मनीष सिंह, ग्रेटर नोएडा: निक्की भाटी की मौत ने सबको झकझोर कर रख दिया है। निक्की के पिता भिखारी सिंह का कहना है कि दहेज में हर एक चीज देने के बावजूद भी ससुराल वालों का मन नहीं भरा। दहेज लोभियों की लगातार पैसों की मांग ने उनकी खुशियां उजाड़ दी। पिता की नम आंखों और भरे गले से निकलते हर एक शब्द में बेटी की मौत का दर्द साफ नजर आता है। उन्होंने अपने दामाद विपिन भाटी पर बेटी के ब्यूटी पार्लर से पैसे चुराने का आरोप लगाया है।
भिखारी सिंह ने कहा कि उन्होंने निक्की की शादी बड़े धूमधाम के साथ की थी। अपनी हैसियत के अनुसार, स्कॉर्पियो गाड़ी, एक बुलेट और सोने चांदी के आभूषणों सहित सभी सामान दिए थे। खुद की हैसियत से अधिक शादी में खर्च किया। इसके बावजूद दामाद की लालच बढ़ती जा रही थी। वह हर बार लाखों रुपये की मांग करता रहता था। इतना ही नहीं, उसने मर्सिडीज गाड़ी की भी डिमांड रख डाली थी। अंततः 35 लाख रुपये कैश देने की दबाव बनाने लगा। इसके बाद कई बार पंचायत बुलाई गई, लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।
'पिता की दुकान से भी पैसे चुराता था विपिन'रुंधे गले से भिकारी सिंह कहते हैं कि उन्होंने अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक रूप से उनकी सहायता की। उनका ब्यूटी पार्लर खुलवाया जिससे वह खुद का खर्चा चला सकें और अपने बच्चों की अच्छे से परवरिश कर सके। लेकिन लालची दामाद उसके पार्लर से भी पैसे चुरा कर ले जाता था। वह खुद तो कुछ काम-धंधा करता नहीं था और जो निक्की काम करती, उसकी कमाई भी चुरा लेता था। दामाद के पिता की खुद की भी दुकान थी, वहां से भी वह पैसे चुराता था।
'21 की रात निक्की की आखिरी रात बन गई'21 तारीख की रात निक्की की जीवन की आखिरी रात बन गई। परिजनों के मुताबिक, उस दिन निक्की के साथ उसके पति और ससुराल वालों ने पहले तो उसके साथ मार पिटाई की फिर उसके गले पर हमला किया गया। इसके बाद निक्की बेहोश हो गई। इतने से मन नहीं भरा तो उसके ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर उसको आग के हवाले कर दिया। जैसे तैसे परिजनों व पड़ोसियों ने आग की लपटों से निक्की को बचाया और पहले निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। उसके बाद उसे फोर्टिस रेफर किया गया। बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफेर किया गया, लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले ही निक्की ने रास्ते में ही अपना दम तोड़ दिया।
भिखारी सिंह ने कहा कि उन्होंने निक्की की शादी बड़े धूमधाम के साथ की थी। अपनी हैसियत के अनुसार, स्कॉर्पियो गाड़ी, एक बुलेट और सोने चांदी के आभूषणों सहित सभी सामान दिए थे। खुद की हैसियत से अधिक शादी में खर्च किया। इसके बावजूद दामाद की लालच बढ़ती जा रही थी। वह हर बार लाखों रुपये की मांग करता रहता था। इतना ही नहीं, उसने मर्सिडीज गाड़ी की भी डिमांड रख डाली थी। अंततः 35 लाख रुपये कैश देने की दबाव बनाने लगा। इसके बाद कई बार पंचायत बुलाई गई, लेकिन उसका भी कोई नतीजा नहीं निकला।
'पिता की दुकान से भी पैसे चुराता था विपिन'रुंधे गले से भिकारी सिंह कहते हैं कि उन्होंने अपनी बेटियों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए आर्थिक रूप से उनकी सहायता की। उनका ब्यूटी पार्लर खुलवाया जिससे वह खुद का खर्चा चला सकें और अपने बच्चों की अच्छे से परवरिश कर सके। लेकिन लालची दामाद उसके पार्लर से भी पैसे चुरा कर ले जाता था। वह खुद तो कुछ काम-धंधा करता नहीं था और जो निक्की काम करती, उसकी कमाई भी चुरा लेता था। दामाद के पिता की खुद की भी दुकान थी, वहां से भी वह पैसे चुराता था।
'21 की रात निक्की की आखिरी रात बन गई'21 तारीख की रात निक्की की जीवन की आखिरी रात बन गई। परिजनों के मुताबिक, उस दिन निक्की के साथ उसके पति और ससुराल वालों ने पहले तो उसके साथ मार पिटाई की फिर उसके गले पर हमला किया गया। इसके बाद निक्की बेहोश हो गई। इतने से मन नहीं भरा तो उसके ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर उसको आग के हवाले कर दिया। जैसे तैसे परिजनों व पड़ोसियों ने आग की लपटों से निक्की को बचाया और पहले निजी अस्पताल में लेकर पहुंचे। उसके बाद उसे फोर्टिस रेफर किया गया। बाद में दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल रेफेर किया गया, लेकिन वहां तक पहुंचने से पहले ही निक्की ने रास्ते में ही अपना दम तोड़ दिया।
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