दोहा: कतर की सरकार ने जब बीते साल की शुरुआत में भारतीय नौ सेना के 8 पूर्व कर्मियों की रिहाई का आदेश दिया, तो इसे नई दिल्ली की बड़ी कूटनीतिक जीत माना गया। इन पूर्व नौसैनकिों को अज्ञात मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। इन आठ सैनिकों को रिहा किए गए अब 17 महीने बीत चुके हैं। इनमें से सात तो भारत पहुंच गए, लेकिन आठवें कमांडर पूर्णेंदु तिवारी की अब तक वापसी नहीं हो पाई है। उन्हें कतर में अधिकारियों ने आखिरी वक्त में रोक लिया था और तब से उन पर यात्रा प्रतिबंध लगा हुआ है।
किस वजह से नहीं हुई वापसी
पूर्णेंदु तिवारी के वापस न लौट पाने की प्रमुख वजह छह अन्य लोगों के साथ उन पर एक अलग मामले में चल रहा मुकदमा है। वित्तीय हेराफेरी के मामले में तिवारी के साथ 6 अन्य लोग हैं, जिनमें स्थानीय कतरी भी शामिल हैं। इस मामले में कुछ सुनवाइयां हो चुकी हैं। बहस भी हुई है, लेकिन अदालती कार्यवाही धीमी है।
13 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
मामले की पिछली सुनवाई जून में हुई थी और अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है। मामले से परिचित एक सूत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात का कोई सुराग नहीं है कि इसमें कितना सयम लगेगा और कमांडर तिवारी की यात्रा पर लगा प्रतिबंध कब हटेगा, जिससे वे भारत लौट सकें।
17 महीने तक बिताई थी कैद
हालांकि, कमांडर तिवारी अब बंदी नहीं हैं, लेकिन जब तक वे इस मामले में आरोपों से मुक्त नहीं हो जाते, तब तक वे दोहा नहीं छोड़ सकते। उनके खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं। बता दें कि कतर ने अगस्त 2022 में 8 भारतीय पूर्व सैनिकों को अज्ञात मामले में गिरफ्तार किया था। 17 महीने तक बंदी रहने के बाद भारत सरकार के प्रयासों से 12 फरवरी 2024 को आठों को दोहा जेल से रिहा किया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कमांडर तिवारी इस मामले में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वापस लौट आएंगे। भारत में रह रहीं उनकी 80 वर्षीय मां बीमार है, जो उनकी वापसी का इंतजार कर रही हैं।
किस वजह से नहीं हुई वापसी
पूर्णेंदु तिवारी के वापस न लौट पाने की प्रमुख वजह छह अन्य लोगों के साथ उन पर एक अलग मामले में चल रहा मुकदमा है। वित्तीय हेराफेरी के मामले में तिवारी के साथ 6 अन्य लोग हैं, जिनमें स्थानीय कतरी भी शामिल हैं। इस मामले में कुछ सुनवाइयां हो चुकी हैं। बहस भी हुई है, लेकिन अदालती कार्यवाही धीमी है।
13 अगस्त को होगी अगली सुनवाई
मामले की पिछली सुनवाई जून में हुई थी और अगली सुनवाई 13 अगस्त को होनी है। मामले से परिचित एक सूत्र के हवाले से एक रिपोर्ट में कहा गया है कि इस बात का कोई सुराग नहीं है कि इसमें कितना सयम लगेगा और कमांडर तिवारी की यात्रा पर लगा प्रतिबंध कब हटेगा, जिससे वे भारत लौट सकें।
17 महीने तक बिताई थी कैद
हालांकि, कमांडर तिवारी अब बंदी नहीं हैं, लेकिन जब तक वे इस मामले में आरोपों से मुक्त नहीं हो जाते, तब तक वे दोहा नहीं छोड़ सकते। उनके खाते भी फ्रीज कर दिए गए हैं। बता दें कि कतर ने अगस्त 2022 में 8 भारतीय पूर्व सैनिकों को अज्ञात मामले में गिरफ्तार किया था। 17 महीने तक बंदी रहने के बाद भारत सरकार के प्रयासों से 12 फरवरी 2024 को आठों को दोहा जेल से रिहा किया गया। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा है कि कमांडर तिवारी इस मामले में कानूनी औपचारिकताएं पूरी करने के बाद वापस लौट आएंगे। भारत में रह रहीं उनकी 80 वर्षीय मां बीमार है, जो उनकी वापसी का इंतजार कर रही हैं।
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