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घर में सुख-शांति के लिए रंग और तरंग का महत्व: जानें कैसे करें सुधार

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घर में सुख और शांति का महत्व


ज्योतिष: हर किसी की ख्वाहिश होती है कि उसका परिवार खुशहाल हो। परिवार के सदस्यों के बीच प्रेम और सहयोग होना चाहिए, बड़े-बुजुर्गों का सम्मान होना चाहिए और छोटे सदस्यों को प्यार मिलना चाहिए। जिस घर में प्रेम होता है, वह स्वर्ग के समान होता है और उस पर देवताओं की कृपा बनी रहती है।


रिश्तों से सजा परिवार एक खूबसूरत गुलदस्ते की तरह होता है। लेकिन जब रिश्तों में गलतफहमियां और मनमुटाव होते हैं, तो परिवार की शांति भंग हो जाती है, जिसका असर न केवल परिवार पर, बल्कि समाज पर भी पड़ता है। ऐसे में रोज़-रोज़ के विवाद गृह क्लेश का कारण बनते हैं। तो सवाल यह है कि घर में विवाद क्यों होते हैं और इसके पीछे क्या कारण हैं?


घर में कलह के कई कारण हो सकते हैं, जिनमें वास्तु दोष और ग्रह दोष शामिल हैं। माना जाता है कि घर का रंग, वहां की तरंग और वहां रहने वाले लोग यदि सही हों, तो घर में सुख-शांति बनी रहती है। यदि इनमें से कोई भी सही नहीं है, तो घर में कलह होती रहती है। कभी-कभी हम बाहर से ऐसी चीजें लेकर आते हैं, जो कलह का कारण बनती हैं या उसे बढ़ा देती हैं।


यदि आप अपने घर में कलह नहीं चाहते हैं, तो सबसे पहले घर के रंगों को ठीक करना होगा। इसके लिए हल्के और खूबसूरत रंगों का प्रयोग करें। लिविंग एरिया में हल्के पीले, गुलाबी या हरे रंग का उपयोग करें। बेडरूम में हल्के गुलाबी, बैगनी या हरे रंग के शेड्स का प्रयोग करें और छत का रंग सफेद रखें।


घर के रंगों के अलावा तरंग को ठीक रखना भी आवश्यक है। घर के सामान और लोगों से तरंग का निर्माण होता है। इसलिए घर में उन चीजों को न रखें, जिनका कोई उपयोग नहीं है। जिन घरों में बासी खाना और अनुपयोगी जूते-चप्पल रखे रहते हैं, उनकी तरंगें खराब रहती हैं। इसके अलावा, तेज ध्वनि वाले संगीत और चिल्लाने-चिल्लाने से भी तरंगें खराब हो जाती हैं।


घर के रंग और तरंग के अलावा, वहां रहने वाले लोग भी महत्वपूर्ण हैं। घर के लोगों का व्यवहार और स्वभाव सबसे ज्यादा मायने रखता है। कहा जाता है कि घर के लोगों से ही तरंग बनती है और उस घर का भाग्य भी। इसलिए घर में रहने वाले लोगों का व्यवहार बहुत महत्वपूर्ण होता है।


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