प्रेग्नेंसी में हल्का-फुल्का तनाव सामान्य माना जा सकता है, लेकिन जब यह ज्यादा समय तक बना रहता है, तो यह मां और गर्भ में पल रहे शिशु दोनों की सेहत पर नकारात्मक असर डाल सकता है। एक्सपर्ट बताते हैं कि बच्चे की ग्रोथ से लेकर ब्रेन तक बुरा असर पड़ता है। इसलिए मां बनने जा रहीं महिलाओं को सलाह दी जाती है कि गर्भावस्था के दौरान शारीरिक सेहत के साथ-साथ मेंटल हेल्थ का भी खास ध्यान रखना होगा।
साथ ही इसस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि गर्भावस्था में तनाव लेने से होने वाले शिशु पर क्या असर पड़ता है। साथ ही बच्चे को क्या सस्याएं आ सकती हैं।
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प्रेगनेंसी में स्ट्रेस लेने का असर
marchofdimes.orgके अनुसार जो महिला लंबे समय तक प्रेगनेंसी में तनाव लेती हैं, उन्हें हाई बीपी और हार्ट डिजीज होने का खतरा रह सकता है। प्रेगनेंसी के समय स्ट्रेस की वजह से प्रीटर्म बेबी होने की संभावना भी रहती है। इसके अलावा लो बर्थ वेट बेबी हो सकता है। शिशु के बहुत छोटे या जल्दी पैदा होने से उसमें स्वास्थ्य समस्याओं का खतरा बढ़ जाता है।
शिशु के शरीर पर क्या प्रभाव पड़ता है
स्ट्रेस लेने पर शरीर में कोर्टिसोल लेवल बढ़ जाता है जिससे शिशु का विकास प्रभावित हो सकता है। दीर्घकालिक तनाव की वजह से इंफ्लामेशन हो सकती है जिसका सीधा असर शिशु की सेहत पर पड़ेगा। वहीं स्ट्रेस के कारण मां के शरीर में हुए हार्मोनल बदलावों के कारण शिशु के शरीर पर इसका सीधा प्रभाव पड़ता है।
क्या रिप्रोडक्टिव हेल्थ पर पड़ता है असर

यह पूरी तरह से स्पष्ट नहीं हो पाया है कि मां के प्रेगनेंसी में तनाव लेने सेशिशु के प्रजनन स्वास्थ्य पर सीधा कोई असर पड़ता है या नहीं लेकिन अध्ययनों का कहना है कि दीर्घकालिक तनाव से भ्रूण के ग्रोथ पैटर्न में बदलाव आ सकता है जिसका असर प्रजनन तंत्र के विकास पर भी पड़ सकता है।
बेबी के ब्रेन पर पड़ता है प्रभाव
डॉक्टर छाया शाहका कहना है कि प्रेगनेंसी में मां के तनाव लेने की वजह से शिशु के मस्तिष्क के विकासपर असर पड़ सकता है। डॉक्टर ने बताया कि जब मां तनाव लेती है, उस दौरान शिशु के मस्तिष्क में सोशल और इमोशनल डेवलपमेट वाला हिस्सा प्रभावित होता है।
कैसी होती है बच्चे की जिंदगी
प्रेगनेंसी में लेने वाले तनाव पर डॉक्टर छाया ने बताया कि इससे बेबी को आगे चलकर बिहेवियर से संबंधित समस्याएं होने का खतरा रहता है। उन्हें अपनी भावनाओं को नियंत्रित करने में दिक्कत आ सकती है।
डिस्क्लेमर: लेख में दी गई सूचना सामान्य जानकारी के लिए है। एनबीटी इसकी सत्यता, सटीकता और असर की जिम्मेदारी नहीं लेता है। यह किसी भी तरह से किसी दवा या इलाज का विकल्प नहीं हो सकता। ज्यादा जानकारी के लिए हमेशा अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
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