नई दिल्ली: अमेरिका के साथ ट्रेड डील पर चल रही बातचीत के बीच भारत के लिए अच्छी खबर आई है। भारत पहली बार चीन को पछाड़कर अमेरिका को सबसे ज्यादा स्मार्टफोन सप्लाई करने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। रिसर्च करने वाली कंपनी Canalys के मुताबिक भारत ने जून तिमाही में यह कमाल किया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ऐपल अपने आईफोन बनाने का काम चीन से भारत में तेजी से शिफ्ट कर रही है। डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ को लेकर भ्रम की स्थिति बनी हुई है। इस वजह से ऐपल ने यह कदम उठाया। यह स्थिति तब है जब ट्रंप ने ऐपल को भारत में स्मार्टफोन नहीं बनाने की धमकी दी थी।
Canalys का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर बातचीत ठीक से नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि ऐपल अपनी सप्लाई चेन को बदल रहा है। चीन से अमेरिका को भेजे जाने वाले स्मार्टफोन का हिस्सा जून तिमाही में घटकर 25% रह गया। एक साल पहले यह 61% था। इससे साफ है कि चीन से अमेरिका को कम स्मार्टफोन भेजे जा रहे हैं और यह कमी भारत ने पूरी की है। भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले स्मार्टफोन की संख्या में 240% की भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
चाइना प्लस वन
साल 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में इम्पोर्ट किए गए हैंडसेट में भारत का हिस्सा 44% था। पिछले साल यह सिर्फ 13% था। इस दौरान भारत से अमेरिका को तीन गुना ज्यादा स्मार्टफोन भेजे गए। Canalys ने यह भी बताया कि अमेरिका में स्मार्टफोन की शिपमेंट में 1% की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वेंडर्स टैरिफ की चिंता के कारण पहले से ही ज्यादा सामान जमा कर रहे थे।
Canalys के प्रिंसिपल एनालिस्ट सन्यम चौरसिया ने कहा, "2025 की दूसरी तिमाही में भारत पहली बार अमेरिका को स्मार्टफोन बेचने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि Apple ने अमेरिका और चीन के बीच व्यापार की अनिश्चितता के कारण अपनी सप्लाई चेन को भारत में शिफ्ट कर दिया।" Apple ने भारत से सप्लाई जरूर बढ़ाई है, लेकिन वह अभी भी चीन पर निर्भर है। Apple चाइना प्लस वन रणनीति पर काम कर रहा है। इसका मतलब है कि वह चीन के साथ-साथ दूसरे देशों में भी अपना काम फैला रहा है।
सैमसंग और मोटोरोला भी कूदे
लेकिन जो बेस आईफोन मॉडल हैं, उनके लिए भारत जून के महीने में अमेरिका का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया। Apple ने फैसला किया है कि 2025 में वह भारत से जितना भी एक्सपोर्ट करेगा, उसका ज्यादातर हिस्सा अमेरिका को ही भेजेगा। सैमसंग और मोटोरोला ने भी भारत से हैंडसेट की सप्लाई बढ़ाई है, लेकिन उनकी बढ़ोत्तरी ऐपल की तुलना में बहुत कम है। चौरसिया कहा कि मोटोरोला का मैन्युफैक्चरिंग हब चीन में है। वहीं, सैमसंग ज्यादातर स्मार्टफोन वियतनाम में बनाती है।
Canalys के अनुसार, भारत से अमेरिका को आईफोन का एक्सपोर्ट मार्च में सबसे ज्यादा था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भी टैक्स लगाने की बात कही थी। हालांकि, बाद में यह फैसला 1 अगस्त तक टाल दिया गया। S&P Global Market Intelligence के मुताबिक मार्च में भारत से भेजे गए 97.6% आईफोन अमेरिका को गए थे। फरवरी तक यह आंकड़ा 81.9% था। कंपनी ने चीन से इम्पोर्ट पर ज्यादा टैक्स लगने की आशंका से मार्च में एक्सपोर्ट 219% बढ़ा दिया था। फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियां हैं। सैमसंग की अपनी फैक्ट्री है और मोटोरोला डिक्सन टेक्नोलॉजीज के जरिए अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है।
