हैदराबाद : तेलंगाना के संगारेड्डी जिले में एक बड़ा हादसा हुआ है। इस हादसे ने पूरे देश को हिलकर रख दिया। यहां की केमिकल फैक्ट्री में ब्लास्ट ने 34 से ज्यादा जानें ले लीं। पशामैलारम इंडस्ट्रियल एरिया स्थित केमिकल प्लांट Sigachi Industries में यह ब्लास्ट सोमवार को हुआ था। पहले 10 लोगों के घायल होने की सूचना आई थी। फिर 13 मौतों की खबर सामने आई। आखिरकार रात तक 34 से ज्यादा लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई। बताया जा रहा है कि अभी मौतों का आंकड़ा और बढ़ सकता है क्योंकि कई लोग घायल हैं।
24 घंटे लगातार चला रेस्क्यू ऑपरेशनसोमवार सुबह 8:15 से 9:35 के बीच फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद फैक्ट्री का एक बड़ा हिस्सा गिर गया और आग लग गई। आग लगने के बाद कई टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। हादसा इतना भयंकर था कि बचाव कार्य मंगलवार तक जारी रहा।
फैक्ट्री का ढांचा पूरी तरह तबाहतेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि 12 लोगों की मौत हो गई है और 34 लोगों का इलाज चल रहा है। हमें उम्मीद है कि और मौतें नहीं होंगी। लेकिन बाद में मलबे से और शव मिले, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ गई। कई घायल लोगों ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री का ढांचा पूरी तरह से तबाह हो गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि शुरू में मलबे से पांच शव निकाले गए थे। जैसे-जैसे बचाव कार्य आगे बढ़ा, यह संख्या बढ़ती गई।
11 फायर इंजन आग बुझाने में लगेफायर ब्रिगेड को सुबह 9:37 बजे आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद पाटनचेरु, संगारेड्डी, कुकटपल्ली, मधापुर, जीदीमेटला और राजेंद्रनगर से 11 फायर इंजन मौके पर भेजे गए। इन फायर इंजनों ने आग बुझाने का काम शुरू किया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत रोबोट भी लगाए गएस्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड के अलावा NDRF (National Disaster Response Force) और SDF (State Disaster Response Force) की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। आग बुझाने के लिए दो रोबोट भी इस्तेमाल किए गए। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने सोमवार शाम तक आग बुझाने का काम किया। मंगलवार को उन्होंने मलबे में दबे लोगों की तलाश फिर से शुरू की।
सूचना मिलने के 20 मिनट के अंदर पहुंची टीमेंइंस्पेक्टर जनरल वी सत्यनारायण ने बताया कि पसमैलारम में Sigachi Pharma नाम की एक केमिकल फैक्ट्री में यह धमाका हुआ। यह घटना सुबह 8:15–9:35 बजे के बीच हुई। पुलिस को 10 मिनट के अंदर सूचना मिल गई थी। हम 20 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गए। NDRF, SDF और अन्य बचाव टीमें, 10 फायर इंजनों के साथ मौके पर पहुंचीं। अब तक छह शव मिले हैं, और दो लोगों की चंदा नगर में इलाज के दौरान मौत हो गई...आग बुझाने का काम अभी भी जारी है, और बचाव अभियान चल रहा है।
घटना के समय 90 कर्मचारी थे मौजूदबताया जा रहा है कि फैक्ट्री में लगभग 150 कर्मचारी काम करते थे। धमाके के समय लगभग 90 कर्मचारी उस जगह पर मौजूद थे जहां धमाका हुआ। इस घटना ने एक बार फिर इलाके में फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। संगारेड्डी-पशामैलारम इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। कुछ समय पहले संगारेड्डी में एक फार्मा यूनिट में धमाका हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 14 घायल हो गए थे। 2023 में पशामैलारम में हुए एक और हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी।
