नई दिल्ली : पिछले 37 दिनों से केरल के तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर खड़ा ब्रिटेन का फाइटर जेट F-35B अब वापस जाने को तैयार है। सूत्रों के मुताबिक यह जल्द ही वापस जाएगा लेकिन तारीख के बारे में कोई आधिकारिक जानकारी नहीं दी गई। यह सोमवार को हैंगर से बाहर आया। ब्रिटेन से आई टीम ने इसे रिपेयर किया है और यह अब उड़ने के काबिल बन गया है।
ब्रिटेन का F-35B फाइटर जेट ने जब से केरल में इमरजेंसी लैंडिंग की तबसे यह तरह तरह के जोक्स और मीम्स का सब्जेक्ट बना रहा है। सोशल मीडिया में इससे जुड़े कई मीम्स वायरल हुए तो केरल टूरिज्म ने अपने प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल किया। सूत्रों के मुताबिक जब यह वापस जाएगा उसके एक दो-तीन बाद टेक्निकल टीम वापस जाएगी क्योंकि उसे इक्विपमेंट आदि समेटने में वक्त लगेगा।
प्राइवेट हैंगर में किया रिपेयर
F-35B को रिपेयर करने का काम कड़ी सुरक्षा में एक प्राइवेट हैंगर में किया गया। इससे पहले यह तीन हफ्तों तक बे नंबर-4 पर खड़ा था। इसके रिपेयर के दौरान ब्रिटिश सैन्य कर्मी भी सुरक्षा में तैनात थे। जब से F-35 को MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) फैसिलिटी में ले जाया गया तब से पूरी प्रक्रिया पर ब्रिटिश टीम का ही नियंत्रण रहा और इंडियन सिक्योरिटी फोर्स को दूर ही रखा गया। हैंगर नंबर 2 को पूरी तरह सील कर दिया गया था ताकि काम की गोपनीयता बनी रहे। सूत्रों का कहना है कि फाइटर जेट के हाइड्रोलिक सिस्टम और ऑक्सिलियरी पावर यूनिट में तकनीकी खराबी आई थी।
14 जून की रात हुई थी लैंडिंग
14 जून की रात करीब 9:30 बजे केरल के तिरुवनंतपुरम में ब्रिटेन का F-35B उतरा। इस जेट ने ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर HMS प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भरी थी जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात था। खराब मौसम और कम फ्यूल के कारण यह जेट अपने कैरियर पर वापस लैंड नहीं कर सका। इसके बाद इंडियन एयरफोर्स के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम ने इसे डिटेक्ट किया और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की इजाजत दी।
इंडियन एयरफोर्स के सुखोई फाइटर जेट ने इसे एस्कॉर्ट किया। लैंडिंग के बाद एयरफोर्स ने जेट को ईंधन और रसद सहायता प्रदान की। जब इसे वापस भेजने की तैयारी की गई तो इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी का पता चला जिसके वजह से ये उड़ान नहीं भर सका। F-35B पांचवीं पीढ़ी का अमेरिकी निर्मित सुपरसोनिक स्टील्थ फाइटर जेट है।
ब्रिटेन का F-35B फाइटर जेट ने जब से केरल में इमरजेंसी लैंडिंग की तबसे यह तरह तरह के जोक्स और मीम्स का सब्जेक्ट बना रहा है। सोशल मीडिया में इससे जुड़े कई मीम्स वायरल हुए तो केरल टूरिज्म ने अपने प्रचार के लिए इसका इस्तेमाल किया। सूत्रों के मुताबिक जब यह वापस जाएगा उसके एक दो-तीन बाद टेक्निकल टीम वापस जाएगी क्योंकि उसे इक्विपमेंट आदि समेटने में वक्त लगेगा।
प्राइवेट हैंगर में किया रिपेयर
F-35B को रिपेयर करने का काम कड़ी सुरक्षा में एक प्राइवेट हैंगर में किया गया। इससे पहले यह तीन हफ्तों तक बे नंबर-4 पर खड़ा था। इसके रिपेयर के दौरान ब्रिटिश सैन्य कर्मी भी सुरक्षा में तैनात थे। जब से F-35 को MRO (मेंटेनेंस, रिपेयर एंड ओवरहॉल) फैसिलिटी में ले जाया गया तब से पूरी प्रक्रिया पर ब्रिटिश टीम का ही नियंत्रण रहा और इंडियन सिक्योरिटी फोर्स को दूर ही रखा गया। हैंगर नंबर 2 को पूरी तरह सील कर दिया गया था ताकि काम की गोपनीयता बनी रहे। सूत्रों का कहना है कि फाइटर जेट के हाइड्रोलिक सिस्टम और ऑक्सिलियरी पावर यूनिट में तकनीकी खराबी आई थी।
14 जून की रात हुई थी लैंडिंग
14 जून की रात करीब 9:30 बजे केरल के तिरुवनंतपुरम में ब्रिटेन का F-35B उतरा। इस जेट ने ब्रिटिश एयरक्राफ्ट कैरियर HMS प्रिंस ऑफ वेल्स से उड़ान भरी थी जो हिंद-प्रशांत क्षेत्र में तैनात था। खराब मौसम और कम फ्यूल के कारण यह जेट अपने कैरियर पर वापस लैंड नहीं कर सका। इसके बाद इंडियन एयरफोर्स के इंटीग्रेटेड एयर कमांड एंड कंट्रोल सिस्टम ने इसे डिटेक्ट किया और तिरुवनंतपुरम एयरपोर्ट पर सुरक्षित लैंडिंग की इजाजत दी।
इंडियन एयरफोर्स के सुखोई फाइटर जेट ने इसे एस्कॉर्ट किया। लैंडिंग के बाद एयरफोर्स ने जेट को ईंधन और रसद सहायता प्रदान की। जब इसे वापस भेजने की तैयारी की गई तो इसके हाइड्रोलिक सिस्टम में खराबी का पता चला जिसके वजह से ये उड़ान नहीं भर सका। F-35B पांचवीं पीढ़ी का अमेरिकी निर्मित सुपरसोनिक स्टील्थ फाइटर जेट है।
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