गुजराती लोगों का पहनावा बहुत अलग होता है। 'तारक मेहता का उल्टा चश्मा' की 'दया भाभी' तो आपको याद ही होंगी। जो हमेशा बांधनी साड़ी पहनी दिखती थीं। पूरे भारत में मिलने वाली कई दर्जनों तरह की साड़ी एक तरफ और गुजरात की बांधनी साड़ी एक तरफ। पर आखिर इस साड़ी में ऐसा क्या खास है?
बांधनी साड़ी का इतिहास 5 हजार साल से भी पहले का बताया जाता है। एक समय पर राजघरानों और धनी परिवार के लोग इसे पहना करते थे। लेकिन धीरे- धीरे यह कला गुजरात के संस्कृति का हिस्सा बन गई। जिसे आजतक वहां के लोग आगे बढ़ा रहे हैं। तभी अंबानी परिवार की महिलाएं भी अक्सर बांधनी साड़ी पहनकर खूबसूरती दिखाती हैं। आइए जानते हैं बांधनी साड़ी के बारे में विस्तार से। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@disha_vakani)
आखिर बांधनी शब्द का मतलब क्या है?
बांधनी साड़ी को मार्केट में बेच रहे लोग और इसे पहनने वाली महिलाओं ने भी नहीं सोचा होगा कि आखिर बांधनी शब्द आया कहां से है। तो बता दें कि 'बांधनी' शब्द संस्कृत भाषा के 'बंधना' से लिया गया है। जिसका मतलब होता है बांधना। यह नाम इस साड़ी को तैयार करने वाली तकनीक को देखकर रखा गया है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@manishmalhotraworld)
5000 साल पुराना है इसका इतिहास

माना जाता है कि फारसी व्यापारी इस तकनीक को भारत में लाए थे। और, फिर खत्री समुदाय ने इस तकनीक से साड़ी बनाना शुरू किया। मुगल काल में भी इस कला ने ग्रो किया और पॉपुलर हो गई। गुजरात के अलावा बांधनी साड़ी को राजस्थान, पंजाब और तमिलनाडु के कई क्षेत्रों में भी तैयार किया जाता है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@deepikapadukone)
टाई-एंड-डाई तकनीक से होती है तैयार
भारत में मिलने वाली हर साड़ी को तैयार करने का अलग तरीका है। बांधनी साड़ी को टाई-एंड-डाई तकनीक से तैयार किया जाता है। साड़ी को छोटे- छोटे हिस्सों में बांधने के बाद रंगा जाता है। जिससे पूरे कपड़े पर अलग- अलग सुंदर और जटिल पैटर्न बन जाते हैं। फिर जब कपड़ा सुख जाता है तो उसे खोल दिया जाता है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@saratendulkar, aliabhatt)
इस वजह से भी है बहुत खास
गुजरात और राजस्थान के कई हिस्सों में हर खास त्यौहार और शादी जैसे मौकों पर बांधनी साड़ी जरूर पहनी जाती है। इसके पीछे की वजह स्टाइल और फैशन से नहीं जुड़ी है। दरअसल, इस साड़ी के चटकीले रंग और अलग- अलग डिजाइन खुशी और समृद्धि को दिखाते हैं। इसलिए इस साड़ी को पहनना शुभ भी माना जाता है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@geneliad)
एक साड़ी पर होते हैं हजारों डॉट
बांधनी साड़ी की खूबसूरती ऐसे ही महिलाओं को दीवाना नहीं बनाती। हर साड़ी पर कई रंगों से इफेक्ट डाले जाते हैं। एक बांधनी साड़ी पर कई हजारों डॉट होते हैं, जो इसकी खूबसूरती को हटकर बनाते हैं। डिजाइन जितना बारीक होता है, साड़ी उतनी ही ज्यादा सुंदर दिखती है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@diamirzaofficial)
जब सोनम ने पहनी थी 35 साल पुरानी घरचोला साड़ी

बांधनी साड़ी कई तरह की होती है। जिनमें से एक घरचोला साड़ी है। सोनम कपूर ने 2024 में 35 साल पुरानी अपनी मम्मी की घरचोला साड़ी पहनकर खूबसूरती दिखाई थी। यह शब्द घर और चोला से बना है। जो दूल्हे के घर में नयी दुल्हन के स्वागत के लिए दी जाती है। फेरों में सास अपनी बहू को इस साड़ी को देती है। (फोटो साभार: इंस्टाग्राम@sonamkapoor)
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