स्वास्थ्य अपडेट (हेल्थ कार्नर): स्तनपान के सुझाव हिंदी में: नवजात को जन्म के तुरंत बाद मां का गाढ़ा पीला दूध देना चाहिए। इससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है। प्रसव के बाद महिला को सामान्य स्थिति में लौटने में लगभग डेढ़ महीने का समय लगता है। इस दौरान खट्टे फल, नींबू, अचार, इमली की चटनी या खट्टी चीजें खाने से बच्चे को परेशानी हो सकती है। कोल्ड ड्रिंक्स, चाय और कॉफी से बचना चाहिए।
छह महीने तक केवल स्तनपान
सामान्य प्रसव और स्तनपान से मां का शरीर बेडौल नहीं होता, यह एक गलत धारणा है। वास्तव में, स्तनपान से मां का वजन नियंत्रित रहता है और ब्रेस्ट कैंसर का खतरा भी कम होता है। शिशु को छह महीने तक केवल स्तनपान कराना चाहिए।
बच्चे के शारीरिक और मानसिक विकास के लिए, मां का दूध सबसे पौष्टिक और सुपाच्य होता है। शिशु को छह महीने बाद उबली सब्जियां और फल देना चाहिए, और नौ महीने बाद अन्न देना चाहिए।
स्तनपान के लाभ
स्तनपान से शिशु की मृत्युदर में 20% की कमी आ सकती है। प्रसव के बाद दूध पिलाने के लिए प्रोलैक्टिन और ऑक्सीटॉसिन हार्मोन का निर्माण होता है। पहले दूध को कोलोस्ट्रम कहा जाता है, जो शिशु को पीलिया से बचाता है।
दूध की गुणवत्ता बढ़ाने के उपाय
दूध की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए, दूध और चावल की खीर का सेवन करें। जीरे को हल्का भूनकर, सुबह-शाम खाने के बाद तांबे के बर्तन में पानी के साथ आधा चम्मच लेने से दूध की गुणवत्ता में सुधार होता है। आयुर्वेद में शतावरी और विदारीकंद मिलाकर 5 ग्राम सुबह-शाम दूध के साथ लेने से दूध की मात्रा बढ़ती है।
You may also like
20 अप्रैल से बदल जाएगा शनि, इन 2 राशियों का स्वामी ग्रह, जानिए इन राशियों से जुड़ी खास बातें…
मुस्लिम समुदाय केंद्र से लंबे संघर्ष के लिए तैयार, वक्फ (संशोधन) अधिनियम की वापसी का आग्रह
Trace Cyrus ने Katy Perry पर साधा निशाना, सोशल मीडिया पर किया मजाक
पटना की युवती की शादी के बाद कतर में हुई हैरान करने वाली घटना
भारत में फांसी की प्रक्रिया: जल्लाद की अंतिम बातें और नियम