नई दिल्ली: जस्टिस एन. वी. अंजनिया, जस्टिस विजय बिश्नोई और जस्टिस अतुल एस. चंदुरकर ने आजसुप्रीम कोर्ट के जस्टिस के रूप में शपथ ली। मुख्य न्यायाधीश (CJI) न्यायमूर्ति बीआर गवई ने नए न्यायाधीशों को शपथ दिलाई। न्यायमूर्ति बिश्नोई ने हिंदी में शपथ ली। इन नियुक्तियों के साथ, सुप्रीम कोर्ट फिर से अपने पूर्ण न्यायाधीशों की संख्या 34 तक पहुँच गया है।
26 मई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर इनकी नियुक्तियों को राष्ट्रपति ने 29 मई को मंजूरी दी और उसके बाद केंद्र सरकार ने इन तीनों हाई कोर्ट के जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट में प्रोमोट किए जाने की अधिसूचना जारी की थी। न्यायमूर्ति एन. वी. अंजनिया पूर्व में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उनका मूल उच्च न्यायालय गुजरात है। न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई पूर्व में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उनका मूल उच्च न्यायालय राजस्थान है। न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर पूर्व में बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे।
किस जज का कितना रहेगा कार्यकाल
जस्टिस अंजनिया का कार्यकाल 23 मार्च, 2030 तक रहेगा, जस्टिस बिश्नोई का कार्यकाल 25 मार्च, 2029 तक और जस्टिस चंदुरकर का कार्यकाल 7 अप्रैल, 2030 तक रहेगा। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इनकी पदोन्नति की सिफारिश 26 मई को की थी। इन नियुक्तियों के साथ, सुप्रीम कोर्ट फिर से अपने पूर्ण न्यायाधीशों की संख्या 34 तक पहुँच गया है। हालांकि, 9 जून को न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की सेवानिवृत्ति के बाद एक और वेकेंसी उत्पन्न होगी।
26 मई को सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम द्वारा की गई सिफारिश के आधार पर इनकी नियुक्तियों को राष्ट्रपति ने 29 मई को मंजूरी दी और उसके बाद केंद्र सरकार ने इन तीनों हाई कोर्ट के जस्टिस को सुप्रीम कोर्ट में प्रोमोट किए जाने की अधिसूचना जारी की थी। न्यायमूर्ति एन. वी. अंजनिया पूर्व में कर्नाटक उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उनका मूल उच्च न्यायालय गुजरात है। न्यायमूर्ति विजय बिश्नोई पूर्व में गुवाहाटी उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश थे। उनका मूल उच्च न्यायालय राजस्थान है। न्यायमूर्ति अतुल एस. चंदुरकर पूर्व में बॉम्बे हाईकोर्ट के न्यायाधीश थे।
किस जज का कितना रहेगा कार्यकाल
जस्टिस अंजनिया का कार्यकाल 23 मार्च, 2030 तक रहेगा, जस्टिस बिश्नोई का कार्यकाल 25 मार्च, 2029 तक और जस्टिस चंदुरकर का कार्यकाल 7 अप्रैल, 2030 तक रहेगा। सुप्रीम कोर्ट कॉलेजियम ने इनकी पदोन्नति की सिफारिश 26 मई को की थी। इन नियुक्तियों के साथ, सुप्रीम कोर्ट फिर से अपने पूर्ण न्यायाधीशों की संख्या 34 तक पहुँच गया है। हालांकि, 9 जून को न्यायमूर्ति बेला एम. त्रिवेदी की सेवानिवृत्ति के बाद एक और वेकेंसी उत्पन्न होगी।
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