष कलाकार शामिल थे।हाथ जोड़कर मुस्कुराते हुए खड़े प्रधानमंत्री मोदी स्पष्ट रूप से भावविभोर नजर आए।
दिखने चाहिए बदलाव
इसके बाद प्रधानमंत्री ने एक नए बहुध्रुवीय और समावेशी विश्व व्यवस्था की वकालत की। जिसमें वैश्विक संस्थाओं में सुधार की मांग की गई। उन्होंने कहा कि सुधार केवल प्रतीकात्मक नहीं होने चाहिए, बल्कि शासन संरचना, मतदान अधिकार और नेतृत्व पदों में ठोस बदलाव दिखने चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि जब एआई हर सप्ताह अपडेट हो रहा है, तब 80 वर्षों में एक बार भी अपडेट न होने वाली वैश्विक संस्थाएं स्वीकार्य नहीं हैं। उन्होंने कहा, ’21वीं सदी का सॉफ्टवेयर 20वीं सदी के टाइपराइटर पर नहीं चल सकता है।
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