चार बहनों में सबसे छोटी हरलीन कौर रेखी ने कैसे की एक्टिंग की शुरुआत? पौराणिक शो का हिस्सा बनकर हरलीन के जीवन में क्या बदलाव आया? ‘संडे स्टार’ में जानिए ‘हमारे राम’ शो के माध्यम से देशभर में माता सीता के रूप में जानी जाने वाली हरलीन की सक्सेस जर्नी। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम @harleenrekhiofficial)
मुझे परिवार में सबका प्यार मिला
हम चारों बहनों को मम्मी-पापा ने कभी ये एहसास नहीं होने दिया कि हम बेटी हैं इसलिए कोई काम नहीं कर सकती। मैं सबसे छोटी हूं तो मुझे घर में सबका लाड़ प्यार मिला। दिल्ली में बीकॉम की पढ़ाई के दौरान मुझे एक्टिंग में रुचि हुई।
एक दिन टीवी देखते हुए मैंने मां से कहा कि मैं भी एक्टिंग करना चाहती हूं। मां ने मेरा हौसला बढ़ाया। हमने थिएटर के बारे में पता किया। फिर मैंने एक साल थिएटर वर्कशॉप ग्रुप में काम किया। मैं कथक डांसर और वॉयस ओवर भी आर्टिस्ट हूं।
एमबीए की पढ़ाई करते हुए मैंने दिल्ली के श्रीराम सेंटर से एक्टिंग में डिप्लोमा किया। 2011 से मैंने थिएटर में काम करना शुरू किया। कुछ एड फिल्म, शॉर्ट फिल्म में भी काम किया। उसके बाद मैं मुंबई आ गई।
'हमारे राम' शो पसंद किया जा रहा है

मुंबई आकर मुझे पौराणिक शो में काम करने का मौका मिला। मैंने 'श्रीमद् रामायण' में मंदोदरी का किरदार निभाया। पुनीत इस्सर जी के साथ ‘महाभारत’ प्ले में द्रौपदी का किरदार निभाया। ‘काकभुशुण्डि रामायण’ में काम किया। ‘हनीमून फोटोग्राफर’ और ‘रणनीति’ वेब सीरीज में भी काम किया।
फिलहाल मैं स्टेज प्रोडक्शन 'हमारे राम' में माता सीता की भूमिका निभा रही हूं। इस शो में पहले मेरा सिलेक्शन शूर्पणखा के रोल के लिए हुआ था। लेकिन बाद में प्रोड्यूसर ने कहा कि मुझे माता सीता का किरदार निभाना है। ये मेरे लिए ईश्वर की कृपा जैसा है। ‘हमारे राम’ शो को दर्शकों का इतना प्यार मिल रहा है कि देशभर में इसके 280 से अधिक शो हो चुके हैं। दुबई में भी 'हमारे राम' की प्रस्तुति हो चुकी है।
शो में राहुल भूचर प्रभु राम और आशुतोष राणा रावण की भूमिका में हैं। आशुतोष राणा जी की एक्टिंग हम बचपन से देखते आ रहे हैं। उनके साथ मंच साझा करना मेरा सौभाग्य है। राहुल भूचर जी से हमेशा कुछ नया सीखने को मिलता है इसलिए उनके साथ काम करने का लालच कभी कम नहीं होता। इसके अलावा मैं पौराणिक टीवी शो 'कामधेनु गौ माता' में मुख्य भूमिका निभा रही हूं।
माता सीता के किरदार ने मुझे बदला
'हमारे राम' में माता सीता का किरदार निभाना मेरे लिए ईश्वर की कृपा जैसा है। मेरा ये मानना है कि आपको ऐसे किरदार तभी मिलते हैं जब ईश्वर आपको चुनते हैं। मैं लगभग दो वर्षों से इस प्ले का हिस्सा हूं। माता सीता का किरदार निभाते हुए दर्शकों का इतना प्यार मिलता है कि अपने आप जिम्मेदारी का एहसास होने लगता है।
माता सीता का किरदार निभाने के बाद मेरे व्यवहार में बहुत बदलाव आया। मैं बहुत शांत हो गई हूं। मेरी हमेशा ये कोशिश रहती है कि मैं किसी का दिल न दुखाऊँ। 'हमारे राम' शो को दर्शक इतने श्रद्धाभाव से देखते हैं कि हर शो के बाद जिम्मेदारी बढ़ जाने का एहसास होता है।
उस महिला ने मुझे दक्षिणा दी
शुरू-शुरू में जब लोग हमारे पैर छूते थे तो बहुत बुरा लगता था। बाद में इस बात का एहसास हुआ कि वो हमारे नहीं उस स्वरूप के पैर छू रहे हैं। जब लोग हमें नॉर्मल कपड़ों में भी पहचान जाते हैं तब बहुत खुशी होती है।
जब हमारा शो वाराणसी में हुआ तो अगले दिन मैं एटरपोर्ट में फ्लाइट का इंतजार कर रही थी। तभी एक छोटी बच्ची मेरे पास आई और बोली, “कल रात आप ही माता सीता बनी थीं ना?” लड़की ने बताया कि उसने हमारा शो देखा।
दिल्ली में शो के बाद एक बुजुर्ग दंपति भीगी आंखें लिए हमारे पास आए। उन्होंने हमारे पैर छुए। फिर महिला ने मुझे दक्षिणा स्वरूप पैसे दिए। मैंने मना किया तो महिला रोने लगीं। उनकी दी हुई दक्षिणा अभी भी मेरे मंदिर में रखी हुई है।
पेरेंट्स की बात याद है

मेरे पेरेंट्स हमेशा मुझे समझाते हैं कि समय चाहे अच्छा हो या बुरा अपना व्यवहार हमेशा एक जैसा रखो। जो मिला है उसके लिए यूनिवर्स का धन्यवाद करो। हमेशा विनम्र रहो। फलों से लदा हुआ पेड़ विनम्रता का प्रतीक है। इंसान को भी कामयाबी मिलने पर विनम्रता नहीं छोड़नी चाहिए।
माता सीता के किरदार ने मुझे विनम्रता सिखाई। ‘हमारे राम’ शो की बढ़ती लोकप्रियता मुझे जिम्मेदारी का एहसास कराती है। मैं अब पर्सनल और प्रोफेशनल लाइफ में शांत और विनम्र रहना सीख गई हूं।
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