स्ट्राबेरी एक लाल, रसीला फल है, जो पेस्ट्री में उपयोग किया जाता है और इसे सीधे भी खाया जा सकता है। यह विश्वभर में सबसे लोकप्रिय जैविक फलों में से एक है। इसमें कैलोरी की मात्रा कम होती है, कोई वसा नहीं होती, और यह विटामिन B6, विटामिन C, फाइबर, पोटेशियम और फोलिक एसिड से भरपूर है।
स्ट्रॉबेरी की खेती
स्ट्रॉबेरी की खेती यूरोप, एशिया और अमेरिका में की जाती है, और यह ऑस्ट्रेलिया और अफ्रीका में भी उगाई जाती है। इसके विभिन्न प्रकारों को विकसित किया गया है ताकि इसके आकार और स्वाद में सुधार किया जा सके।
इतिहास और नामकरण
प्राचीन रोम में, स्ट्रॉबेरी को उनके लैटिन नाम 'फ्रैग्रा' से जाना जाता था, जिसका अर्थ है सुगंधित। 'स्ट्रॉबेरी' शब्द की उत्पत्ति अंग्रेजी के 'स्टीव' और 'बेरिज' से हुई है। यह माना जाता है कि 'पुआल' शब्द का उपयोग स्ट्रॉबेरी के पौधों के स्प्रिंटर्स के संदर्भ में किया गया था।
स्ट्रॉबेरी का महत्व
स्ट्रॉबेरी को पहले एक महत्वपूर्ण फसल नहीं माना जाता था, लेकिन लंदन और अन्य शहरों में युवा लोग इसे बाजार में बेचने के लिए 'जामुन के पुआल' के रूप में चुनते थे। कई बच्चे इसे अपने कॉल के रूप में पहचानते थे।
प्राचीन चिकित्सा में उपयोग
प्लिनी द एल्डर ने स्ट्रॉबेरी को इटली के स्थानीय उत्पादों में से एक बताया। यह फल प्रसिद्ध नहीं था, लेकिन प्लिनी ने कहा कि इसे रोमन व्यापारियों द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में ले जाया गया था।
चीन के येलो सम्राट के समय में, उनके चिकित्सकों ने स्ट्रॉबेरी की पत्तियों का उपयोग शरीर को स्वस्थ रखने के लिए किया। यह ज्ञात नहीं है कि लोग इसे पहले कैसे खाते थे।
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