नई दिल्ली: 1990 के दशक में टीवी पर एक सीरियल काफी हिट हुआ। नाम था- 'द जंगल बुक' (मोगली)। दूरदर्शन पर आने वाले इस सीरियल को लेकर बच्चों में गजब का जुनून था। सीरियल में कहानी थी एक ऐसे बच्चे की, जो अपने परिवार से भटककर जंगलों में आ गया था और यहां एक भेड़िये के परिवार ने उसे पाला। जंगल में 'बघीरा', 'बल्लू' और 'का' जैसे जानवर उसके दोस्त थे, तो सबसे बड़ा दुश्मन था शेर खान। खैर ये कहानी तो टीवी की थी, काल्पनिक थी, लेकिन थाईलैंड में एक ऐसा बच्चा मिला है, जिसे दूसरा मोगली कहा जा रहा है।
8 साल का ये बच्चा कुत्तों के झुंड के साथ रह रहा था। इतना ही नहीं, वह इन कुत्तों की तरह ही भौंकने के अंदाज में बातें करता है और इनकी सारी बातें समझता भी है। यह बच्चा एक ऐसे इलाके में रह रहा था, जहां बड़े स्तर पर ड्रग्स का इस्तेमाल होता है। फिलहाल इस बच्चे को उस इलाके से निकालकर एक चिल्ड्रन होम में शिफ्ट किया गया है।
मामला थाईलैंड के उत्तरादित प्रांत में पड़ने वाले लैप लाए जिले का है। यहां अचानक एक दिन, एक स्कूल प्रिंसिपल की नजर इस बच्चे पर पड़ी और जब उन्होंने उससे बात करने की कोशिश की, तो वह कुत्तों की तरह भौंकने लगा। इसके बाद उन्होंने मामले की खबर फाउंडेशन फॉर चिल्ड्रन एंड वीमेन को दी। ये एक ऐसी संस्था है, जो बच्चों और महिलाओं के लिए काम करती है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष पावीना होंगसाकुल 30 जून को अपनी टीम और पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि स्कूल प्रिंसिपल ने जैसा उन्हें बताया, वह बच्चा बिल्कुल वैसा ही था। 8 साल का वह बच्चा कुत्तों की तरह ही भौंकते हुए बातें कर रहा था। इसके बाद टीम ने उस बच्चे को रेस्क्यू कर उत्तरादित चिल्ड्रन होम में शिफ्ट किया। जांच में पता चला कि बच्चे की इस स्थिति के लिए उसकी अपनी मां ही जिम्मेदार है।
दरअसल, बच्चे की मां को ड्रग्स की लत है। इस बच्चे की शिक्षा के लिए सरकार से पैसे मिले थे, लेकिन मां ने उसका एडमिशन नहीं कराया। उन पैसों से उसने अपने लिए ड्रग्स खरीद ली। इस इलाके में पीड़ित बच्चा अपनी मां, भाई और 6 कुत्तों के साथ रहता था। बचपन से कुत्तों के बीच रहने की वजह से वह उनकी तरह ही भौंकने लगा था। पुलिस ने मां और भाई को ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
ड्रग्स के लिए बदनाम है इलाकाजांच से पता चला कि बच्चा अपनी मां के साथ उसके एक रिश्तेदार के घर में रह रहा था। यह इलाका ड्रग्स के लिए बदनाम था। उसके साथ उसकी 46 साल की मां, 23 साल का भाई और छह कुत्ते रहते थे। स्कूल प्रिंसिपल सोपोन सिहा-अम्पाई का हाल ही में किसी काम से इस इलाके में जाना हुआ और तब उनकी नजर इस बच्चे पर पड़ी।
कैसे हुई बच्चे की कुत्तों से दोस्तीपड़ोस में रहने वाले लोग बच्चे की मां से काफी परेशान थे। वह अक्सर मंदिर से पैसे और खाना मांगती रहती थी। इसी वजह से, उन्होंने अपने बच्चों को उस परिवार से दूर रहने के लिए कहा। जब कोई उसके साथ खेलने को नहीं मिला, तो बच्चे ने कुत्तों से दोस्ती कर ली और उनकी तरह रहने-सहने लगा। यहां तक कि वह उनकी तरह भौंकना भी सीख गया।
