नई दिल्ली: टोटेनहम हॉटस्पर ने मैनचेस्टर यूनाइटेड को हराकर यूरोपा लीग का खिताब जीत लिया। दोनों इंग्लिश क्लब के बीच हुए फाइनल मुकाबले में ब्रेनन जॉनसन ने एकमात्र गोल किया। 42वें मिनट में उनके इस गोल से टोटेनहम की ट्रॉफी सूखा समाप्त हुआ। टोटेनहम हॉस्टपर ने आखिरी बार 2008 में कोई ट्रॉफी जीती थी। 1984 के बाद क्लब के खाते में यूरोपियन ट्रॉफी आई है। चैंपियंस लीग के बाद यूरोपा लीग यूरोप का दूसरा सबसे बड़ा क्लब टूर्नामेंट है। विनर्स मेडल कम पड़ गएटोटेनहम की जीत के बाद कुछ ऐसा हुआ जिससे यूएफा यानी यूनियन ऑफ यूरोपियन फुटबॉल एसोसिएशन की काफी आलोचना हो रही है। दरअसल फाइनल मैच के बाद जीतने और हारने वाली टीमों को मेडल मिलते हैं। लेकिन यूरोपा लीग 2024-25 के बाद खिलाड़ियों को देने के लिए मेडल ही कम पड़ गए। सोन ह्युंग-मिन और डिफेंडर क्रिस्टियन रोमेरो जैसे प्रमुख खिलाड़ियों को मेडल नहीं मिले। सोशल मीडिया पर फैंस ने तुरंत यह गलती पकड़ ली। यूएफा की इस चूक को फैंस ने इसे 'शर्मनाक' और 'अव्यवसायिक' करार दिया। यूएफा के नियमों के अनुसार, विजेता और उपविजेता टीमों को 50-50 पदक दिए जाते हैं, जिन्हें खिलाड़ी और स्टाफ में वितरित किया जाता है। मेडल कम पड़ने को लेकर यूएफा की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है। कप्तान खाली हाथ रह गएसोन ह्युंग-मिन टोटेनहम हॉस्टपर के कप्तान हैं। कप्तान मेडल के लिए सबसे लास्ट में जाता है। क्योंकि मेडल के साथ ट्रॉफी भी मिलती है। सोन जब पहुंचे तब तक मेडल खत्म हो गए थे। हालांकि उन्हें जीत की खुशी ज्यादा थी। यूएफा के अध्यक्ष अलेक्जेंडर सेफरिन ने उन्हें बधाई दी। इसके बाद उन्हें विजेता की ट्रॉफी मिल गई। वह ट्रॉफी लेकर साथियों के साथ जश्न मनाने लगे। साउथ कोरिया के सोन 2015 से टोटनहम का हिस्सा हैं। क्लब के लिए 454 मैचों में वह 173 गोल कर चुके हैं। लेकिन अभी तक उनके नाम एक भी ट्रॉफी नहीं थी।
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