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एमपी नर्सिंग कॉलेज फर्जीवाड़े मामले में हाई कोर्ट का एक्शन, आईएनसी के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस

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जबलपुर: नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़े के मामले में हाईकोर्ट ने सख्ती दिखाई है। कोर्ट ने भारतीय नर्सिंग काउंसिल यानी आईएनसी के पुराने आदेशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई है। जस्टिस अतुल श्रीधरन और जस्टिस डीके पालीवाल की बेंच ने आईएनसी के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है। उनसे जवाब मांगा गया है। यह मामला नर्सिंग कॉलेजों में अनियमितताओं से जुड़ा है। लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के विशाल बघेल ने कॉलेजों के खिलाफ याचिका दायर की थी। अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी।





दरअसल, लॉ स्टूडेंट एसोसिएशन के विशाल बघेल ने हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की थी। उन्होंने प्रदेश में नियमों के खिलाफ चल रहे नर्सिंग कॉलेजों को चुनौती दी थी। इस पर हाईकोर्ट ने नर्सिंग कॉलेजों की सीबीआई जांच के आदेश दिए थे। सीबीआई जांच में लगभग 300 से ज्यादा कॉलेज अनफिट पाए गए थे। हाईकोर्ट ने आईएनसी और एमपीएनआरसी को इन कॉलेजों की मान्यता से जुड़ी असली फाइलें कोर्ट में पेश करने को कहा था।





आईएनसी पर हाई कोर्ट सख्त

कोर्ट के आदेश के बाद भी आईएनसी ने अनफिट पाए गए नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से जुड़ी असली फाइलें सीबीआई जांच में पेश नहीं की। हाईकोर्ट ने इसे गंभीरता से लिया और आईएनसी के सचिव को व्यक्तिगत रूप से पेश होने के लिए कहा था। गुरुवार को हुई सुनवाई में आईएनसी के सचिव खुद कोर्ट में नहीं आए। साथ ही, अनफिट पाए गए नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से जुड़ी असली फाइलें भी पेश नहीं की गईं। इसे देखते हुए कोर्ट ने आईएनसी के चेयरमैन और सचिव को अवमानना नोटिस जारी किया है।





कोर्ट का एक्शन

कोर्ट ने सीबीआई को यह भी निर्देश दिया है कि वह जांच की सॉफ्ट कॉपी याचिकाकर्ता को दे। इसके अलावा, एमपी नर्सिंग काउंसिल को सत्र 2025-26 के लिए नर्सिंग कॉलेजों की मान्यता से जुड़े आवेदन और फैकल्टी का डेटा भी याचिकाकर्ता को देने को कहा गया है। याचिका पर अगली सुनवाई 16 जुलाई को होगी। याचिकाकर्ता की ओर से वकील आलोक बागरेचा ने पैरवी की।

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