Next Story
Newszop

यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण... नीलामी के बाद किया समझौता, अब सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक को लगाई फटकार

Send Push
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब नेशनल बैंक को एक कर्जदार की संपत्ति की नीलामी के बाद उसके साथ समझौता करने पर फटकार लगाई है। अदालत ने बैंक से कहा कि वह जल्द से जल्द नीतिगत फैसला ले ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।



बुधवार को न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति संदीप मेहता की पीठ ने पीएनबी को नीलामी क्रेता को अंतिम बिक्री प्रमाणपत्र जारी करने का निर्देश दिया। न्यायालय नीलामी क्रेता द्वारा दायर एक याचिका पर सुनवाई कर रहा था, जो बिक्री प्रमाणपत्र जारी करने के बजाय, उसके द्वारा जमा की गई बिक्री राशि वापस करने के बैंक के फैसले से संबंधित था।



लाइव लॉ की रिपोर्ट के अनुसार, कोर्ट ने याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा, कहा कि यह एक राष्ट्रीयकृत बैंक के लिए दुखद स्थिति है। जस्टिस पारदीवाला ने कहा, बैंक इस पर आंखें क्यों मूंद रहे हैं? यह दुखद स्थिति है, बैंक ऐसा न करें नहीं तो कोई भी शख्स निलामी में भाग नहीं लेगा । इससे वित्तीय संस्थान और बैंक दोनों ही घाटे में रहेंगे। कोई भी सुरक्षित संपत्ति खरीदने को आगे नहीं आएगा। वे सोचेंगे की मैं इस झंझट में क्यों पड़ूं।



खरीददार को बताए बिना कैसे किया समझौता?

कोर्ट ने पूछा कि पीएनबी ने नीलामी खरीददार को बताए बिना समझौता क्यों किया। जस्टिस परदीवाला ने कहा, अगर आप समझौता करना ही चाहते थे, तो क्या आपको नीलामी खरीदार को लोक अदालत की कार्यवाही में शामिल नहीं करना चाहिए था? यह मिलीभगत है।



क्या है पूरा मामला?

पंजाब नेशनल बैंक ने SARFAESI एक्ट के तहत उधारकर्ता के खिलाफ वसूली की कार्यवाही शुरू की थी। उधारकर्ता ने देहरादून में ऋण वसूली न्यायाधिकरण (DRT) के समक्ष एक याचिका दायर की। इसमें वसूली की कार्यवाही को चुनौती दी गई थी। DRT के मामले में, PNB और उधारकर्ता ने राष्ट्रीय लोक अदालत के दौरान समझौता किया। जबकि बैंक पहले ही संपत्ति की नीलामी कर चुका था।



नीलामी खरीदार ने 42 लाख RTGS के माध्यम से जमा किए थे। बैंक ने दावा किया कि उसे जमा की जानकारी नहीं थी। बैंक ने कहा कि जब उसे जमा की जानकारी हुई, तो उसने राशि वापस कर दी। बाद में, DRT ने उधारकर्ता द्वारा दायर कार्यवाही में मैनेजर और जनरल मैनेजर को बुलाया। पीएनबी ने DRT के आदेश के खिलाफ हाई कोर्ट में एक याचिका दायर की, हाई कोर्ट ने याचिका पर नोटिस जारी किया।



खरीददार ने हाई कोर्ट में दायर की थी याचिका

बैंक के कार्यों से परेशान होकर, नीलामी खरीदार ने हाई कोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। सुप्रीम कोर्ट ने मामले की गंभीरता को देखते हुए बैंक के CMD को बुधवार को कोर्ट में पेश होने के लिए बुलाया।



बुधवार को सुनवाई के दौरान, भारत के अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणि ने PNB की ओर से पेश होकर स्वीकार किया कि बैंक से गलती हुई है। उन्होंने कहा, मैं एक पल के लिए भी बचाव नहीं कर रहा हूं। वह मामले की जांच करेंगे।



कोर्ट ने AGI के बयान को रिकॉर्ड किया कि बैंक तुरंत इलाहाबाद हाई कोर्ट से अपनी रिट याचिका वापस ले लेगा और फिर नीलामी खरीदार को अंतिम बिक्री प्रमाणपत्र जारी करेगा।



कोर्ट ने बैंक को बिना शर्त रिट याचिका वापस लेने और नीलामी खरीदार को वापसी के 48 घंटों के भीतर अंतिम बिक्री प्रमाणपत्र जारी करने और कानून के अनुसार कंवीनियंस डीड निष्पादित करने का निर्देश दिया।

Loving Newspoint? Download the app now