Canalys का कहना है कि अमेरिका और चीन के बीच व्यापार को लेकर बातचीत ठीक से नहीं हो पा रही है। यही वजह है कि ऐपल अपनी सप्लाई चेन को बदल रहा है। चीन से अमेरिका को भेजे जाने वाले स्मार्टफोन का हिस्सा जून तिमाही में घटकर 25% रह गया। एक साल पहले यह 61% था। इससे साफ है कि चीन से अमेरिका को कम स्मार्टफोन भेजे जा रहे हैं और यह कमी भारत ने पूरी की है। भारत से अमेरिका को भेजे जाने वाले स्मार्टफोन की संख्या में 240% की भारी बढ़ोत्तरी हुई है।
चाइना प्लस वन
साल 2025 की दूसरी तिमाही में अमेरिका में इम्पोर्ट किए गए हैंडसेट में भारत का हिस्सा 44% था। पिछले साल यह सिर्फ 13% था। इस दौरान भारत से अमेरिका को तीन गुना ज्यादा स्मार्टफोन भेजे गए। Canalys ने यह भी बताया कि अमेरिका में स्मार्टफोन की शिपमेंट में 1% की बढ़ोत्तरी हुई है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि वेंडर्स टैरिफ की चिंता के कारण पहले से ही ज्यादा सामान जमा कर रहे थे।
Canalys के प्रिंसिपल एनालिस्ट सन्यम चौरसिया ने कहा, "2025 की दूसरी तिमाही में भारत पहली बार अमेरिका को स्मार्टफोन बेचने वाला सबसे बड़ा देश बन गया है। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि Apple ने अमेरिका और चीन के बीच व्यापार की अनिश्चितता के कारण अपनी सप्लाई चेन को भारत में शिफ्ट कर दिया।" Apple ने भारत से सप्लाई जरूर बढ़ाई है, लेकिन वह अभी भी चीन पर निर्भर है। Apple चाइना प्लस वन रणनीति पर काम कर रहा है। इसका मतलब है कि वह चीन के साथ-साथ दूसरे देशों में भी अपना काम फैला रहा है।
सैमसंग और मोटोरोला भी कूदे
लेकिन जो बेस आईफोन मॉडल हैं, उनके लिए भारत जून के महीने में अमेरिका का सबसे बड़ा सप्लायर बन गया। Apple ने फैसला किया है कि 2025 में वह भारत से जितना भी एक्सपोर्ट करेगा, उसका ज्यादातर हिस्सा अमेरिका को ही भेजेगा। सैमसंग और मोटोरोला ने भी भारत से हैंडसेट की सप्लाई बढ़ाई है, लेकिन उनकी बढ़ोत्तरी ऐपल की तुलना में बहुत कम है। चौरसिया कहा कि मोटोरोला का मैन्युफैक्चरिंग हब चीन में है। वहीं, सैमसंग ज्यादातर स्मार्टफोन वियतनाम में बनाती है।
Canalys के अनुसार, भारत से अमेरिका को आईफोन का एक्सपोर्ट मार्च में सबसे ज्यादा था। ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि ट्रंप प्रशासन ने भारत पर भी टैक्स लगाने की बात कही थी। हालांकि, बाद में यह फैसला 1 अगस्त तक टाल दिया गया। S&P Global Market Intelligence के मुताबिक मार्च में भारत से भेजे गए 97.6% आईफोन अमेरिका को गए थे। फरवरी तक यह आंकड़ा 81.9% था। कंपनी ने चीन से इम्पोर्ट पर ज्यादा टैक्स लगने की आशंका से मार्च में एक्सपोर्ट 219% बढ़ा दिया था। फॉक्सकॉन और टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स भारत में आईफोन बनाने वाली सबसे बड़ी कंपनियां हैं। सैमसंग की अपनी फैक्ट्री है और मोटोरोला डिक्सन टेक्नोलॉजीज के जरिए अमेरिका को एक्सपोर्ट करता है।
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