News India Live, Digital Desk: Ministry of Education : हम सब की जिंदगी में शिक्षकों का एक खास स्थान होता है. वे सिर्फ हमें किताबी ज्ञान ही नहीं देते, बल्कि जीवन जीने का सही रास्ता भी दिखाते हैं. ऐसे ही शिक्षकों के बेमिसाल योगदान को सलाम करने के लिए हर साल 5 सितंबर को शिक्षक दिवस मनाया जाता है. इस खास मौके पर, देश की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, देश के कोने-कोने से चुने गए 45 बेहतरीन शिक्षकों को 'राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार' से सम्मानित करेंगी.यह प्रतिष्ठित समारोह दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित किया जाएगा, जहां इन शिक्षकों को उनके शानदार काम और शिक्षा के क्षेत्र में लाए गए नए-नए बदलावों के लिए सम्मानित किया जाएगा. ये वो शिक्षक हैं जिन्होंने अपनी लगन और मेहनत से न सिर्फ अपने स्कूलों की, बल्कि अपने छात्रों की भी तकदीर बदल दी है.कौन हैं ये 45 खास शिक्षक?शिक्षा मंत्रालय द्वारा चुने गए इन 45 शिक्षकों में प्राथमिक, माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक विद्यालयों के शिक्षक शामिल हैं. इनका चुनाव एक बहुत ही कठिन और पारदर्शी तरीके से किया गया है. यह पुरस्कार उन शिक्षकों को दिया जाता है जिन्होंने अपने छात्रों के जीवन को बेहतर बनाने और शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने के लिए कुछ हटकर और नया काम किया हो. ये सिर्फ वो शिक्षक नहीं हैं जो सिलेबस पूरा कराते हैं, बल्कि ये वो गुरु हैं जो बच्चों में सीखने की एक नई ललक पैदा करते हैं.क्या मिलता है इस पुरस्कार में?इस पुरस्कार का मकसद देश के बेहतरीन शिक्षकों के काम को पहचान देना और उन्हें सम्मानित करना है, ताकि दूसरे शिक्षक भी उनसे प्रेरणा ले सकें. इस सम्मान में हर शिक्षक को:एक रजत पदक (Silver Medal)50,000 रुपये की पुरस्कार राशिएक योग्यता प्रमाण पत्र (Certificate of Merit) दिया जाता है.यह पुरस्कार सिर्फ एक सम्मान नहीं, बल्कि देश की तरफ से उन गुरुओं के लिए एक "धन्यवाद" है, जो चुपचाप रहकर देश के भविष्य को संवारने का सबसे महत्वपूर्ण काम कर रहे हैं. यह दिन हमें याद दिलाता है कि एक अच्छा शिक्षक एक पूरी पीढ़ी को बदल सकता है.
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