लखनऊ/प्रयागराज: उत्तर प्रदेश में लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित कर दिया है। गंगा, यमुना, शारदा, घाघरा, सरयू और राप्ती सहित कई नदियां उफान पर हैं। 22 जिलों में बाढ़ जैसे हालात हैं। बृहस्पतिवार को बारिश और बाढ़ के कारण 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें डूबने से हरदोई में दो, गोंडा, प्रतापगढ़, प्रयागराज और गाजीपुर में एक-एक व्यक्ति की जान गई, औरैया में अतिवृष्टि से तीन की मौत हुई, जबकि फतेहपुर में सर्पदंश से एक व्यक्ति की जान चली गई। राज्य सरकार और जिला प्रशासन की ओर से बाढ़ चौकियों को अलर्ट कर दिया गया है। राहत और बचाव कार्यों के लिए टीमों को सक्रिय किया गया है। फिर भी, मौजूदा हालात लोगों के लिए चिंता का विषय बने हुए हैं।
दूसरी ओर, शुक्रवार सुबह से हो रही बारिश का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। लखनऊ, वाराणसी, पीलीभीत समेत कई जिलों में डीएम ने पत्र जारी कर कक्षा आठ तक के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया है। इससे पहले भी बरसात की वजह से स्कूल बंद हुए थे।
गंगा और यमुना का जलस्तर जहां कई जिलों में खतरे के निशान के ऊपर बह रहा था, वहीं प्रयागराज में अब इन नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है। सिंचाई विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, नैनी में यमुना का जलस्तर 83.68 मीटर और फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.58 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है। जलस्तर में प्रति घंटे चार सेंटीमीटर की रफ्तार से गिरावट आ रही है। अधिशासी अभियंता दिग्विजय सिंह ने बताया कि फिलहाल जलस्तर में गिरावट का रुझान जारी रहने की उम्मीद है।
लोग घरों को लौटने को तैयार नहींहालांकि, पानी घटने के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने घरों में लौटने को तैयार नहीं हैं। प्रयागराज के करेली, गौस नगर, इस्लाम नगर, गड्डा कॉलोनी, ककहरा घाट, सदियापुर और सलोरी जैसे इलाके बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। अब जब पानी उतर रहा है, तब भी राहत शिविरों में रह रहे लोग घर लौटने से डर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि फिर से पानी आ सकता है, जिससे एक बार फिर रातोंरात पलायन करना पड़ सकता है। नगर निगम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान तेज कर दिया है। सड़कों और गलियों से कीचड़ हटाया जा रहा है और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है। प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन लोगों की मानसिक स्थिति ऐसी है कि वे पूरी तरह आश्वस्त हुए बिना अपने घरों में लौटने को राजी नहीं हैं।
ये नदियां हुईं खतरनाकबदायूं, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लखीमपुर में शारदा, अयोध्या और बलिया में घाघरा खतरे के निशान को पार कर गई है। वहीं गढ़मुक्तेश्वर और मिर्जापुर में गंगा, मुरादाबाद में रामगंगा, बहराइच में सरयू बबई और श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं।
इन जिलों में बाढ़बहराइच, बाराबंकी, बलिया, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, चंदौली, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मिर्जापुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, वाराणसी।
दूसरी ओर, शुक्रवार सुबह से हो रही बारिश का असर बच्चों की पढ़ाई पर भी पड़ा है। लखनऊ, वाराणसी, पीलीभीत समेत कई जिलों में डीएम ने पत्र जारी कर कक्षा आठ तक के स्कूल बंद रखने का आदेश जारी किया है। इससे पहले भी बरसात की वजह से स्कूल बंद हुए थे।
Order regarding schools. pic.twitter.com/QWFuo9YFVj
— DM Lucknow (@AdminLKO) August 8, 2025
गंगा और यमुना का जलस्तर जहां कई जिलों में खतरे के निशान के ऊपर बह रहा था, वहीं प्रयागराज में अब इन नदियों का जलस्तर धीरे-धीरे कम होने लगा है। सिंचाई विभाग द्वारा जारी बुलेटिन के अनुसार, नैनी में यमुना का जलस्तर 83.68 मीटर और फाफामऊ में गंगा का जलस्तर 83.58 मीटर दर्ज किया गया, जो कि खतरे के निशान से लगभग एक मीटर नीचे है। जलस्तर में प्रति घंटे चार सेंटीमीटर की रफ्तार से गिरावट आ रही है। अधिशासी अभियंता दिग्विजय सिंह ने बताया कि फिलहाल जलस्तर में गिरावट का रुझान जारी रहने की उम्मीद है।
लोग घरों को लौटने को तैयार नहींहालांकि, पानी घटने के बावजूद प्रभावित क्षेत्रों के लोग अपने घरों में लौटने को तैयार नहीं हैं। प्रयागराज के करेली, गौस नगर, इस्लाम नगर, गड्डा कॉलोनी, ककहरा घाट, सदियापुर और सलोरी जैसे इलाके बाढ़ के पानी से बुरी तरह प्रभावित हुए थे। अब जब पानी उतर रहा है, तब भी राहत शिविरों में रह रहे लोग घर लौटने से डर रहे हैं। उन्हें आशंका है कि फिर से पानी आ सकता है, जिससे एक बार फिर रातोंरात पलायन करना पड़ सकता है। नगर निगम ने बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में सफाई अभियान तेज कर दिया है। सड़कों और गलियों से कीचड़ हटाया जा रहा है और ब्लीचिंग पाउडर का छिड़काव भी किया जा रहा है। प्रशासन पूरी स्थिति पर नजर बनाए हुए है, लेकिन लोगों की मानसिक स्थिति ऐसी है कि वे पूरी तरह आश्वस्त हुए बिना अपने घरों में लौटने को राजी नहीं हैं।
ये नदियां हुईं खतरनाकबदायूं, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। लखीमपुर में शारदा, अयोध्या और बलिया में घाघरा खतरे के निशान को पार कर गई है। वहीं गढ़मुक्तेश्वर और मिर्जापुर में गंगा, मुरादाबाद में रामगंगा, बहराइच में सरयू बबई और श्रावस्ती में राप्ती नदी खतरे के निशान के करीब पहुंच चुकी हैं।
इन जिलों में बाढ़बहराइच, बाराबंकी, बलिया, बस्ती, बिजनौर, बदायूं, चंदौली, चित्रकूट, फर्रुखाबाद, गाजीपुर, गोंडा, गोरखपुर, हापुड़, हरदोई, कासगंज, लखीमपुर खीरी, मेरठ, मिर्जापुर, प्रयागराज, शाहजहांपुर, श्रावस्ती, वाराणसी।
You may also like
Rakshabandhan 2025: जाने कब हैं राखी आज या कल, इस समय बचे राखी बांधने से, नहीं तो हो जाएगा...
पश्चिम बंगाल: आरजी कर बलात्कार-हत्या की बरसी, एक सप्ताह तक प्रदर्शन का आह्वान, आज से शुरुआत
दिल्ली में बाढ़ का खतरा बढ़ा, यमुना नदी का जल स्तर चेतावनी सीमा से ऊपर पहुंचा; कब शुरू होगा रेस्क्यू ऑपरेशन?
मुख्यमंत्री साय आज एमओयू हस्ताक्षर सहित विभिन्न कार्यक्रमों में लेंगे हिस्सा
Delhi News: 1 करोड़ से ज्यादा नकली दवाइयों की कीमत, भारी तादाद में नकली खेप बरामद