नशे में उड़ाई पढ़ाई की रकमफाउंडेशन फॉर चिल्ड्रन एंड वीमेन का कहना है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि इस बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार से उसकी मां को 400 बहत (थाईलैंड की मुद्रा) की मदद मिली थी। लेकिन, उसने ये सारी रकम अपनी ड्रग्स की लत में उड़ा दी। बच्चा कभी स्कूल का मुंह ही नहीं देख पाया। पुलिस ने बच्चे की मां और भाई का यूरिन टेस्ट किया तो पता चला कि वह पूरी तरह से ड्रग्स की लत के शिकार हैं।
8 साल का ये बच्चा कुत्तों के झुंड के साथ रह रहा था। इतना ही नहीं, वह इन कुत्तों की तरह ही भौंकने के अंदाज में बातें करता है और इनकी सारी बातें समझता भी है। यह बच्चा एक ऐसे इलाके में रह रहा था, जहां बड़े स्तर पर ड्रग्स का इस्तेमाल होता है। फिलहाल इस बच्चे को उस इलाके से निकालकर एक चिल्ड्रन होम में शिफ्ट किया गया है।
मामला थाईलैंड के उत्तरादित प्रांत में पड़ने वाले लैप लाए जिले का है। यहां अचानक एक दिन, एक स्कूल प्रिंसिपल की नजर इस बच्चे पर पड़ी और जब उन्होंने उससे बात करने की कोशिश की, तो वह कुत्तों की तरह भौंकने लगा। इसके बाद उन्होंने मामले की खबर फाउंडेशन फॉर चिल्ड्रन एंड वीमेन को दी। ये एक ऐसी संस्था है, जो बच्चों और महिलाओं के लिए काम करती है।
फाउंडेशन के अध्यक्ष पावीना होंगसाकुल 30 जून को अपनी टीम और पुलिस के साथ मौके पर पहुंचे तो देखा कि स्कूल प्रिंसिपल ने जैसा उन्हें बताया, वह बच्चा बिल्कुल वैसा ही था। 8 साल का वह बच्चा कुत्तों की तरह ही भौंकते हुए बातें कर रहा था। इसके बाद टीम ने उस बच्चे को रेस्क्यू कर उत्तरादित चिल्ड्रन होम में शिफ्ट किया। जांच में पता चला कि बच्चे की इस स्थिति के लिए उसकी अपनी मां ही जिम्मेदार है।
दरअसल, बच्चे की मां को ड्रग्स की लत है। इस बच्चे की शिक्षा के लिए सरकार से पैसे मिले थे, लेकिन मां ने उसका एडमिशन नहीं कराया। उन पैसों से उसने अपने लिए ड्रग्स खरीद ली। इस इलाके में पीड़ित बच्चा अपनी मां, भाई और 6 कुत्तों के साथ रहता था। बचपन से कुत्तों के बीच रहने की वजह से वह उनकी तरह ही भौंकने लगा था। पुलिस ने मां और भाई को ड्रग्स लेने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया है।
ड्रग्स के लिए बदनाम है इलाकाजांच से पता चला कि बच्चा अपनी मां के साथ उसके एक रिश्तेदार के घर में रह रहा था। यह इलाका ड्रग्स के लिए बदनाम था। उसके साथ उसकी 46 साल की मां, 23 साल का भाई और छह कुत्ते रहते थे। स्कूल प्रिंसिपल सोपोन सिहा-अम्पाई का हाल ही में किसी काम से इस इलाके में जाना हुआ और तब उनकी नजर इस बच्चे पर पड़ी।
कैसे हुई बच्चे की कुत्तों से दोस्तीपड़ोस में रहने वाले लोग बच्चे की मां से काफी परेशान थे। वह अक्सर मंदिर से पैसे और खाना मांगती रहती थी। इसी वजह से, उन्होंने अपने बच्चों को उस परिवार से दूर रहने के लिए कहा। जब कोई उसके साथ खेलने को नहीं मिला, तो बच्चे ने कुत्तों से दोस्ती कर ली और उनकी तरह रहने-सहने लगा। यहां तक कि वह उनकी तरह भौंकना भी सीख गया।
नशे में उड़ाई पढ़ाई की रकमफाउंडेशन फॉर चिल्ड्रन एंड वीमेन का कहना है कि वह सुनिश्चित करेंगे कि इस बच्चे को अच्छी शिक्षा मिले। अधिकारियों ने बताया कि बच्चे की पढ़ाई-लिखाई के लिए सरकार से उसकी मां को 400 बहत (थाईलैंड की मुद्रा) की मदद मिली थी। लेकिन, उसने ये सारी रकम अपनी ड्रग्स की लत में उड़ा दी। बच्चा कभी स्कूल का मुंह ही नहीं देख पाया। पुलिस ने बच्चे की मां और भाई का यूरिन टेस्ट किया तो पता चला कि वह पूरी तरह से ड्रग्स की लत के शिकार हैं।
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