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Karol Bagh Fire News: मां को नहीं पता बेटा अब दुनिया में नहीं... आग लगने पर लिफ्ट में फंसे यूपीएससी एस्पिरेंट की दर्दनाक मौत

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नई दिल्ली: दिल्ली के करोल बाग में स्थित विशाल मेगा मार्ट में शुक्रवार शाम आग लगने पर एक शख्स की मौत हो गई। जान गंवाने वाले यूपीएससी अभ्यर्थी ने अपने भाई को भेजे आखिरी संदेश में मदद की गुहार लगाई थी। धुएं से भरी लिफ्ट के अंदर किसी तरह मदद मिलने का इंतजार कर रहे धीरेंद्र प्रताप ने अपने बड़े भाई को हताशा से भरे आखिरी बार भेजे संदेश में कहा था भैया अब सांस फूल रही है। कुछ करो...



बनारस के रहने वाले 25 वर्षीय धीरेंद्र बमुश्किल 48 घंटे पहले ही संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) की तैयारी फिर से शुरू करने के लिए दिल्ली लौटे थे, लेकिन दुर्भाग्य से करोल बाग स्थित विशाल मेगा मार्ट में लगी आग के कारण वह लिफ्ट में फंस गए और दम घुटने से उनकी मौत हो गई। वह एक नयी शुरुआत की उम्मीद लेकर वापस आए थे, लेकिन इसके बजाय वह मदद के इंतजार में हांफते हुए अपनी जान गंवा बैठे।



यूपीएससी की तैयारी कर रहा था धीरेंद्रउनके बड़े भाई वीरेंद्र विक्रम ने बताया कि धीरेंद्र ने हाल ही में यूपीएससी की प्रारंभिक परीक्षा दी थी और दिल्ली लौटा था। वह करोल बाग में किराए के मकान में रह रहा था। वीरेंद्र ने न्यूज एजेंसी से कहा कि मुझे शाम 6.51 बजे मेरे भाई का संदेश मिला, जिसमें उसने बताया कि वह लिफ्ट में फंस गया है और सांस नहीं ले पा रहा है। वह मुझसे कुछ करने के लिए कह रहा था, ताकि उसकी मदद की जा सके। मैंने तुरंत पुलिस को फोन किया, लेकिन कई घंटे तक कुछ नहीं हुआ।



दो दिन पहले ही दिल्ली आया था वापसउस समय धीरेंद्र ने उन्हें (भाई) को संदेश भेजा था कि भैया, हम लिफ्ट में हैं। फंस गए हैं। करोल बाग मेगा मार्ट। धीरेंद्र ने भेजे अंतिम संदेश में कहा था कि अब सांस फूल रहीं हैं। कुछ करो। वीरेंद्र ने नम आंखों से कहा कि वह दो दिन पहले ही वापस आया था और फिर से अपनी पढ़ाई शुरू करने की कोशिश कर रहा था। उसने जो कुछ भी किया वह उसके भविष्य के लिए था और अब वह चला गया है। मुझे नहीं पता कि क्या करना है।



बनारस में था धीरेंद्र का पूरा परिवारवीरेंद्र ने कहा कि उसके परिवार को इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि धीरेंद्र मेगा मार्ट गया हुआ था। उन्होंने कहा कि वह कभी विशाल मेगा मार्ट नहीं गया। हमें नहीं पता कि वह वहां क्यों गया था। हम सब बनारस में थे। वीरेंद्र ने कहा कि जरा सोचिए अगर उसने वह संदेश नहीं भेजा होता तो हमें यह पता भी नहीं चलता कि वह कहां है कि वह उस लिफ्ट में फंसा हुआ है और वहां उसकी जान चली गई है।



आग लगी तो काट दी लिफ्ट की बिजलीउन्होंने आरोप लगाया कि वहां कोई फायर अलार्म नहीं था। आग लगने पर निकलने का कोई रास्ता नहीं था और जब आग लगी तो वहां लिफ्ट की बिजली काट दी गई जिससे वह अंदर फंस गया और बाहर निकलने का कोई रास्ता नहीं बचा था। वीरेंद्र ने दावा किया कि अपने भाई का संदेश मिलने पर उन्होंने पीसीआर को फोन किया लेकिन समय पर मदद नहीं मिली।



उम्मीद करता रहा कि कोई वहां पहुंच जाएवीरेंद्र ने कहा कि पुलिस ने रात 9 बजे के आसपास ही कोई जवाब दिया। तब तक हमें कोई अपडेट नहीं मिला और मैं पूरी तरह असहाय था। मैं उम्मीद करता रहा कि कोई समय पर वहां पहुंच जाएगा। पुलिस, अग्निशमन विभाग और आपदा प्रतिक्रिया दल द्वारा चलाए गए संयुक्त बचाव अभियान के दौरान धीरेंद्र का शव बरामद किया गया। वीरेंद्र ने कहा कि कल्पना कीजिए कि दम घुटने से मरना कितना दर्दनाक होगा। मेरा भाई, मेरा सबकुछ था लेकिन वहां आग लगने से दम घुटने के कारण उसकी मौत हो गई।



भाई का दावा- नाक से बह रहा था खूनउन्होंने बताया कि उनकी मां अभी भी बनारस में हैं और उन्हें लगता है कि धीरेंद्र को सिर्फ चोट पहुंची है। वीरेंद्र ने कहा कि हमने अभी तक उन्हें नहीं बताया है। वह इस दर्द को बर्दाश्त नहीं कर पाएंगी। उन्होंने कहा कि जब मैंने अपने भाई का शव देखा तो उसकी नाक से खून बह रहा था। यह स्पष्ट था कि उसे बहुत तकलीफ हुई थी। उस पल ने मुझे तोड़ दिया। पुलिस ने बताया कि शाम 6.44 बजे पदम सिंह रोड पर स्थित चार मंजिला विशाल मेगा मार्ट इमारत की दूसरी मंजिल से आग लगने की सूचना मिली थी। आग दूसरी मंजिल तक ही सीमित थी।

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