नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को गुजरात के कांडला में दीनदयाल बंदरगाह में भारत के पहले 'मेक-इन-इंडिया' ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट के हाल ही में चालू होने की सराहना करते हुए इसे ऐतिहासिक प्रयास बताया। बता दें कि भारत के स्वच्छ ऊर्जा परिवर्तन की दिशा में एक ऐतिहासिक मील के पत्थर में, दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) ने गुरुवार को गुजरात के कांडला में देश का पहला 'मेक-इन-इंडिया' 1 मेगावाट ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट चालू किया। पीएम मोदी ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, 'यह एक सराहनीय प्रयास है, जो स्थिरता को बढ़ावा देता है और हमारे नेट-जीरो विजन को शक्ति प्रदान करता है।'
इस संयंत्र का उद्घाटन केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। इस अवसर पर पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी. के. रामचंद्रन, आईआरएसएमई के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह, दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष और बंदरगाह एवं एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नेट-जीरो विजन की दिशा में सशक्त कदम
बंदरगाह प्राधिकरण ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेट-जीरो विजन की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। मात्र चार महीने पहले, कच्छ की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला स्थित दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) में 10 मेगावाट के संयंत्र की आधारशिला रखी थी। एक मेगावाट के मॉड्यूल के चालू होने के साथ, यह विजन अब जमीनी स्तर पर आकार ले रहा है।
डीपीए, कांडला के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने बताया कि यह परियोजना न केवल डीपीए या गुजरात के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। भारत ने नवंबर 2021 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (सीओपी 26) के 26वें सत्र में 2070 तक 'नेट ज़ीरो' हासिल करने के अपने लक्ष्य की घोषणा की थी।
इस संयंत्र का उद्घाटन केंद्रीय पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने किया। इस अवसर पर पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग राज्य मंत्री शांतनु ठाकुर, पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के सचिव टी. के. रामचंद्रन, आईआरएसएमई के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह, दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण के अध्यक्ष और बंदरगाह एवं एलएंडटी के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।
नेट-जीरो विजन की दिशा में सशक्त कदम
बंदरगाह प्राधिकरण ने इसे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेट-जीरो विजन की दिशा में एक सशक्त कदम बताया। मात्र चार महीने पहले, कच्छ की अपनी यात्रा के दौरान, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कांडला स्थित दीनदयाल बंदरगाह प्राधिकरण (डीपीए) में 10 मेगावाट के संयंत्र की आधारशिला रखी थी। एक मेगावाट के मॉड्यूल के चालू होने के साथ, यह विजन अब जमीनी स्तर पर आकार ले रहा है।
डीपीए, कांडला के अध्यक्ष सुशील कुमार सिंह ने बताया कि यह परियोजना न केवल डीपीए या गुजरात के लिए, बल्कि पूरे देश के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी। भारत ने नवंबर 2021 में जलवायु परिवर्तन पर संयुक्त राष्ट्र फ्रेमवर्क कन्वेंशन (सीओपी 26) के 26वें सत्र में 2070 तक 'नेट ज़ीरो' हासिल करने के अपने लक्ष्य की घोषणा की थी।
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