मुंबई: महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद के केंद्र बने मीरा रोड को लेकर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बड़ा एक्शन लिया है। मराठी अस्मिता विवाद के बाद राज्य सरकार ने मीरा भाईंदर वसई विरार (MBVV) के पुलिस कमिश्नर मधुकर पांडे का तबादला कर दिया है। सराकर ने उनकी जगह 1995 बैच के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी निकेत कौशिक को नया पुलिस आयुक्त नियुक्त किया गया है। मीरा रोड पर व्यापारी की पिटाई के बाद पहले गैर मराठी दुकानों ने बंद रखा था। इसके बाद मराठी अस्मिता मोर्चे ने रैली निकाली थी। यह आदेश मराठी अस्मिता की रक्षा के लिए मनसे और अन्य समूहों द्वारा आयोजित विरोध मार्च के एक दिन बाद आया है। जिसे पुलिस ने अनुमति देने से इनकार कर दिया था। इस मार्च का आयोजन एक दुकानदार पर मराठी न बोलने के लिए कथित हमले के विरोध में किया गया था।
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मंत्री प्रताप सरनाईक हुए थे नाराज
सूत्रों की मानें ते मराठी अस्मिता मोर्चे को अनुमति न देने के कारण पांडे पर यह गाज गिरी है।मंगलवार को मीरा-भयंदर में हंगामा तब बढ़ गया जब पुलिस ने मनसे, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इस मोर्चे में शामिल होने के लिए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक और फडणवीस सरकार में मंत्री प्रताप सरनाईक भी पहुंचे। उन्होंने कहा था कि वह मंत्री विधायक बाद में हैं पहले मराठी हैं। उन्होंने पुलिस के रवैए की निंदा की थी। पूरे मामले को सीएम फडणवीस के समक्ष उठाने की बात कही थी। हालांकि मीरा भाईंदर पहुंचने पर कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें 'गद्दार' कहकर भगाने की कोशिश की थी।
मीरा रोड से बढ़ा था भाषा विवाद
इस पूरे विवाद के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी थी कि रैली की अनुमति दी गई थी, लेकिन मनसे ने एक विवादास्पद मार्ग चुना, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती थी। अब सरकार ने मधुकार पांडे को हटाकर निकेत कौशिक को पुलिस आयुक्त बना दिया है। तुरंत प्रभाव से हटाए गए पांडे की नई तैनाती की जानकारी सामने नहीं आई है। महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद ने आग मीरा रोड की घटन के बाद पकड़ी थी। व्यापारी को पीटने वाले मनसे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया था बल्कि बयान दर्ज करके जाने दिया था। पुलिस का कहना है इस मामले में कोर्ट ही दोषियों को सजा देगा। घटना को लेकर चार्जशीट कोर्ट में दे दी गई है।
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मंत्री प्रताप सरनाईक हुए थे नाराज
सूत्रों की मानें ते मराठी अस्मिता मोर्चे को अनुमति न देने के कारण पांडे पर यह गाज गिरी है।मंगलवार को मीरा-भयंदर में हंगामा तब बढ़ गया जब पुलिस ने मनसे, शिवसेना (यूबीटी) और एनसीपी (शरद पवार) के कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया था। इस मोर्चे में शामिल होने के लिए एकनाथ शिंदे की अगुवाई वाली शिवसेना के विधायक और फडणवीस सरकार में मंत्री प्रताप सरनाईक भी पहुंचे। उन्होंने कहा था कि वह मंत्री विधायक बाद में हैं पहले मराठी हैं। उन्होंने पुलिस के रवैए की निंदा की थी। पूरे मामले को सीएम फडणवीस के समक्ष उठाने की बात कही थी। हालांकि मीरा भाईंदर पहुंचने पर कुछ गुस्साए प्रदर्शनकारियों ने उन्हें 'गद्दार' कहकर भगाने की कोशिश की थी।
मीरा रोड से बढ़ा था भाषा विवाद
इस पूरे विवाद के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सफाई दी थी कि रैली की अनुमति दी गई थी, लेकिन मनसे ने एक विवादास्पद मार्ग चुना, जिससे कानून-व्यवस्था की समस्या हो सकती थी। अब सरकार ने मधुकार पांडे को हटाकर निकेत कौशिक को पुलिस आयुक्त बना दिया है। तुरंत प्रभाव से हटाए गए पांडे की नई तैनाती की जानकारी सामने नहीं आई है। महाराष्ट्र में हिंदी-मराठी भाषा विवाद ने आग मीरा रोड की घटन के बाद पकड़ी थी। व्यापारी को पीटने वाले मनसे कार्यकर्ताओं को पुलिस ने अरेस्ट नहीं किया था बल्कि बयान दर्ज करके जाने दिया था। पुलिस का कहना है इस मामले में कोर्ट ही दोषियों को सजा देगा। घटना को लेकर चार्जशीट कोर्ट में दे दी गई है।
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