बीजेपी ने की जांच की मांगतेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी कर्मचारी अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। विपक्ष, BJP ने इस धमाके की जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है। BJP MLA पायल शंकर ने कहा कि राज्य सरकार को घायलों का अच्छा इलाज कराना चाहिए। यह कैसे हुआ? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या सुरक्षा नियमों का पालन किया गया था? अगर ऐसी जगह पर धमाका होता है जहां भीड़ होती है, तो और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस घटना की जांच होनी चाहिए।
24 घंटे लगातार चला रेस्क्यू ऑपरेशनसोमवार सुबह 8:15 से 9:35 के बीच फैक्ट्री में जोरदार धमाका हुआ। धमाके के बाद फैक्ट्री का एक बड़ा हिस्सा गिर गया और आग लग गई। आग लगने के बाद कई टीमें मौके पर पहुंची और बचाव कार्य शुरू किया गया। हादसा इतना भयंकर था कि बचाव कार्य मंगलवार तक जारी रहा।
फैक्ट्री का ढांचा पूरी तरह तबाहतेलंगाना के स्वास्थ्य मंत्री ने कहा था कि 12 लोगों की मौत हो गई है और 34 लोगों का इलाज चल रहा है। हमें उम्मीद है कि और मौतें नहीं होंगी। लेकिन बाद में मलबे से और शव मिले, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ गई। कई घायल लोगों ने भी अस्पताल में दम तोड़ दिया। धमाका इतना जोरदार था कि फैक्ट्री का ढांचा पूरी तरह से तबाह हो गया। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि शुरू में मलबे से पांच शव निकाले गए थे। जैसे-जैसे बचाव कार्य आगे बढ़ा, यह संख्या बढ़ती गई।
11 फायर इंजन आग बुझाने में लगेफायर ब्रिगेड को सुबह 9:37 बजे आग लगने की सूचना मिली। इसके बाद पाटनचेरु, संगारेड्डी, कुकटपल्ली, मधापुर, जीदीमेटला और राजेंद्रनगर से 11 फायर इंजन मौके पर भेजे गए। इन फायर इंजनों ने आग बुझाने का काम शुरू किया।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ समेत रोबोट भी लगाए गएस्थानीय पुलिस और फायर ब्रिगेड के अलावा NDRF (National Disaster Response Force) और SDF (State Disaster Response Force) की टीमें भी मौके पर पहुंचीं। आग बुझाने के लिए दो रोबोट भी इस्तेमाल किए गए। फायर ब्रिगेड के कर्मचारियों ने सोमवार शाम तक आग बुझाने का काम किया। मंगलवार को उन्होंने मलबे में दबे लोगों की तलाश फिर से शुरू की।
सूचना मिलने के 20 मिनट के अंदर पहुंची टीमेंइंस्पेक्टर जनरल वी सत्यनारायण ने बताया कि पसमैलारम में Sigachi Pharma नाम की एक केमिकल फैक्ट्री में यह धमाका हुआ। यह घटना सुबह 8:15–9:35 बजे के बीच हुई। पुलिस को 10 मिनट के अंदर सूचना मिल गई थी। हम 20 मिनट के अंदर मौके पर पहुंच गए। NDRF, SDF और अन्य बचाव टीमें, 10 फायर इंजनों के साथ मौके पर पहुंचीं। अब तक छह शव मिले हैं, और दो लोगों की चंदा नगर में इलाज के दौरान मौत हो गई...आग बुझाने का काम अभी भी जारी है, और बचाव अभियान चल रहा है।
घटना के समय 90 कर्मचारी थे मौजूदबताया जा रहा है कि फैक्ट्री में लगभग 150 कर्मचारी काम करते थे। धमाके के समय लगभग 90 कर्मचारी उस जगह पर मौजूद थे जहां धमाका हुआ। इस घटना ने एक बार फिर इलाके में फैक्ट्रियों में होने वाले हादसों पर सवाल खड़े कर दिए हैं। संगारेड्डी-पशामैलारम इंडस्ट्रियल कॉरिडोर में पहले भी कई हादसे हो चुके हैं। कुछ समय पहले संगारेड्डी में एक फार्मा यूनिट में धमाका हुआ था, जिसमें छह लोगों की मौत हो गई थी और 14 घायल हो गए थे। 2023 में पशामैलारम में हुए एक और हादसे में तीन लोगों की जान चली गई थी।
बीजेपी ने की जांच की मांगतेलंगाना के मुख्यमंत्री ए रेवंत रेड्डी ने इस घटना पर दुख जताया है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि जो भी कर्मचारी अभी भी फंसे हुए हैं, उन्हें बचाने के लिए सभी जरूरी कदम उठाए जाएं। विपक्ष, BJP ने इस धमाके की जांच की मांग की है और दोषियों पर कार्रवाई करने की बात कही है। BJP MLA पायल शंकर ने कहा कि राज्य सरकार को घायलों का अच्छा इलाज कराना चाहिए। यह कैसे हुआ? इसके लिए कौन जिम्मेदार है? क्या सुरक्षा नियमों का पालन किया गया था? अगर ऐसी जगह पर धमाका होता है जहां भीड़ होती है, तो और भी ज्यादा नुकसान हो सकता है। इस घटना की जांच होनी चाहिए।
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